भाजपा के दिग्गजों के निधन के बाद, अब ये संभाल सकते हैं नेतृत्व की दूसरी पंक्ति

पिछले एक साल में भारतीय जनता पार्टी ने अपने कई महत्वपूर्ण और बड़े चेहरों को खोया है जिन्होंने इस पार्टी की स्थापना के समय से ही पार्टी को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका अदा की थी। ऐसे नेताओं में गोपीनाथ मुंडे, फिर अनिल दवे, अटल बिहारी वाजपेयी, मनोहर पर्रिकर, अनंत कुमार, सुषमा स्वराज और अब अरुण जेटली का नाम आता है। यह सभी नेता भारत के निष्ठावान नेताओं में अपनी पहचान रखते थे। ये सभी नेता भाजपा के फ़र्स्ट जनरेशन के नेता कहे जाते हैं और अब इनके जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी को आगे बढ़ाने का पूरा दारोमदार सेकंड जेनेरेशन के नेताओ के कंधों पर आ चुका है। हालांकि पीएम मोदी, राजनाथ सिंह और अमित शाह जैसे नेता वर्ष 2014 से ही यह ज़िम्मेदारी बड़ी बखूबी से निभा रहे हैं। आज ये सभी नेता सफल हैं तो भाजपा के गोपीनाथ मुंडे, अनिल दवे, अटल बिहारी वजपेयी जैसे नेताओं की वजह से ही है जिन्होंने पीएम मोदी और शाह जैसे नेताओं को पहचाना और उन्हें राजनीति में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान किए।

अब पीएम मोदी और अमित शाह को इसी बात से प्रेरणा लेनी होगी और पार्टी के भविष्य के लिए नए नेताओं की फौज को तैयार करना होगा। आज के समय में यदि देखें तो भारत की सभी पार्टियां नेतृत्व संकट से जूझ रही है। कांग्रेस गांधी परिवार के ही इर्द-गिर्द घूम रही है तो आरजेडी लालू के जेल जाने के बाद बिखर चुकी है। तृणमूल कांग्रेस में भी ममता के बाद कोई ऐसा नेता नहीं दिखता है जो प्रभावी हो और नेतृत्व कर सके। बसपा की भी यही हालत है जो तृणमूल कांग्रेस की है।

इन सब से सीखते हुए मोदी-शाह की जोड़ी को अब अगले जनरेशन के नेताओं को पहचान कर उन्हें मौका देने के प्लान पर काम कर रही है ताकि ये लोग पार्टी के ध्वज को ऊंचा रखते हुए भारत के लोकतन्त्र में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखें। ऐसे कई नेता इस वक्त या तो पहले ही कैबिनेट का हिस्सा हैं या फिर अलग-अलग राज्यों की राजनीति में छाए हुए हैं। आईए आज हम ऐसे ही नेताओं के बारे में आपको बताते हैं जो आने वाले समय में भाजपा का नेतृत्व संभाल सकते है।

पहला नाम भाजपा नेता राम माधव का आता है। राम माधव भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। वह लेखक और पत्रकार हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। यह राम माधव ही हैं जिन्होंने भाजपा को पूर्वोतर राज्यों में स्थापित किया है। असम में चुनाव रणनीति बनाने की ज़िम्मेदारी से लेकर अन्य राज्यों में चुनावों का दायित्व उन्हें ही मिला है।

दूसरा नाम अनुराग ठाकुर का आता है। इस बार हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के युवा नेता अनुराग ठाकुर लगातार चौथी बार जीतकर संसद पहुंचे थे। इस बार उन्हें वित्त मंत्रालय का राज्य मंत्री भी बनाया गया है। एक दौर में अनुराग ठाकुर ने भारतीय जनता युवा मोर्चा का अध्यक्ष रहते हुए कोलकाता से श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए एकता यात्रा भी निकाली थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे एक साहसिक और निडर नेता हैं। 44 वर्षीय ठाकुर मई 2016 से फरवरी 2017 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे। अनुराग को 2011 में सर्वश्रेष्ठ युवा सांसद का पुरस्कार मिला था।

इस सूची में तीसरा नाम नित्यानन्द राय का आता है। नित्यानंद राय को केंद्र सरकार में गृह राज्य मंत्री बनाया गया है। इन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के साथ मिलकर कई बिल संशोधनों को पारित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नित्यानंद राय को बिहार बीजेपी की कमान साल 2016 में सौंपी गई थी। उन्होंने बिहार में बीजेपी को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई। नित्यानंद राय ने इस बार 2019 लोकसभा चुनाव में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा जैसे प्रत्याशी को हराया था।

चौथा नाम बैजयन्त जय पांडा का आता है जो इस बार तो चुनाव हार गए लेकिन यह अरुण जेटली जैसे बुद्धिजीवी नेता के श्रेणी में गिने जाते है। बैजयन्त ‘जय’ पांडा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आधिकारिक प्रवक्ता हैं। अगला नाम पूनम महाजन का आता है। पूनम महाजन दिवंगत भाजपा नेता प्रमोद महाजन की पुत्री हैं। वर्ष 2006 में अपने पिता की हत्या के बाद पूनम ने राजनीति में कदम रखा। कुछ साल तक पार्टी संगठन में काम करने के बाद उन्हें 2010 में भाजपा ने भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था और यह तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। यह एक प्रखर वक्ता है तथा अनेक मुद्दों पर पार्टी का नेतृत्व करती हैं।

अगला नाम किशन रेड्डी का आता है जो वर्तमान में गृह मंत्रालय के राज्य मंत्री है। किशन रेड्डी अमित शाह के साथ उनकी देख-रेख में भारत को आतंकवाद के खतरों से सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभा रहे है। वे आंध्र प्रदेश के एक पिछड़े गांव थिमपुर में पैदा हुए, और राष्ट्रीय नेता के पद पर पहुंचे। अपने कॉलेज के दिनों में, उन्होंने जागरूकता कार्यक्रमों को व्यवस्थित करने के लिए पहल की, जो आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार की उदासीनता को उजागर करते थे।

भाजपा के अनेक राज्यों में भी कई ऐसे नेता है जो राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उनमें सबसे पहले सुधीर मुनगंटीवार का नाम आता है। वर्तमान में वह देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट में वित्त मंत्री है। इससे पहले वह महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्ष 2017 में इनके नेतृत्व में वित्त तथा वन विभाग को आईएसओ (ISO) यानि International Organisation for Standardization (ISO) certification मिला था।

अगला नंबर कैप्टन अभिमन्यु का आता है जो भविष्य में भाजपा के बड़े नेता बनने की राह पर है। वर्तमान में वह हरियाणा में पहली बार बनी भाजपा सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री हैं और इनके पास वित्त, राजस्व एवं आबकारी जैसे 8 अहम् विभागों की जिम्मेदारी है। कैप्टन अभिमन्यु भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। संगठनात्मक गतिविधियों का संचालन करने के वृहद अनुभव और जमीन से जुड़े मुद्दों के बारे में गहरी समझ को देखते हुए उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश और पंजाब में भाजपा का सह-प्रभारी बनाया गया था। कैप्टन अभिमन्यु ज़मीन से जुड़े हुए ऐसे नेता हैं जो प्रगतिशील, सकारात्मक और व्यावहारिक हैं और नई पीढ़ी की राजनीति के प्रतीक माने जाते हैं। लगभग 6 वर्ष तक भारतीय सेना में सेवा करने और पहले ही प्रयास में सन् 1994 में देश की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली सिविल सर्विस परीक्षा को क्वालीफाई करने के बावजूद इन्होंने राजनीति में कदम रखना उचित समझा।

इस कड़ी में अगला नाम मनसुख एल. मांडविया का आता है। वर्तमान में वह भारत सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत-परिवहन तथा रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री हैं। उन्होंने भावनगर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है। नब्बे के दशक के मध्य में अपना राजनीतिक जीवन प्रारम्भ करने के बाद बहुत कम समय में ही वे आम लोगों के एक सम्मानित राजनेता बने हैं।

ऐसे ही कई नेता है जो अभी भी पर्दे के पीछे से अपनी भूमिका अदा कर रहे है और समय आने पर नेतृत्व करने का क्षमता रखते है। और ऐसे नेताओं की सूची काफी लंबी है। इसका साफ मतलब है जिस पार्टी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से नेताओं को चुना जाता हो वहाँ कभी नेतृत्व संकट नहीं आ सकता है। प्रधानमंत्री जानते हैं कि जैसे उन्हें उनके पूर्ववर्ती नेताओं ने मौका दिया, वैसे ही अब आने वाले समय के लिए भी नए नेताओं को तैयार करना आवश्यक है। इस वजह से इन सभी बड़े चेहरों को पीएम मोदी और अमित शाह भरपूर मौका दे रहे हैं। इससे बीजेपी का भविष्य उज्ज्वल नज़र आ रहा है, और अगर ऐसा होता है तो देश को भी बढ़िया नेताओं के रूप में अच्छा नेतृत्व मिल सकेगा।

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