Factcheck: क्या सच में हरियाणा के CM खट्टर ने कहा था ‘अब हम भी ला सकते हैं कश्मीरी बहू’?

खट्टर

PC: khabarindiatv

अनुच्छेद 370 के हटाये जाने के बाद से लेफ्ट लिबरल्स काफी बौखलाए हैं। कश्मीर में स्थिति को और तनावपूर्ण बनाने में असफल रहे लेफ्ट लिबरल्स ने एक बार फिर ‘फ़ेक न्यूज़’ यानि भ्रामक खबरों का सहारा लिया है, और इस बार इनके निशाने पर हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर है।

न्यूज़ एजेंसी ANI ने एक रिपोर्ट में मनोहर लाल खट्टर के बयान को शीर्षक में डालते हुए कहा, ‘खट्टर के अनुसार अब कश्मीरी लड़कियों को भी विवाह के लिए लाया जा सकता है’। इस खबर से मानो हमारे लेफ्ट लिबरल्स को जीवनदान मिल गया और इन सभी ने मनोहर लाल खट्टर को उनकी कथित ‘रूढ़िवादी सोच’ के लिए जमकर लताड़ा –

कुछ ट्वीट्स में मनोहर लाल खट्टर की आलोचना की गयी, तो कुछ ट्वीट्स में आरएसएस की विचारधारा पर भद्दी टिप्पणियां की गयी। परंतु क्या वास्तव में मनोहर लाल खट्टर ने ऐसा बयान दिया था?

सच्चाई तो इस बात से कोसों दूर है। दरअसल, मनोहर लाल खट्टर ने अपने भाषण में दो अहम मुद्दों पर अपना मज़ाकिया पक्ष रखा था। उन्होंने कहा, ‘हम लोगों ने योजनायें इतनी बनाई हैं जैसे ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’। आपको पता है हरियाणा कितना बदनाम था, लोग कहते थे कि यह बेटियों को मारने वाला प्रदेश है। लेकिन हमने अभियान चलाया, जो लिंग अनुपात में लड़कियों की संख्या 1000 लड़कों के मुक़ाबले 850 थी, अब यही संख्या बढ़कर 933 हो गयी है। मित्रों, 850 से 933 हो गयी हैं। ये समाज में परिवर्तन का काम है, आखिर बुजुर्ग लोग, नौजवान लोग, कोई भी व्यक्ति इस बात को समझेगा कि आने वाले समय में ये संकट खड़ा सकता है।

लड़कियां कम हो सकती हैं और लड़के ज़्यादा हो सकते हैं। तो हमारे धनकर जी [हरियाणा के ओपी धनकर] ने कहा कि बिहार से लानी पड़ेगी। अब कुछ लोग कह रहे हैं कि कश्मीर खुल गया तो वहां से लायेंगे। मज़ाक की बातें अलग हैं, लेकिन समाज में अनुपात ठीक होगा तो संतुलन ठीक बैठेगा’।

 

मनोहर लाल खट्टर के वास्तविक भाषण के सामने आने पर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने लेफ्ट लिबरल्स को जमकर लताड़ लगाई गयी। इस घटना से यह सिद्ध हो गया कि अपने एजेंडा की पूर्ति के लिए यह लेफ्ट लिबरल्स किसी भी हद तक जा सकते हैं –

हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है, जब भ्रामक खबरों के जरिये लेफ्ट लिबरल्स ने भाजपा या उनके नेताओं पर निशाना साधा हो। अभी हाल ही में ट्रेन 18 के उत्पादन को लेकर मीडिया ने बेहद भ्रामक खबरें फैलाई थी, जिसके कारण स्वयं भारतीय रेल्वे को सफाई देनी पड़ी थी।

इसके अलावा मनोहर लाल खट्टर को भी समय समय पर मीडिया द्वारा निशाना बनाया गया है। इसके अलावा जब उनके विरुद्ध भ्रामक खबरें फैलाने के कारण आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, तो आम आदमी पार्टी बिदक पड़ी और इस एक्शन को अवैध करार दे दिया –

 

सच पूछें तो अब लेफ्ट लिबरल्स के वर्तमान स्थिति पर क्रोध नहीं दया आती है। एक के बाद कई अहम निर्णयों के कारण इन्हें काफी गहरा आघात पहुंचा है, और लाईमलाइट में बने रहने के लिए ये ऐसे ओछे पोस्ट कर रहे हैं। परंतु भ्रामक खबरों के आधार पर किसी व्यक्ति की अवहेलना करना और उसे अपमानित करना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है।

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