क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी अब ‘पाकिस्तानी पार्टी’ बन चुकी है? 370 पर कांग्रेस का शर्मनाक रुख

अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस

PC: static.india

गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल और अनुच्छेद 370 के प्रभाव को कम करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। सोमवार को  जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को राज्यसभा से पास करा लिया गया था जहां इस बिल के समर्थन में 125 मत पड़े जबकि बिल के विरोध में सिर्फ 61 मत ही पड़े थे। कांग्रेस ने इस बिल का पुरजोर तरीके से विरोध किया था और यह विरोध आज लोकसभा में भी देखने को मिला। हालांकि, इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बेहद शर्मनाक बयान दिया। अधीर रंजन ने सरकार से यह सवाल पूछा कि क्या अनुच्छेद 370 का मुद्दा भारत का आतंरिक मामला है, और क्या भारत को इसपर एकतरफा फैसला लेने का अधिकार है? रंजन चौधरी के इस बेतुके सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जोरदार जवाब दिया और उनसे पूछा कि क्या कांग्रेस पीओके को भारत का हिस्सा मानती है या नहीं!

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत सरकार के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने के लिए पाकिस्तान की भाषा बोलना उचित समझा। वह पाकिस्तान ही है, जो कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करना चाहता है और भारत हमेशा से ही कश्मीर को अपना अभिन्न हिस्सा मानता आया है। इसलिए यह स्पष्ट है कि भारत कश्मीर को लेकर अगर कोई भी निर्णय लेता है तो वह भारत का आंतरिक मामला ही है। अधीर रंजन के इस सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने भी इसी बात को दोहराया। अमित शाह ने अधीर रंजन से पूछा कि क्या कांग्रेस पीओके और अक्साई चिन को भारत का हिस्सा मानती है या नहीं? उन्होंने आगे कहा कि आज भी पीओके और अक्साई चिन भारत का हिस्सा है। अमित शाह ने इस संबंध में कहा ‘जान दे देंगे इसके लिए’। शाह ने आगे कहा ‘मैं जब भी जम्मू-कश्मीर की बात करता हूं, तो उसमें पीओके और अक्साई चिन भी शामिल होता है’।   

अनुच्छेद 370 के मुद्दे को बाहरी बताने की कोशिश कर कांग्रेस ने एक बार फिर पाकिस्तान की पैरवी करने का काम किया है। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को लेकर यूएस से लेकर यूएन तक, सबके समक्ष मध्यस्थता की विनती करता रहा है। अभी पिछले महीने ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने की गुहार लगाई थी, और तब भारत ने यह स्पष्ट किया था कि इस मुद्दे पर भारत किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। हालांकि, इसके बाद भी कांग्रेस ने संसद में इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश करके देशहित के खिलाफ काम किया है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने भाजपा के विरोध के चक्कर में पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ावा दिया हो। इससे पहले जब भारत ने पाकिस्तान के बालकोट में एयरस्ट्राइक की थी, तो यह कांग्रेस के नेता ही थे जिन्होंने भारतीय वायुसेना का अपमान करते हुए पाकिस्तान की भाषा बोली थी। तब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था ‘भारतीय वायुसेना वहां आतंकी मारने गई थी, या पेड़ उखाड़ने’? इसके अलावा जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तो भी कांग्रेस ने ही सबसे पहले इसके सबूत पेश करने की मांग की थी।

बता दें कि उस वक्त पाकिस्तान की तरफ से भी ऐसी ही बातें की जा रही थी। कांग्रेस की इसी देश-विरोधी मानसिकता का नतीजा है कि आज उसके पास लोकसभा में सिर्फ 52 सांसद बचे हैं और पार्टी का जनाधार पूरी तरह कमजोर पड़ चुका है। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के आज के बयान से यह साफ हो चुका है कि कांग्रेस आज भी अपनी गलतियों से कुछ नहीं सीखी है।

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