TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

370 का हटना, देश के स्वाभिमान और विकास का सूरज उगना

न जाने कितनी आंखें जम्मू-कश्मीर पर लगे इस ग्रहण के समाप्त होने का सपना पाले संसार से चली गयीं, पर अनुच्छेद 370 का जख्म ठीक होने के बजाय नासूर बनता गया

Harish Chandra Srivastava द्वारा Harish Chandra Srivastava
17 August 2019
in मत, राजनीति
370 का हटना, देश के स्वाभिमान और विकास का सूरज उगना

(PC : The Indian Link)

Share on FacebookShare on X

एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संकल्प पूरा हो रहा है। भारत के एकीकरण में जो दृढ़ इच्छाशक्ति लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दिखाई थी, वैसी ही संकल्पबद्धता एवं साहस भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित भाई शाह ने जम्मू-कश्मीर के अभिशाप अनुच्छेद 370 को समाप्त कर प्रदर्शित किया है।

    महाराजा हरिसिंह द्वारा 26 अक्टूबर, 1947 को बिना शर्त भारत में रियासत का विलय किया गया था। लेकिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वो मजहबी उन्मादियों के नेता शेख अब्दुल्ला के साथ सांठगांठ कर जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग-थलग करने के लिये अनुच्छेद 370 करने का कुचक्र रचने लगे थे। नेहरू पर षडयंत्र का यह आरोप तब और मजबूत होने लगा, जब भारत की सेना कबाइलियों के वेश में आये पाकिस्तानी सेना के हमलावरों से पूरे कश्मीर का एक—एक इंच वापस लेने के लिये विजयी होती हुई आगे बढ़ रही थी, तभी अचानक उन्होंने अकारण ही एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा करके जम्मू-कश्मीर को विवादित बताते हुये स्वयं ही संयुक्त राष्ट्र में जाकर जनमत संग्रह कराने की पहल कराने का प्रस्ताव किया और तत्कालीन उपप्रधानमंत्री व गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के राष्ट्रीय एकीकरण की राह में एक तरह से बाधा बनते हुये, कश्मीर का विषय गृह मंत्रालय से छीनकर अपने पास रख लिया।

संबंधितपोस्ट

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

कितना भरोसेमंद है BBC? नई दिल्ली से तेल अवीव और वॉशिंगटन तक क्यों गिरती जा रही है बीबीसी की साख और विश्वसनीयता ?tfi

और लोड करें

जब नेहरू ने अचानक 17 अक्टूबर, 1949 को संसद में अपने कैबिनेट मंत्री गोपालस्वामी अयंगर से घोषणा करवायी कि वो जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 देना चाहते हैं, तो उन पर आरोप गहरा गया। आनन-फानन में बिना पर्याप्त चर्चा के लिये यह अनुच्छेद पारित कर दिया गया।

बाबा साहब आम्बेडकर पहले ही अनुच्छेद 370 का विरोध करते हुए इसका प्रारूप तैयार करने से मना कर चुके थे। बाबा साहब ने कहा था कि 370 जैसा अनुच्छेद तैयार करना और लागू करना देशद्रोह के समान है किंतु नेहरू नहीं माने और इसका प्रारूप एन. गोपालस्वामी अयंगर से तैयार करवाया। हालांकि नेहरू ने इस अनुच्छेद 370 को लागू करते समय देश को गुमराह करते हुये कहा कि यह अस्थाई है और जब स्थिति सामान्य होगी तो इसे हटा लिया जाएगा, लेकिन जब उन्होंने शेख अब्दुल्ला के साथ मिलकर वर्ष 1952 में अनैतिक समझौता ‘दिल्ली अग्रीमेंट’ करके अलगाववाद को और ईंधन देने वाले अनुच्छेद 35-ए लागू करने की पृष्ठभूमि तैयार की, तो संदेह बढ़ गया कि वो स्वयं ही जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से पूर्णतः अलग-थलग करने के षडयंत्रकारी हैं।

   भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती संगठन जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुखर विरोध करते हुये कहा कि अनुच्छेद 370 व ‘दिल्ली एग्रीमेंट’ से भारत टुकड़ों में बंट रहा है। डॉ मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा से पृथक करने के इस षडयंत्र के विरुद्ध संघर्ष करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने इस अनुच्छेद के विरुद्ध भूख हड़ताल की। एक ध्वज, एक विधान और एक प्रधान के नारे के साथ जब वे इसको समाप्त करने की मांग करते हुये आंदोलन के लिये जम्मू-कश्मीर जा रहे थे, तो केंद्र की नेहरू और राज्य की शेख अब्दुल्ला सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और 23 जून 1953 को हिरासत के दौरान ही उनकी रहस्यमय ढंग से हत्या (संदिग्ध मृत्यु) हो गई। फिर नेहरू ने वर्ष 1954 में अवैध तरीके एक प्रकार से सांसद व देश की जनता से धोखाधड़ी करते हुए अनुच्छेद 35-ए को भारतीय संविधान में जोड़ दिया।

11 सितम्बर, 1964 को आर्यसमाज के नेता व सांसद प्रकाशवीर शास्त्री (ओम प्रकाश त्यागी) ने अनुच्छेद 370 को हटाने का एक प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत किया। किंतु तत्कालीन गृहमंत्री गुलजारी लाल नंदा 4 दिसम्बर, 1964 को जवाब में इस विषय को टालते रहे, हालांकि उन्होंने इतना अवश्य कहा कि इस अनुच्छेद में कमियां हैं।

     तब से न जाने कितनी आंखें जम्मू-कश्मीर पर लगे इस ग्रहण के समाप्त होने का सपना पाले संसार से चली गयीं, पर अनुच्छेद 370 का जख्म ठीक होने के बजाय नासूर बनता गया। 70 साल की इस टीस को समाप्त किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने! इस अनुच्छेद को समाप्त करते हुये संसद में अमित शाह ने कहा, ‘यदि 1948 में सेनाओं को छूट दी गई होती तो आज पाक के कब्जे वाला कश्मीर नहीं होता, पूरा कश्मीर ही भारत का अंग होता। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साहस के कारण अनुच्छेद 370 का कलंक हटा है’। साथ ही गृह मंत्री ने स्पष्टता व ढृढ़ता से कहा, ‘मैंने जब भी संसद में जम्मू-कश्मीर की बात की है उसमे हमेशा पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और अक्साई चिन भी शामिल रहे हैं। नरेंद्र मोदी जी की सरकार इसे छोड़ने वाली नहीं है’।

   पर नेहरू की ऐतिहासिक भूल को सुधारकर जम्मू-कश्मीर को देश के विकास की मुख्यधारा के साथ एकीकृत करने के इस महान कार्य को कांग्रेस, पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस सहित अनेक विपक्षी दल सहन नहीं कर पा रहे हैं। देशहित के इतने बड़े कार्य के विरोध के पीछे इन दलों ने जो कारण बताये हैं, वे अविश्वसनीय हैं, भ्रम उत्पन्न करने वाले हैं। विशेषकर स्वयं को राष्ट्रीय पार्टी कहने वाली कांग्रेस का पाकिस्तान की भाषा बोलना दुर्भाग्यपूर्ण है।

    यह प्रश्न उठता है कि जिस विषय पर पूरा देश सरकार के साथ है, उस पर ये दल जनभावना व जनादेश का अपमान करते हुये विरोध करने का दुस्साहस कैसे कर पा रहे हैं? असल में उनके विरोध के कारण कुछ और हैं। इन कारणों में एक तो यह जान पड़ता है मजहबी आधार पर जम्मू-कश्मीर में जनांकिकीय असंतुलन बनाकर अलगाववाद व आतंकवाद को प्रश्रय देना, दूसरा कुछ परिवारों का भ्रष्टाचार और तीसरा जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास की धारा से दूर रखना, ताकि वे गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, विकासहीनता के दलदल में पड़े रहकर इन परिवारों के लिये वोटबैंक बने रहें और इनके आगे भीख मांगते हुये इनकी गुलामी करते रहें और इनके भ्रष्टाचार की ओर जनता का ध्यान न जाए।

   370 पर चर्चा के समय उत्तर देते हुये लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह जी ने बताया कि वर्ष 2004 से 2019 तक केंद्र सरकार की ओर से इस राज्य को 2 लाख 77 हजार करोड़ रुपये भेजे गये, वर्ष 2011-12 में केंद्र की ओर से देश में जहां प्रति व्यक्ति औसत 3683 रुपये भेजे गये वहीं जम्मू-कश्मीर में प्रति व्यक्ति 14255 रुपये गये, किंतु वहां की जनता आज भी गरीबी, बदहाली, दुर्दिन में जी रही है।

     ये धन कहां, किसकी जेब में गया? क्या ये इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि विरोधी अनुच्छेद 370 का कवच आतंकवाद और इसके वित्त पोषण एवं कुछ परिवारों के भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के लिये चाहते हैं?

     बात केवल आर्थिक पक्ष की ही नहीं है। यह अनुच्छेद अमानवीय, लोकतंत्र विरोधी तथा महिला, दलित, आदिवासी और गरीब विरोधी भी थी। इस अनुच्छेद के कारण जम्मू-कश्मीर में बाल विवाह निरोधी कानून लागू नहीं कर सकते थे, जैन व बौद्ध अल्पसंख्यकों के लिये अल्पसंख्यक आयोग नहीं बना सकते थे, अनुसूचित जाति व जनजाति के लिये राजनीतिक आरक्षण नहीं दे सकते थे, बच्चों को शिक्षा का अधिकार लागू नहीं कर सकते थे, भूमि अधिग्रहण अधिनियम लागू नहीं कर सकते थे, राज्य में परिसीमन नहीं कर सकते थे, वाल्मीकि समाज के लाखों सफाईकर्मियों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं दे सकते थे, उन्हें नागरिकता तक नहीं दी गयी थी, महिलाओं पर परोक्ष रूप से शरीयत लागू करके उनके अधिकार छीन लिये गये थे, राज्य की महिला अपनी इच्छा से राज्य के बाहर विवाह नहीं कर सकती थी।

     यह प्रश्न भी समीचीन है कि जब ऐतिहासिक रूप से केंद्रीय धन का अधिकतम भाग जम्मू-कश्मीर को दिया गया, उसके बाद भी यह बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं, रोजगार के अवसर आदि जैसे विकास के कार्यों में क्यों नहीं परिलक्षित हुआ है? राज्य देश के अन्य राज्यों की तरह विकसित क्यों नहीं हो पाया?

    तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति करने वाले दलों के लिये 370 के उन्मूलन का विरोध सैद्धांतिक नहीं, अपितु अवसरवादी और पोल खुलने के भय से उपजा है। क्योंकि वे जानते हैं जम्मू-कश्मीर से इस कलंक के समाप्त होने के बाद अब वहां निजी निवेश के द्वार खुल जाएंगे, जिससे वहां विकास की संभावना बढ़ेगी। निवेश में वृद्धि से रोजगार सृजन में वृद्धि होगी और राज्य में सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचे में और सुधार होगा। उद्योगों के विकास के लिये निजी लोगों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से निवेश आएगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। केंद्र की योजनाओं का सीधा लाभ राज्य की जनता को मिलेगा। अब राज्य में विकास, समता व अधिकार का सूरज निकलेगा तो जनता स्वयं फर्क महसूस करेगी और फिर 70 वर्ष तक उन्हें बुनियादी सुविधाओं, अधिकारों और भागीदारी से वंचित करने वालों से जवाब मांगेगी। यही डर विरोधियों को अनुच्छेद 370 के अभिशाप को हटाने का विरोध करने को मजबूर कर रहा है।

-हरीशचंद्र श्रीवास्तव
(लेखक राजनीतिक व सामाजिक विश्लेषक हैं)

Tags: अनुच्छेद 370कश्मीरनेहरूपीएम मोदीभारत
शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बरखा को फ्लाइट में ‘संयोगवश’ एक ‘पीड़ित’ कश्मीरी मिला जिसने अपना ‘दुखड़ा’ रोया, लेकिन वो तो बरखा का ही पुराना साथी निकला

अगली पोस्ट

‘वाह! क्या धोया है’ UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सईद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तानियों को धो डाला

संबंधित पोस्ट

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा
राजनीति

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

27 November 2025

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में दिन-रात मेहनत कर विजय सुनिश्चित करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के कंधों पर अब बंगाल फतह की सबसे...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited