जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान हर वो कोशिश कर रहा है जिससे यह मामला विश्व की नज़र में आ जाए और भारत की छवि धूमिल हो। विश्व की मीडिया संस्थान भी पाकिस्तान की ही राह पर चल कर और भ्रामक वीडियो पेश कर भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। भारत में भी कई नेता और पत्रकार हैं जो माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी हो-हल्ला से बचने के लिए केंद्र सरकार ने उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती और सज्जाद लोन जैसे नेताओं को फिलहाल नज़रबंद किया है। कुछ ऐसे भी नेता है जो अभी भी बाहर हैं और लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं। ऐसे ही लोगों में आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए शाह फैसल भी हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर एक बेहद ही भड़काऊ बयान दिया है। फैसल ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भड़काने का प्रयास करते हुए कहा है कि वे तब तक ईद नहीं मनाएँगे जब तक इस बेइज्जती का बदला नहीं ले लेते। अनुच्छेद 370 हटने के बाद बौखलाए फैसल ने कहा है कि वे तब तक ईद नहीं मनाएँगे जब तक आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले से हुए दुख का बदला नहीं ले लेते हैं।
शाह फैसल ने ट्वीट कर कहा है, “कैसी ईद। दुनिया भर के कश्मीरी अपनी जमीन पर अवैध कब्जे का शोक मना रहे हैं। तब तक कोई ईद नहीं मनेगी जब तक वर्ष 1947 से हमसे छीनी गई हर चीज वापस नहीं मिल जाती। जब तक हर अपमान का बदला पूरा नहीं होता ईद नहीं मनेगी।”
https://twitter.com/shahfaesal/status/1160569983602008064
हालांकि शाह फैसल के इस ट्वीट का काफी विरोध भी हुआ और देश के राष्ट्रवादी लोग चुप नहीं बैठे। इस भारत विरोधी ट्वीट को एक्सपोज करते हुए रिसर्चर और लेखक राजीव मल्होत्रा ने लिखा कि चोरी की गई चीजों के लिए सिर्फ वर्ष 1947 तक ही क्यों जाना। चलो 1000 वर्ष पीछे चलते हैं और आक्रांताओं से लूटे अब सभी धन और जमीन को वापस करवा दो जो काफिरों से लूटा गया है और उन्हें वापस मरूस्थल भेज दो।
Why go back only to 1947 for returning everything stolen? Lets go back 1,000 years and have the invaders return all their loot & lands captured from kafirs, and have them go back to the desert tribes. https://t.co/PxuK0iD4hd
— Rajiv Malhotra (@RajivMessage) August 11, 2019
वहीं कारगिल युद्ध के समय सेनाध्यक्ष रहे जनरल वेद मालिक ने लिखा, “मुझे उम्मीद थी कि शाह फैसल को इतिहास का ज्ञान होगा और “एनेक्स” शब्द का मतलब पता होगा।”
I expected Shah Faesal would have known history better and meaning of the word 'annex'
— Ved Malik (@Vedmalik1) August 12, 2019
शाह फैसल ने हाल में ही नौकरशाही से इस्तीफा देकर में जम्मू-कश्मीर की राजनीति में कदम रखा था। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर और राज्य से अनुच्छेद 370 हटा कर वहाँ की राजनीतिक पार्टियों जैसे पीडीपी, एनसी, और अब शाह फैसल की नई पार्टी की प्रासंगिकता ही लगभग ख़त्म कर दी है। लंबे समय तक ये सभी पार्टियां जम्मू और कश्मीर के संविधान के तहत कानूनों के संरक्षण में मज़े ले रही थी, अब इन सभी की दुकाने बंद होने के कगार पर हैं। इस फैसले से घाटी की सभी राजनीतिक पार्टियां बौखलाई हुई हैं।
एक तरफ जहां देश के लोग कश्मीर के लोगों को मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं तो वहीं शाह फैसल जैसे लोग घाटी में लोगों को बिना वजह भड़काने का काम कर रहे हैं। इसी तरह देश की लेफ्ट लिबरल से भरी मीडिया भी लोगों में डर फैलाने की कोशिश कर रही है। हालांकि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता न करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को रेड अलर्ट पर रखा हुआ है।
यह समझना मुश्किल है कि यह पूर्व आईएएस देश से क्या बदला लेना चाहता है और कैसे? लेकिन शाह फैसल के इस ट्वीट के धमकी भरे स्वर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। बहरहाल, इन्हीं जैसे नेताओं ने कश्मीरी लोगों की सदियों से अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 जैसे भेदभावपूर्ण संवैधानिक प्रावधानों का इस्तेमाल कर उपेक्षा की है। ये नेता न सिर्फ कश्मीर को भारत से अलग रखना चाहते हैं बल्कि बुरहान वानी जैसे आतंकवादियों और पत्थरबाजों को भी बचाते हैं। अब यही नेता भेद-भावपूर्ण और विभाजनकारी विचारों को उचित ठहराते हैं और ऐसे बदले की बात करते हैं। शाह फैसल जैसे लोग अब हतास हो चुके हैं, अब इन बयानों से इनके असली चेहरे सामने आ रहे हैं और राजीव मल्होत्रा तथा अन्य उन्हें आईना दिखा रहे हैं।