कुमार विश्वास का छद्म राष्ट्रवाद आया सामने, फेक न्यूज के जरिए कर रहे लोगों को भ्रमित

कुमार विश्वास

PC: HT

कुमार विश्वास का नाम सुनते ही एक बागी कवि की छवि सामने आती है जो कविता पाठ करते-करते राजनीति में आए लेकिन स्वाभिमान ने उन्हें फिर से तटस्थ कर दिया। स्वभाव से हंसमुख इस कवि ने सोशल मीडिया पर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई है और लगभग सभी मुद्दों पर अपनी राय बेबाकी से  रखते हैं, चाहे उनकी राय सही हो या गलत। अक्सर उनकी राय लयबद्ध शब्दों में होती हैं और ऐतिहासिक परिपेक्ष्य के साथ होता है। उनकी लेखनी राष्ट्रवाद से परिपूर्ण होता है। इस वजह से भारत ही नहीं विश्व में भी उनकी करोड़ो फ़ैन फॉलोइंग है। उनके द्वारा कहे गए हर शब्द मायने रखते हैं और उससे एक बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं। कुमार विश्वास ने इसी फॉलोइंग का फायदा उठाते हुए कई बार भ्रामक खबरें भी फैलाई हैं और आम जनता को गुमराह किया है।

पिछले दो महीनों में कुमार विश्वास ने दो मुद्दों पर अपने अंदाज में राय रखी लेकिन तथ्यों की बिना जांच-पड़ताल किए।

पहला मुद्दा तब सामने आया था जब यह खबर फैली कि “लखनऊ में एक 76 वर्षीय बूढ़े व्यक्ति को शताब्दी एक्स्प्रेस में उसकी सीट आरक्षित होने के बावजूद सिर्फ उसके पहनावे की वजह से ट्रेन में चढ़ने से रोक दिया गया।” इस पर कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा था ‘बेशर्म आभिजात्य साम्राज्यवाद के ऐसे वर्णसंकर रेल अधिकारी मेरे टैक्स के पैसे से वेतन पा रहे हैं पीयूष गोयल (@PiyushGoyal) ? सारी सरकार 2 मिनट में सौ बार “पूज्य बापू” बोलती है और हमारे घर के बुज़ुर्गों को ऐसे धकियाते हो जैसे अंग्रेज़ों ने रेल से उतारा था! वक़्त से तो डरो’

https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1147834682794315778

और दूसरे झूठ का पोल कल यानी शनिवार को खुला। दरअसल, हरियाणा के मुख्यमंत्री के खिलाफ फैलाई जा रही झूठ का साथ देते हुए कविराज ने ट्वीट किया और लिखा, “अपने प्रदेश में बेटियों को कोख में मारने दोगे, ऑनर किलिंग होने दोगे और बहुएं कश्मीर से लाओगे @mlkhattar? देश की बेटियों का नहीं तो कम से कम अपने पद और उम्र का तो ख़्याल करो ? ऐसी जहालत से अपना बनाओगे पहले से शंकित कश्मीरी भाईयों-बहनों को? उपनाम बदल ही लो।

यह दोनों ही खबरे झूठी निकलीं और यहां कविवर एक्स्पोज हो गए। इन दोनों ही मामलों को सिरे से नकार दिया गया है और यह साबित भी हो चुका है कि यह दोनों ही खबरें एक प्रोपोगेंडा के तहत चलाई जा रही थीं जिससे मौजूदा सरकार बदनाम हो। हमारी वेबसाइट ने इन दोनों ही खबरों का खंडन करते हुए रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी। हैरानी की बात यह है कि इन दोनों ही मौके पर एक्स्पोज होने के बाद भी कुमार विश्वास ने माफी नहीं मांगी और अपनी अकड़ में ही रहे। गलती तो हर इंसान से होती है लेकिन अगर एक ही गलती आप दोहराते हैं तो वह आपके मानसिकता को प्रदर्शित करता है।

कुमार विश्वास ही एक मात्र ऐसे शख्स हैं, जिन्हें केजरीवाल और AAP के साथ जुड़े होने के बावजूद राष्ट्रवादी दर्शक समर्थन करते हैं। इसका कारण धारा 370 जैसे राष्ट्रवादी कारणों पर उनका रुख है जिसका उन्होंने खुलकर समर्थन किया है।

वह मंच पर और सोशल मीडिया पर तो राष्ट्रवादी व्यक्तित्व प्रोजेक्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन अभी भी वह AAP जैसी पार्टी से अलग नहीं हुए है जो अक्सर राष्ट्रहित के मुद्दों पर विरोधाभासी रुख अपनाती है। इससे उनके दोहरे मानदंडों का भी पता चलता है। विश्वास के लिए राष्ट्रवाद एक विचारधारा नहीं है, बल्कि लोगों तक पहुंचने का एक सुविधाजनक माध्यम है। उनके लिए यह एक हथकंडा है लोगों से आकर्षण पाने का। लोगों को अपनी कविता के जरिये उत्सुकता बढ़ा कर, अपने लिए वह वित्तीय दरवाजे खोलते हैं। यह कहा जा सकता है कि कुमार विश्वास की देशभक्ति व्यावसायिक मूल्यों से प्रेरित है। राष्ट्रवाद के माध्यम से वह भ्रामक खबरें फैला कर सरकार के लिए लोगों में जहर फैलाते हैं। कुमार विश्वास उस दो मुंहे साँप की तरह हैं जो एक मुंह से दूध पिता है और दूसरे से डंस लेता है।

कुमार विश्वास को कम से कम पीयूष गोयल और मनोहर लाल खट्टर से उनकी छवि को धूमिल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए और अगली बार से कुछ भी लिखने से पहले खबर की सत्यता जांच लेनी चाहिए।

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