देश के ट्रैफिक नियम में कई बड़े सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी बुधवार को मोटर वाहन (संसोधन) विधेयक पारित करवा लिया है। इस बिल के पक्ष में 108 मत पड़े वहीं, विपक्ष में 13 मत पड़े। पिछले माह 23 जुलाई को केंद्रीय सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बिल को लोकसभा से पारित कराया था।
नए कानून के तहत सड़क यातायात नियमों को और भी सख्त बनाने का प्रयास किया गया है। इस कानून के तहत लाइसेंस जारी करने नियमों में बदलाव और सड़क सुरक्षा में सुधार करने के साथ-साथ यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव जारी किया गया है। बता दें कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में इस बिल को पिछली लोकसभा में भी पारित कराया था लेकिन राज्यसभा में न पारित हो पाने के कारण व लोकसभा भंग हो जाने की वजह से निरस्त हो गया था।
बिल पेश करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में सड़क हादसों में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से सरकार सड़क सुरक्षा के मौजूदा कानूनों में बदलाव करना चाहती है। सदन में चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।
Union Road Transport Minister, Nitin Gadkari on the passing of Motor Vehicles (Amendment) Bill, 2019 in Rajya Sabha: 5 lakh accidents happen in our country causing 1.5 lakh deaths, every year. We are number one in accidents in the world, now we've got the chance to correct this. pic.twitter.com/BauLEtBx1K
— ANI (@ANI) July 31, 2019
राज्यसभा से बिल पास होने के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा “यह सिर्फ मोटर व्हीकल संशोधन बिल नहीं है, यह एक रोड सेफ्टी बिल है।“ केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ”हमारे देश में हर साल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिससे डेढ़ लाख लोगों की मौत हुई है। हम दुनिया में दुर्घटनाओं में पहले नंबर पर हैं, अब हमें इसे ठीक करने का सही मौका मिला है।”
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 22 लाख वाहन चालकों की कमी है। प्रशिक्षित वाहन चालकों की कमी को पूरा करने के लिए छोटे शहरों में ड्राइविंग ट्रेनिंग केन्द्र खोले जाने जाएंगे। इसके लिए केन्द्र सरकार राज्यों को एक करोड़ रुपए का अनुदान देगी।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार के कारण ही देश में सड़क हादसे बढ़े हैं। इससे निपटने के लिए सरकार सड़क बनाने वाली कंपनी और इंजीनियरों की जवाबदेही तय करेगी। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने स्वीकार किया है कि बतौर मंत्री पिछले पांच सालों में उनकी एकमात्र नाकामी सड़क हादसों में कमी नहीं ला पाना है।
इस बिल के अनुसार सेक्शन 194-बी के तहत चार साल से बड़े बच्चों के लिए कार में सीट बेल्ट अनिवार्य कर दी गई है। अगर ऐसा नहीं होता है तो वाहन मालिक पर एक हजार रुपए तक का जुर्माना भरना होगा। वहीं नाबालिग बच्चे दो पहिया वाहन पर बैठे हैं तो उन्हें हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नए एक्ट के सेक्शन 110 ए और 110 बी के तहत अब केंद्र सरकार पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों को सीज कर सकती है।
सड़क दुर्घटना के मामले में यदि पीड़ित घायल है तो आरोपी वाहन चालक पर 12500 और पीड़ित की मौत होने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना देना होता था लेकिन नए कानून के तहत यह राशि क्रमशः पचास हजार और दो लाख रुपए रखी गई है। साल 2018 में हिट एंड रन के करीब 55 हजार मामले सामने आए थे, जिनमें 22 हजार से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं।
यातायात के नए कानून के तहत अगर आप बिना लाइसेंस के पकड़े जाते हैं तो आपको 5000 रुपए का जुर्माना भरना होगा। आपको बता दें कि पहले ये जुर्माना 500 रुपए लगाया जाता था। वहीं योग्यता से ओवरसाइज वाहन चलाते पकड़े जाने पर 5000 रुपए का चालान भरना होगा। इसके साथ ही तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने पर आपको 1000 रुपए का जुर्माना दोना होगा, जो कि पहले मात्र 400 रुपए था। वहीं खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने वालों पर अब 5000 रुपए का जुर्माना लगेगा, जो कि पहले मात्र 500 रुपए था।
इस संशोधित कानून में यह भी कहा गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण आवेदन करने के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने वाला व्यक्ति उसकी मौत का जिम्मेदार नहीं माना जाएगा। मोदी सरकार की यह नया कानून निश्चित रूप से देश में पुराने मोटर कानूनों को और ज्यादा कारगर बनाएगा इसके साथ ही देश की सड़कों को सुरक्षित कर दुर्घटनाओं को कम करने का काम करेगा।