मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान, और प्रादेशिक [टेरिटोरियल] सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर नियुक्त महेंद्र सिंह धोनी अब लेह में स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर तिरंगा फहरा सकते हैं। हालांकि अभी अफसरों ने ये नहीं बताया है कि किस स्थान पर एमएस धोनी 15 अगस्त के दिन राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। फिलहाल वे पुलवामा जिले के ख्रेव [Khrew] क्षेत्र में प्रादेशिक सेना के अन्य अफसरों के साथ तैनात हैं। उन्होनें प्रादेशिक सेना की बटालियन को 30 जुलाई को दक्षिण कश्मीर में जॉइन किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार एमएस धोनी और अन्य सैन्य अधिकारी लेह की ओर प्रस्थान करेंगे। एक वरिष्ठ सेना के अधिकारी के अनुसार, ‘ एमएस धोनी हमारी सेना के ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होने अपने यूनिट के सदस्यों को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत काम किया है और सैनिकों के साथ वे अक्सर फुटबॉल एवं वॉलीबॉल खेलते नजर आते हैं। इतना तो तय है कि वे 15 अगस्त तक घाटी में ही रहेंगे”। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जिसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के सभी गांवों में तिरंगा फहराया जाएगा।
हाल ही में अनुच्छेद 370 के उन सभी प्रावधानों को केंद्र सरकार ने हटा दिया है, जो जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेषाधिकार प्रदान करते थे। इसके साथ ही साथ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है, 31 अक्टूबर से इन क्षेत्रों में केंद्र सरकार का यह शासन लागू हो जाएगा।
ये निर्णय राज्य में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती के बाद ही संभव हो पाये थे। इसी समय लेफ्टिनेंट कर्नल एमएस धोनी कश्मीर घाटी में ड्यूटी पर तैनात थे। घाटी में सभी कम्युनिकेशन नेटवर्क भी निष्क्रिय कर दिये गए थे, जिससे राज्य में अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद किसी भी तरह की अप्रिय घटना न घटे।
भारतीय सेना में जाने वाले युवाओं के लिए एमएस धोनी का लेह में तिरंगा फहराना किसी प्रेरणास्त्रोत से कम नहीं होगा। मालूम हो कि वेस्टइंडिज दौरे पर न जाकर एमएस धोनी ने कुछ वक्त अपने यूनिट के साथ बिताने का फैसला किया था जिसे सोशल मीडिया पर युवाओं ने खूब सराहा है। एमएस धोनी के इस निर्णय की गौतम गंभीर और कपिल देव जैसे क्रिकेटरों ने भी प्रशंसा की है, और रोचक बात तो यह है कि स्वयं कपिल देव पंजाब रेजीमेंट के प्रदशिक सेना बटालियन के मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।
गौतम गंभीर के अनुसार, “एमएस धोनी का यह निर्णय बेहद प्रशंसनीय है। मैंने पहले भी बहुत बार कहा है कि धोनी को आर्मी की सेवा करने के दौरान ही आर्मी की यूनिफॉर्म पहननी चाहिए, और जब धोनी ने ट्रेनिंग के लिए आर्मी के साथ समय बिताने का निर्णय लिया, तो ये देश के करोड़ों युवाओं के लिए एक प्रेरणा होगा इसतरह वे आर्मी को जॉइन करने के लिए प्रेरित भी होंगे”।