OYO भारत की एक ऐसी होटल चेन कंपनी है जिसका आज पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। OYO भारत और चीन जैसे बड़े बाज़ारों में बेहद लोकप्रिय होता जा रहा है और दुनियाभर में इसे इसकी सेवाओं के लिए सराहा जा रहा है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि भारत के ही कुछ एजेंडावादी मीडिया समूह ओयो के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने में लगे हैं। उदाहरण के तौर पर ‘द हिन्दू’ ने कुछ दिनों पहले प्रकाशित की अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया कि ओयो ने एक कश्मीरी युवक को होटल रूम देने से मना कर दिया जबकि उसने एप के माध्यम से पहले ही अपना रूम बुक किया हुआ था।
दरअसल, 20 अगस्त को ‘द हिन्दू’ ने एक खबर प्रकाशित की, कि जिसके शीर्षक में उसने लिखा कि ओयो ने एक कश्मीरी को दिल्ली में रूम देने से मना कर दिया, और होटल मैनजर ने व्हाट्सएप पर आए एक सरकारी आदेश का हवाला देकर उसे कमरा देने में अपनी असमर्थता जताई। द हिन्दू को दिये बयान में उस कश्मीरी शख्स ने बताया कि ‘होटल मैनेजर को जब उसने यह बताया कि वह कश्मीर से है, तो तभी उसका मुंह बन गया और उसने किसी अन्य व्यक्ति को फोन लगाया। फोन पर बात करने के बाद उस व्यक्ति ने कहा कि व्हाट्सएप पर आए एक मैसेज के अनुसार सरकार ने जम्मू–कश्मीर से आए लोगों को रूम देने से मना किया है और ऐसे में उन्हें कमरा नहीं दिया जा सकता’।
जाहिर है, यहां ओयो ने उस कश्मीरी व्यक्ति का कमरा बिना किसी समस्या के ऑनलाइन बुक कर दिया था, लेकिन होटल मैनजर ने अपने स्तर पर किसी मैसेज का हवाला देकर उसे कमरा देने से मना कर दिया। इसके बाद जब ‘द हिन्दू’ ने OYO से संपर्क किया कि तो OYO ने सफतौर पर कहा कि वह होटल मैनेजर द्वारा लिए गए एकतरफा फैसला की जांच करेगा। इसके अलावा एक OYO अधिकारी ने यह तक कहा कि उस होटल मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है। यानि जहां ओयो ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए संबन्धित होटल अधिकारी पर तुरंत एक्शन लिया, वहीं ‘द हिन्दू’ ने अपने शीर्षक में ही कश्मीरी युवक को कमरा ना दिये जाने का दोष ओयो पर मढ़ दिया।
ये बात सभी को पता है कि ओयो के अपने होटल्स नहीं होते हैं और ना ही ओयो उन होटल्स का संचालन करता है। ओयो सिर्फ एक ऑनलाइन एग्रीगेटर है जिसके माध्यम से लोग रूम्स को ऑनलाइन बुक करते हैं। ऐसे में किसी होटल मैनेजर द्वारा अपने स्तर पर किसी व्यक्ति को रूम देने से मना करने में भला ओयो को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है। ‘द हिन्दू’ को भ्रामक खबरें छापने से बचना चाहिए और सिर्फ पेज व्युज के लिए खबरों के साथ छेड़छाड़ करना द हिन्दू जैसे बड़े मीडिया समूह को बिल्कुल भी शोभा नहीं देता।