कश्मीर में सेना की तैनाती से पाकिस्तान की उड़ी नींद, रोटी का मुद्दा छोड़ आया बॉर्डर पर

कश्मीर पाकिस्तान

PC : Zee News

आजकल मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक, हर जगह कश्मीर से जुड़ी खबरें ही देखने को मिल रही है। केंद्र सरकार पिछले एक हफ्ते के अंदर-अंदर कश्मीर में 38000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर चुकी है, और यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार कोई बड़ा कदम उठा सकती है। हालात इतने गंभीर हैं कि अमरनाथ यात्रा को भी में बीच में रोक दिया गया है और सभी यात्रियों को जल्द से जल्द घाटी से बाहर जाने को कहा गया है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में एयरफोर्स और सेना को हाइ ऑपरेशनल अलर्ट मोड पर रहने को भी कहा है। भारत सरकार के इन कदमों ने जहां अपने आप को कश्मीरियों का ठेकेदार समझने वाले कश्मीरी नेताओं की चिंताएँ बढ़ा दी हैं, तो वहीं सीमा पार पाकिस्तानी अधिकारियों की सांसें भी फूल चुकी हैं।

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कश्मीर में घट रहीं इन घटनाओं के बाद अब पाकिस्तान को डर सता रहा है कि कहीं भारत की तरफ से दोबारा कोई बॉर्डर पार एक्शन ना ले लिया जाए। अब खबर आ रही हैं कि इसी डर के चलते अब पाकिस्तान ने भी सीमित संख्या में अपनी सेना को सीमा से सटे इलाकों में तैनात करने का फैसला लिया है। इसी के साथ-साथ पाक सेना को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है। पाक सेना अभी पीओके और अंतर्राष्ट्रीय बार्डर के आस-पास हो रही सभी गतिविधियों को मुख्यधारा मीडिया से छुपा रही है, जिसके कारण पड़ोसी मुल्क में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

पिछले कुछ दिनों में भारत द्वारा पाकिस्तान के युद्धविराम उल्लंघन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई से पीओके में जबरदस्त नुकसान पहुंचा है, और इसको लेकर पीओके की सरकार ने पाकिस्तानी सरकार को एक पत्र भी लिखा है। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार अभी भी इस पर संज्ञान लेने से बचती दिखाई दे रही है। साफ है कि पाकिस्तानी सरकार और सेना यह बिलकुल नहीं चाहती कि पीओके से जुड़ी कोई भी खबर पाकिस्तान की मुख्यधारा मीडिया के जरिये दुनिया तक पहुंचे।

लेकिन बात यही खत्म नहीं होती, भारत द्वारा कश्मीर में उठाए जा रहे कदमों का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ रहा है। कश्मीर की घाटी में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती से हमारे शत्रु देश की बेचैनी बढ़ गई है, और अब उसे भी पीओके में सैनिकों की संख्या को बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस वर्ष फरवरी में पुलवामा हमले के बाद भी पाकिस्तान को ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ा था, और तब उसे हजारों करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे। अब भारत सरकार ने दोबारा हमारे पड़ोसीम मुल्क को ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है। फिर से पैसों की तंगी से जूझ रहे पाक को अब करोड़ों खर्च करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।  

ज़ाहिर है कि कश्मीर को लेकर भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का असर सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर बॉर्डर पार पाक पर भी पड़ रहा है। भारत एक बड़ी और मजबूत अर्थव्यवस्था होने के नाते सैनिकों और वायुसेना की तैनाती का खर्च उठा सकता है, लेकिन पाकिस्तान के मामले में ऐसा नहीं है। हमारे पड़ोसी देश में महंगाई सातवें आसमान पर है, लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही है, और अब उसे अपनी सेना को भारत से सटी सीमा पर तैनात करने पर ध्यान लगाना पड़ रहा है। कश्मीर को लेकर भारत सरकार क्या बड़ा फैसला लेगी, ये तो अभी कोई नहीं जानता, लेकिन इतना स्पष्ट है कि पाक पर अभी से इसका असर पड़ना शुरू हो गया है, और कर्जे पर चल रही इमरान खान की सरकार के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो चुकी हैं जो भविष्य में और बढ़ने वाली हैं।

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