इंडियन एक्सप्रेस व ‘द वायर’ के पूर्व पत्रकार प्रशांत कनौजिया का विवादों के साथ चोली दामन का नाता रहा है। रविवार को कनौजिया ने कश्मीर के मुद्दे पर अफवाहों को हवा देने के लिए एक बेहद ही घटिया ट्वीट पोस्ट किया –
इस ट्वीट में उन्होनें कश्मीर में वर्तमान स्थिति के लिए सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की तुलना दुर्दांत अंग्रेज़ी सेना के अधिकारी जनरल डायर से कर दी। ज्ञात हो कि जनरल डायर वही हिंसक व्यक्ति था जिसने 1919 में जलियाँवाला बाग में बैसाखी के अवसर पर इकट्ठा हुए करीब 20000 निर्दोष व्यक्तियों पर गोलियां चलाने का आदेश दे दिया था।
वहीं जनरल बिपिन रावत भारत के वर्तमान सेनाध्यक्ष हैं। इन्होनें बतौर लेफ्टिनेंट जनरल पूर्वी कमांड में अपनी सेवाएँ दी थीं। जब 2015 में मणिपुर में NSCN-K के आतंकियों ने हमला किया था।
इस तरह का घटिया ट्वीट कनौजिया ने उस वक्त किया, जब जनरल रावत के नेतृत्व में भारतीय सेना देश के विभिन्न कोनों में लोगों की सहायता के लिए लगी हुई हैं। इस मामले में एक बेहद भावुक वीडियो सामने आया है जिसमें एक महिला ने सेना प्रति प्रेम दिखाते हुए सम्मान व्यक्त की है, इसे पत्रकार रोहित सरदाना ने ट्विटर पर शेयर किया है।
जान हथेली लेकर चलना,
जिसका कर्म ये दैनिक है…
कोई पांव पूजे या पत्थर मारे,
नि:स्वार्थ डटा वो सैनिक है! pic.twitter.com/52VWiYi4Z6— रोहित सरदाना (@sardanarohit) August 10, 2019
ऐसे में लोगों को प्रशांत का घटिया ट्वीट बिलकुल भी रास नहीं आया, और उन्होनें सोशल मीडिया पर प्रशांत को जमकर लताड़ लगाई। इस मामले में कई पत्रकारों एवं सोशल मीडिया यूज़र्स ने प्रशांत के इस ट्वीट की कड़ी आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
https://twitter.com/NetajiBond/status/1137420213530402816
https://twitter.com/MajorPoonia/status/1160243263195865089
प्रशांत कनौजिया जैसे अवसरवादी पत्रकार यहाँ भी अपना एजेंडा चलाने से बाज़ नहीं आए। सोशल मीडिया पर चौतरफा आलोचना झेलने के चलते भले ही उसने ट्वीट डिलीट कर दिया हो, लेकिन उसने इस मामले में माफी तक नहीं मांगी। घोर लिबरल पत्रकार के कुछ पुराने ट्वीट्स जिसे पढ़कर आप उसकी मानसिकता को समझ सकते हैं।
यह पहला अवसर नहीं है, जब प्रशांत ने इस तरह के विवादास्पद ट्वीट पोस्ट की हो। कुछ ही महीने पहले जब प्रशांत कनौजिया ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे हिरासत में ले ली थी। इस पर हमारे लेफ्ट लिबरल पत्रकारों ने बड़ा बवाल मचाया था, और मामले में हस्तक्षेप करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को आगे आना पड़ा। हालांकि प्रशांत को छोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के उक्त पीठ ने ये भी सफाई दी थी कि उसे छोड़ने का अर्थ यह नहीं कि वे ऐसे ट्वीट्स का समर्थन करते हैं। शायद इन्हीं कारणों से प्रशांत कनौजिया को IIMC से भी निलंबित किया गया था।
इसके अलावा भी प्रशांत कनौजिया अपने हिन्दू फोबिया के लिए बेहद बदनाम रहे हैं। निम्नलिखित ट्वीट्स से पता चलता है कि प्रशांत कनौजिया अपने एजेंडे के प्रचार के लिए किस हद तक गिर सकते हैं –
https://twitter.com/PJkanojia/status/771954106701344768
https://twitter.com/PJkanojia/status/1136228151820820481
https://twitter.com/iAnkurSingh/status/1119685290036088832
इसी तरह प्रशांत कनौजिया ने अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के संबंध में विवादित ट्वीट्स की झड़ी लगा दी थी। जिसे आप देखकर समझ सकते हैं कि इस शख्स को राष्ट्रहित से कोई खास लगाव नहीं है।
Look the Scindia dynasty is also happy, who were stoogs of British empire…#DynastyGarbage https://t.co/lfxVaXbGSM
— Prashant Kanojia (@KanojiaPJ) August 6, 2019
उत्तर प्रदेश के अमेठी में सेना से रिटायर्ड कैप्टेन अमानुल्लाह का मोब लीनचिंग होगया। अब सेना से प्यार नहीं है बस मुसलमानों से नफ़रत है। शुरुआत एहसान जाफरी से हुई अंत अब तुम्हारे घर होगा अगर अब आवाज़ न उठाई
— Prashant Kanojia (@KanojiaPJ) July 28, 2019
प्रशांत कनौजिया ने सेनाध्यक्ष पर बेहद ही घटिया टिप्पणी करके ये सिद्ध कर दिया है कि लेफ्ट लिबरल गैंग देश के कल्याण के लिए उठाए गए किसी भी कदम से प्रसन्न नहीं होते। इनके लिए इनका एजेंडा सर्वोपरि है, फिर चाहे इसके लिए हमारे देश के बहादुर जवानों को बार-बार अपमानित ही क्यों न होना पड़े।