संयुक्त राष्ट्र की वो रिपोर्ट जिसने राहुल गांधी को राष्ट्रवादी बनने के लिए किया मजबूर

राहुल गांधी पाकिस्तान

(PC: DNA India)

जम्मू-कश्मीर मामले पर देर से जागे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले श्रीनगर जाकर ड्रामा किया था जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि वहां उन्हें उस बर्बरता का अहसास हुआ जिसको कश्मीरी रोज़ झेल रहे हैं। उनके इस ट्वीट का ज़िक्र अब पाकिस्तान सरकार ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने पत्र में किया है। पाकिस्तान द्वारा अपने प्रॉपेगैंडा के लिए इस्तमाल किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कांग्रेस और राहुल गांधी को जम कर ट्रोल किया है जिसके बाद कांग्रेस यूटर्न लेते हुए अब कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ बोलती नज़र आ रही है। राहुल गांधी से लेकर प्रवक्ता तक सभी राष्ट्रवादी बयान दे रहे हैं और अपने आप को देश के हितों के रक्षक के तौर पर दिखाने का ढोंग कर रहे हैं।

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कई अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता कश्मीर का दौरे करने के लिए श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे थे। प्रशासन के अधिकारियों ने नेताओं को इसकी अनुमति नहीं दी और विपक्षी नेताओं को श्रीनगर हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया गया था। जिसके बाद गांधी वंशज ने ट्वीट कर लिखा था “जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजादी और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाए हुए 20 दिन हो चुके हैं। विपक्ष के नेताओं और प्रेस को प्रशासनिक क्रूरता और जम्मू-कश्मीर के लोगों पर किए जा रहे बल के बर्बर प्रयोग का अहसास हुआ।”

राहुल गांधी को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोकने की घटना को पाकिस्तान ने फौरन लपका और वहां के मंत्री और नेता इस पर धड़ाधड़ ट्वीट करने लगे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और विज्ञान व तकनीकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने इस घटना को प्रमुखता के साथ ट्वीट किया। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने भी राहुल गांधी के ट्वीट और बयान को प्रमुखता से प्रकाशित किया।

इससे पहले भी 10 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग से बाहर आते हुए मीडिया से बातचीत में राहुल ने एक विवाद खड़ा कर दिया था। राहुल ने कहा था, “अभी तक जितनी भी जानकारी मिल सकी है उसके मुताबिक कश्मीर में गलत हो रहा है और लोग मारे जा रहे हैं।

राहुल गांधी के इन्हीं देश विरोधी बयानों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र को एक ख़त लिखा जिसमें उसने भारत पर कश्मीर में हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघन करने जैसे गंभीर आरोप लगाए। यानि कश्मीर को लेकर एजेंडा फैलाने के लिये राहुल गांधी ने बैठे-बिठाये पाकिस्तान को भारत के खिलाफ एक बढ़िया मुद्दा दे दिया।

इसके बाद पूरे देश में कांग्रेस और राहुल गांधी निशाने पर आ गए। लोगों ने राहुल गांधी और कांग्रेस को सोशल मीडिया पर जम कर लताड़ा। इसके बाद कांग्रेस को अपनी खटिया खड़ा होने का अहसास हुआ तो यह पार्टी तुरंत डैमेज कंट्रोल में लग गयी। कश्मीर पर सरकार के फैसले पर विरोधी रुख अपनाने वाले राहुल गांधी के भी सुर बदल गए। अपनी छवि बचाने की कोशिश में एक राष्ट्रवादिता का चोला ओढ़कर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं कई मुद्दों पर इस सरकार से असहमति रखता हूं। लेकिन, मैं एक चीज साफ कर देना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का आतंरिक मुद्दा है और पाकिस्तान या दुनिया के किसी देश के लिए इसमें दखल देने की कोई जगह नहीं है।’

राहुल ने एक और ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हिंसा पाकिस्तान प्रायोजित है जो पूरी दुनिया में आतंकवाद के समर्थक के रूप में जाना जाता है।’

कांग्रेस का यह यूटर्न मात्र एक ढोंग की तरह देखा जाना चाहिए क्योंकि पाकिस्तान द्वारा राहुल गांधी का नाम लेने से पहले तक पूरी पार्टी मानो सो रही थी। जब पाकिस्तान ने राहुल गांधी का नाम लेकर यूएन में अपना एजेंडा चलाया, उसी के बाद कांग्रेस पार्टी डैमेज कंट्रोल करने के लिए सामने आई और पार्टी के नेताओं ने अपने पहले के बयानों से अलग हटकर पाकिस्तान के विरोध में बयान देना शुरू कर दिया। यू टर्न पॉलिटिक्स के नए आयाम स्थापित करने वाली कांग्रेस और राहुल गांधी के इस घटिया राजनीति को जनता अच्छी तरह से देख रही है और इनके देश विरोध को सही से समझ भी रही है। स्पष्ट है कि यह कांग्रेस के लिए भविष्य में अस्तित्व का खतरा पैदा कर सकता है।

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