राज्य सभा में आज ‘द अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट बिल 2019 (UAPA)’ यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) विधेयक पारित हो गया। इससे पहले 24 जुलाई को यह बिल लोकसभा में पारित किया गया था। इस बिल के पास होने के बाद से देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगों को सीधा आतंकवादी घोषित किया जायेगा। मतलब यह है कि अब देश-विरोधी, पाक-परस्त टुकड़े-टुकड़े गैंग देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने या कुछ कहने से पहले दस बार सोचेंगे।
विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस राज में आतंकियों पर बरती गई नरमी को लेकर उसपर जमकर हमला बोला। इस बिल के प्रावधानों के लागू होने के बाद सरकार किसी व्यक्ति विशेष को आतंकवादी घोषित कर पाएगी। इसपर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आतंकवादियों का असल चेहरा सबके सामने आना ही चाहिए और इस बिल पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। हालांकि, कांग्रेस नेता पी. चिंदंबरम ने इस बिल का विरोध किया और कहा कि सरकार इस बिल के माध्यम से लोगों की स्वतन्त्रता छीनना चाहती है।
बता दें कि द अनलॉफुल ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट (UAPA) विधेयक से आतंकवाद से निपटने में और सक्षमता मिलेगी। इस विध्यक के जरीय संगठनों के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किए जाने का प्रावधान है।
संशोधित कानून के तहत केंद्र सरकार ऐसे संगठनों या व्यक्तियों को आतंकी संगठन या आतंकी घोषित कर सकती है, जो
1- आतंकी कृत्य को अंजाम दिए हों या उनमें शामिल हों
2- आतंकवाद के लिए तैयारी कर रहे हों
3- आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हों
4- आतंकवाद में किसी भी तरह से शामिल रहे हों
इस बिल में आतंकवाद को स्पष्ट रूप से परिभाषित भी किया गया है।
इस बिल के माध्यम से आतंकी संगठनों या आतंकियों की संपत्तियां जब्त भी हो सकेंगी। इस बिल के तहत किसी भी संपति को जब्त करने के लिए जांच अधिकारी को संबंधित राज्य के डीजीपी की पूर्व अनुमति की जरूरत होगी। अगर मामले की जांच NIA का कोई अफसर कर रहा हो तो संबंधित संपत्ति को जब्त करने के लिए संबंधित राज्य के डीजीपी की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए बस NIA के महानिदेशक की मंजूरी काफी होगी।
मोदी सरकार ने अपनी आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति स्पष्ट करते हुए इस कार्यकाल में एक के बाद एक संशोधन विधेयक लेकर आई जिससे देश की आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा तंत्र और मजबूत हो सके है। UAPA बिल को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है और राज्यसभा में भी पारित हो जाने की उम्मीद है। इससे पहले NIA संशोधन बिल को लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा की भी मंजूरी मिल चुकी है। उस बिल के तहत NIA को देश से बाहर दूसरे देशों में भी भारत के खिलाफ आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच का अधिकार मिल गया है।