अलगाववादी नेता शेहला राशिद शोरा ने फिर से अपना जहरीला प्रोपगैंडा फैलाना शुरू कर दिया है। अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान से शायद शेहला कुछ ज़्यादा ही तिलमिलाई है, तभी वे आए दिन भारतीय सरकार और भारतीय सुरक्षाबलों के विरुद्ध प्रोपगैंडा फैलाने में लगी हुई हैं। हाल ही में शेहला ने अपने ट्विटर पर एक लंबा चौड़ा थ्रेड पोस्ट किया, जिसमें शेहला ने कश्मीर की कथित वर्तमान स्थिति के बारे में लोगों को अवगत कराने का प्रयास किया –
Some of the things that people coming from Kashmir say about the situation:
1) Movement within Srinagar and to neighbouring districts is more or less permitted. Local press is restricted.
2) Cooking gas shortage has started to set in. Gas agencies are closed.
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) August 18, 2019
इस थ्रेड के जरिये शेहला राशिद ने ये बताने का प्रयास किया है कि कैसे कश्मीर में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत पड़नी शुरू हो चुकी है, स्थानीय जनता और प्रेस को भारतीय सुरक्षा बल द्वारा दबाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। यही नहीं, शेहला ने यह अफवाह भी फैलाई कि सीआरपीएफ़ और भारतीय सेना के जवानों ने स्थानीय पुलिस को शक्तिहीन कर दिया है। शेहला के एक ट्वीट के अनुसार, ‘लोग कह रहे हैं कि जम्मू कश्मीर पुलिस के पास क्षेत्र के कानून – व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है और सब केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के हाथों में है। एक SHO को एक CRPF कर्मी की शिकायत पर स्थानांतरित कर दिया गया है। SHO के पास केवल लाठियाँ हैं, और उनके पास कोई सर्विस रिवॉल्वर नहीं दिख रही’।
परंतु हद तो तब हो गयी, जब शेहला राशिद ने अपना थ्रेड खत्म करते हुए ये आरोप लगाया कि ‘सुरक्षाबल रात में घर में घुसते हैं और लड़कों को उठाकर ले जाते हैं, घरों पर हमला करते हैं, जानबूझकर ज़मीन पर राशन गिरा देते हैं, और साथ ही साथ चावल में तेल मिला देते हैं! यही नहीं, अभी शोपियां में 4 आदमियों को एक आर्मी कैम्प बुलाया गया और उन्हें सवाल जवाब पूछने के नाम पर खूब यातनाएँ दी गयीं। उनके पास एक माइक भी रखा गया था जिससे उनकी चीखें आसपास के क्षेत्रों के लोगों को सुनाई दे। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल फैल गया था’।
Indian Army: Allegations levelled by Shehla Rashid are baseless and rejected. Such unverified & fake news are spread by inimical elements and organisations to incite unsuspecting population. pic.twitter.com/m6CPzSXZmJ
— ANI (@ANI) August 18, 2019
#Breaking | Army slams rumour mongers in J&K, including Shehla Rashid (@Shehla_Rashid). Army said, allegations leveled by Shehla Rashid are baseless. Army added saying, ‘Fake news is being spread to incite unsuspecting people.’ | Mohit Sharma with details. | #KashmirIsPeaceful pic.twitter.com/6z4TAJ7KBp
— TIMES NOW (@TimesNow) August 19, 2019
परंतु इस बार शेहला राशिद की दाल नहीं गली। भारतीय सेना ने शेहला के प्रोपगैंडा का मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा, ‘शेहला राशिद द्वारा लगाए गए आरोप तर्कहीन और आधारहीन ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा फैलाई जाती हैं जिसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को भड़काना है’। इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने इस मामले को ध्यान में रखते हुए शेहला के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज़ भी करवा दी है–
अपने ट्वीट के द्वारा भारतीय सेना पे निराधार आरोप लगाने, देश में हिंसा/दंगा भड़काने का प्रयास करने और भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय पटल पे कमज़ोर करने के आरोप में @Shehla_Rashid के ख़िलाफ आज मैंने दिल्ली पुलिस में FIR Complaint दर्ज कराई है। ज़रूरत पड़ने पे मैं न्यायालय भी जाऊँगा। pic.twitter.com/iFNG1mCCNa
— Alakh Alok Srivastava (@advocate_alakh) August 19, 2019
हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है जब शेहला राशिद आर्मी या किसी अन्य संस्था के खिलाफ फ़ेक न्यूज़ फैलाते हुए पकड़ी गयी हों। गलत कारणों से सुर्खियों में रहने के लिए चर्चित शेहला राशिद इससे पहले भी कई बार अपने बड़बोले बयानों के कारण विवादों में पड़ चुकी हैं।
पुलवामा हमले के दौरान जब शेहला राशिद ने देहारादून में एक आपसी झड़प को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया था, तो शेहला के खिलाफ देहारादून के प्रेम नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 505, धारा 153 और धारा 504 के अंतर्गत एफ़आईआर दर्ज़ कराई गयी थी। इसके अलावा जब एनआरसी के संबंध में एक खबर को शेयर करते वक्त शेहला ने असम के कई क्षेत्रों को कॉन्सेंट्रेशन कैंप (यातना शिविर) की संज्ञा दी थी, तो अकादमिक विद्वान एवं लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के पूर्व स्नातक करन भसीन ने न सिर्फ उशेहला को नैतिकता का पाठ पढ़ाया, अपितु शेहला को निरंतर फ़ेक न्यूज़ फैलाने के लिए खूब खरी खोटी भी सुनाई।
सच कहें तो अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान हटाए जाने के बाद से शेहला राशिद शोरा जैसे कई अवसरवादियों का कश्मीर घाटी पर वर्चस्व खत्म हो गया है। दरअसल, शेहला कश्मीर की राजनीति में खुद को स्थापित करना चाहती थीं इसी वजह से वो शाह फैसल की पार्टी ‘जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ से जुड़ी भी थींम, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है, जिससे शेहला की बौखलाहट जायज है। स्पष्ट है कन्हैया कुमार और उमर खालिद जैसे देशविरोधियां का समर्थन करने वाली शेहला राशिद को जम्मू कश्मीर के भारत से पूर्ण रूप से जुड़ना रास नहीं आ रहा और वो वहां की शांति को भंग करने पर तूल गयी है। हालांकि, शेहला को यहां भी कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। यदि अब भी ये समय रहते नहीं चेती, तो वह दिन दूर नहीं, जब शेहला जैसे अवसरवादियों को कश्मीर की जनता ही घाटी से भगा देगी और वे सिर्फ हाथ मलते रह जाएंगे।