राज्य सभा से भाजपा के संसाद और बहुचर्चित नेता सुब्रमण्यम स्वामी देश और दुनिया में एक नेता के तौर पर कम और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए अधिक जाने जाते है। नेशनल हेराल्ड से लेकर एयरसेल मैक्सिस मामले, आईएनएक्स मीडिया मामले तक के खिलाफ शुरू से ही सक्रिय रहे है और इन्हें अंजाम तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
एयरसेल मैक्सिस मामले और INX मीडिया मामले पी चिदंबरम और उनके बेटे कीर्ति चिदंबरम के घोटालों में स्वामी के प्रयासों को जबरदस्त कामयाबी मिली है। मंगलवार को आईएनएक्स मीडिया केस के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुनील गौर द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के घर सीबीआई की एक टीम गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन वह जेल जाने के डर से फरार हो गए। इतना ही नहीं उनके घर पर ईडी की एक टीम भी पहुंची थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम से जुड़ा INX मीडिया मामला मनी लॉन्ड्रिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है और इस मामले में प्रभावी जांच के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। अदालत ने कहा कि तथ्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया में ही पता चलता है कि याचिकाकर्ता इस मामले में प्रमुख व्यक्ति, मुख्य साजिशकर्ता है। कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक क्लासिक उदाहरण है।
पी चिदंबरम और उनके बेटे कर्ति चिदम्बरम को अभी बड़ी लड़ाई लड़नी है क्योंकि सुब्रमण्यम स्वामी उन्हें ऐसे ही नहीं जाने देने वाले है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सुब्रमण्यम स्वामी को सबसे ज्यादा श्रेय देना होगा जिन्होंने इन मुद्दे को लोगों के बीच बनाए रखा और निरंतर अपने ट्वीट्स से आम जनता को और चिट्ठी से प्रधानमंत्री को ध्यान दिलाते रहे।
वर्ष 2015 में सुब्रमण्यन स्वामी ने कार्ति चिदंबरम की विभिन्न कंपनियों के बीच वित्तीय लेनदेन का खुलासा किया था। स्वामी ने आरोप लगाया कि यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए पी. चिदंबरम ने अपने बेटे कार्ति की एयरसेल-मैक्सिस डील से लाभ उठाने में मदद की। इसके लिए उन्होंने दस्तावेजों को जानबूझकर रोका और अधिग्रहण प्रक्रिया को नियंत्रित किया ताकि कीर्ति को अपनी कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ाने का वक्त मिल जाए। नियमों के मुताबिक किसी भी इन्वेस्टमेंट को 600 करोड़ से ज्यादा की डील के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की अनुमति लेनी पड़ती है।
इसके बावजूद भी एफआईपीबी बैठक में 3500 करोड़ रुपए की एयरसेल-मैक्सिस डील को मार्च 2006 में अप्रूव कर दिया गया। कैग के ऑडिटर्स ने पाया कि यही एकमात्र ऐसा केस है जिसे चिदंबरम ने एफआईपीबी अप्रूवल दिया था, जबकि ऐसे अन्य मामलों को वे सीसीईए रेफर करते थे। चिदंबरम जब वित्त मंत्रालय में थे तब एस्ट्रो कंपनी द्वारा सन टीवी में 660 करोड़ रुपए निवेश की मंजूरी दिलाने के लिए सीसीईए को प्रस्ताव भी भेजा था। यह दिलचस्प बात है कि वित्त मंत्रालय द्वारा पत्र पर जो तारीख दर्ज थी वह 20 मार्च 2006 है जबकि अगले ही दिन मैक्सिस द्वारा एयरसेल में 3,154.35 करोड़ रुपए निवेश किए गए।
इसके बाद सीबीआई ने वर्ष 2017 में यह मामला दर्ज किया। इस मामले में पी चिदंबरम पर वित्त मंत्री के अपने पद के दुरुपयोग करने और अनियमितता बरतने के आरोप लगे हैं। वहीं कीर्ति चिदंबरम पर इस मामले में कथित तौर पर पैसे लेने का आरोप है। इनके अलावा आईएनएक्स मीडिया कंपनी के तत्कालीन निदेशक इंद्राणी और पीटर मुखर्जी को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया था।
वहीं 15 मई 2017 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर आरोप लगाया कि साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया से पैसे लेने में कई तरह की अनियमित्ताएं हुईं। चिदंबरम उस दौरान केंद्र सरकार में मंत्री थे। इसलिए ईडी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अभी हाल ही में एयरसेल मैक्सिस मामले में पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने जल्द से जल्द इस मामले की जांच को पूरा करवाकर दोषियों को सजा देने की बात कही थी। तथा यह भी आरोप लगाया था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कीर्ति चिदंबरम को बचाने के प्रयास में वित्त मंत्रालय के कुछ अधिकारी शामिल थे।
इससे पहले भी वो कई बार इंटरव्यू में तो कभी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये चिदम्बरम द्वारा सरकार में रहते हुए बरती गई अनियमितता के खिलाफ मुखर रहे।
स्वामी ने पीगुरु नामक वेबसाइट पर 15 मार्च 2017 को छपी एक खबर का लिंक शेयर करते हुए लिखा, “चिदंबरम रहस्य- चिदंबरम परिवार के विदेश स्थित खातों और अकूत संपत्तियों का ब्योरा।”
Subramanian Swamy exposes 21 secret foreign bank accounts of Karti Chidambaram https://t.co/MP1X9wRYdb via @PGurus1
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 20, 2017
पीगुरु के अनुसार चेन्नई इनकम टैक्स विभाग द्वारा चिदंबरम परिवार से जुड़ी जांच में करीब 200 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की गयी थी जिसमें से कुछ हिस्सा स्वामी ने सार्वजनिक किया था। स्वामी ने दावा किया था कि ये जानकारी कथित तौर पर इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संयुक्त छापे में मिले दस्तावेज से मिली है।
स्वामी द्वारा जारी की गए दस्तावेज में दावा किया गया है कि पी चिदंबरम के बेटे कीर्ति के पास 21 विदेशी बैंक खाते हैं। इनमें से चार खाते कथित तौर पर ब्रिटेन में, चार सिंगापुर, दो स्पेन, एक मोनाको, एक फ्रांस और एक स्विट्जरलैंड इत्यादि में हैं। पीगुरु पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पी चितंबरम की पत्नी नलिनि चिदंबरम, बेटे कार्ति, कार्ति की पत्नि श्रीनिधि ने कथित तौर पर ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में स्थित एक बड़े घर के भी मालिक हैं। रिपोर्ट में आयकर विभाग के दस्तावेज के हवाले से दावा किया गया है कि कार्ति चिदंबरम की सिंगापुर, ब्रिटेन समेत कई देशों में रियल एस्टेट एवं अन्य सेक्टरों में भारी निवेश कर रखा है। रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि पी चिदंबरम के केंद्र की यूपीए सरकारों में मंत्री रहने के दौरान कीर्ति चिदंबरम को कथित तौर पर वित्तीय लाभ मिले।
सुब्रमण्यम स्वामी ED अधिकारी राजेश्वर सिंह के समर्थन में भी सामने आए थे, जो एजेंसी की ओर से इस मामले की जांच कर रहे थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘सीबीआई के खिलाड़ी ईडी के राजेश्वर को निलंबित करने वाले हैं ताकि वह ‘पीसी’ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकें। अगर ऐसा हुआ तो मेरे लिए भ्रष्टाचार से लड़ने की कोई वजह नहीं रहेगी क्योंकि मेरी सरकार उन्हें बचाने पर तुली है। ऐसे में मैंने भ्रष्टाचार के जो मामले दायर किए हैं उन सभी से हट जाऊंगा।”
The players in the CBI massacre are about to suspend ED’s Rajeshwar so that he cannot file the chargesheet against PC. If so I will have no reason to fight the corrupt since my govt is hell bent on protecting them. I shall then withdraw from all the corruption cases I have filed.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 24, 2018
इससे पहले स्वामी ने एएनआई से बातचीत के क्रम में कहा था कि दास को आरबीआई गवर्नर के रूप में नियुक्त करने का फैसला गलत है और आरोप लगाया कि दास पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेसी नेता पी.चिदंबरम के साथ भ्रष्टाचार संबंधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह चिदंबरम को अदालती मामलों में बचाने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं मालूम कि यह फैसला क्यों लिया गया। मैंने आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति पर अपने विरोध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।’
Elements want to finish Indrani Mukherjee since she has on affidavit to ED said she gave bribe to BC for FIPB ok. Z security a must for her
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 21, 2018
इसके बाद उन्होंने इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने के बाद उन्हें ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा देने की वकालत भी की थी ताकि पी चिदम्बरम को अभियुक्त बनाया जा सके।
सिर्फ यही नहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने देश भर में नेहरु-गांधी परिवार के घोटालों के भी खुलासे कर उनके पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कांग्रेस पार्टी का पतन 2008 में ही शुरू हो गया था जब सुब्रमण्यम स्वामी ने स्पेक्ट्रम आवंटन प्रणाली में हुई गड़बड़ी पर प्रकाश डाला था। वो गांधी परिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट तक ले गये। नेशनल हेराल्ड घोटाला मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में तेजी से हुई और अभी राहुल गांधी और सोनिया गांधी जमानत पर है। सुब्रमण्यम स्वामी ने इन घोटालों और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने लगातार ट्वीट्स और बयानों से प्रशासन पर दबाव बनाए रखा है। स्वामी के प्रयासों से ही भ्रष्टाचार में लिप्त अभी तक बसे बड़ी मछ्ली फंस चुकी है। इसलिए अगर आज चिदम्बरम पकड़े गए हैं तो निश्चित रूप से सुब्रमण्यम स्वामी को श्रेय मिलना चाहिए।