पाकिस्तान पहले अपनी नापाक हरकतों से बाज आओ, फिर हम जरुर तुम्हारे साथ खेलेंगे

टेनिस

(PC: Indian Express)

अखिल भारतीय टेनिस संघ ने अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ से अपने एशिया ओसियाना क्षेत्र ग्रुप ए डेविस कप मुकाबले को इस्लामाबाद हटा कर किसी तटस्थ स्थल पर करवाने की मांग की है जो 14 और 15 सितंबर को खेला जाना है। इस मामले को लेकर एआईटीए और इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (आईटीएफ) के सुरक्षा सलाहकारों के बीच भारत और पाक के बीच डेविस कप मुकाबले को लेकर होने वाली टेलिकॉन्फ्रेंस आज यानी मंगलवार को होगी। भारत की सुरक्षा चिंताओं को दो बार खारिज करने के बाद इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन इस मुद्दे पर एआईटीए के प्रतिनिधियों के साथ टेलिकॉन्फ्रेंस के लिए राजी हो गया था। इस टेलिकॉन्फ्रेंस में भारत का पक्ष रखने के लिए आईटीए के महासचिव हिरोण्मय चटर्जी और भारत के गैर-खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति को शामिल होना है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में फिर से कड़वाहट आ गई है। पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध भी कम कर लिया है तथा अपने देश से भारत के राजदूतों को भी चले जाने को कहा है। पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए भारतीय खिलाड़ियों ने पाक के खिलाफ डेविस कप मुक़ाबले को किसी तटस्थ स्थान पर करने की मांग की थी जिसके बाद भारत का 55 साल बाद पाक का दौरा अधर में अटक गया है।

गौरतलब है कि आईटीए के महासचिव हिरोण्मय चटर्जी ने अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) के कार्यकारी निदेशक जस्टिन एलबर्ट पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति का दोबारा जायजा लेने का आग्रह किया था। लेकिन चटर्जी के इस आग्रह के 24 घंटे बाद ही भारतीय डेविस कप टीम ने भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते संबद्धों को देखते हुए एआईटीए से मुक़ाबले के लिए तटस्थ स्थल की मांग कर डाली। डेविस कप में भारत के गैर-खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने कहा, “हमने एआईटीए से तटस्थ के लिए कहा है।” एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें एआईटीए के ताजा रुख से बड़ी हैरानी हुई है कि वह सिर्फ सुरक्षा की फिर से जांच की मांग कर रहे हैं।
भारत की सुरक्षा चिंताओं को दो बार खारिज करने के बाद इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन इस मुद्दे पर एआईटीए के प्रतिनिधियों के साथ टेलिकॉन्फ्रेंस के लिए राजी हो गया था। पाक कि मौजूदा हालात देखते हुए अखिल भारतीय टेनिस संघ ने कहा है कि आईटीएफ को गौर करने की जरूरत है क्योंकि पाक ने भारत के साथ राजनयिक रिश्ते कम कर दिए हैं और भारतीय उच्चायुक्त को जाने के लिए कहा है। हिरोण्मय चटर्जी ने कहा, ‘इस्लामाबाद में अब हमारा उच्चायुक्त नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच ट्रेन सेवा बंद हो गई है। दोनों देशों के बीच बस सेवा को भी तुरंत प्रभाव से रोक दिया गया है। पाक में काफी तनाव है।’

लेकिन इम मामले पर पाकिस्तान के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी ऐसाम उल हक कुरैशी ने आगामी डेविस कप मुकाबले पाकिस्तान में खेलने से बचने के लिए भारतीय खिलाड़ियों की आलोचना की है। एक अखबार को दिए बयान में कुरैशी ने कहा, “आईटीएफ की सुरक्षा टीम पहले ही पाकिस्तान का दौरा कर चुकी है और उन्होंने यहां की सरकार द्वारा उठाए गए सुरक्षा प्रबंधों पर संतुष्टि जाहिर की है। पीटीएफ पहले ही यह आश्वासन दे चुकी हैं कि वे भारतीय दल को रेड बॉक्स सुरक्षा मुहैया कराएगी तो फिर वे लोग क्यों ऐसा बहाना बना रहे हैं।”
हालांकि बता दें कि इसी सुरक्षा बहाने के वजह से अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ ने वर्ष 2005 से 2017 तक पाक में डेविस कम का आयोजन ही नहीं किया था। हांगकांग ने 2017 में पाक का दौरा करने से इन्कार कर दिया था। पाक में खिलाड़ियों की सुरक्षा में चूक कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2009 में पाक में ही श्रीलंका क्रिकेट टीम पर 12 हथियारबंद आतंकवादियों ने हमला किया था जिसमें श्रीलंका के कुमार संगकारा सहित छह क्रिकेटर घायल हो गए थे और 8 निर्दोष लोग भी मारे गए थे। इन्हीं सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में विश्व के अधिकतर देश अपने खिलाड़ियों को भेजने से कतराते है। भारत की कोई भी डेविस कप टीम 1964 के बाद पाकिस्तान दौरे पर नहीं गयी तथा मुंबई में 2008 के आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखलाएं भी नहीं खेली गयी हैं। भारत पहले भी कह चुका है कि पाक द्वारा आतंकवाद का समर्थन बंद करने के बाद ही किसी भी प्रकार की द्विपक्षीए सीरीज खेली जाएगी, लेकिन जहां तक अंतराष्ट्रीय सीरीज की बात है, भारत का अभी भी यही पक्ष है कि मुक़ाबला पाकिस्तान के बजाए किसी तटस्थ स्थान पर ही हो। जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को खत्म नहीं कर देता और एक अच्छे पड़ोसी कि तरह नहीं रहता तब तक पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत बंद रहनी चाहिए।

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