Aarey: मुंबई मेट्रो के खिलाफ बॉलीवुड, ब्रेकिंग इंडिया गैंग और कथित पर्यावरणविद आये साथ

जिस तरह से ये सितारे और नेता इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा डाल रहे हैं, वो न सिर्फ इस प्रोजेक्ट के लिए हानिकारक है, अपितु देश के लिए भी हानिकारक है!

मुंबई मेट्रो

मुंबई के गोरेगांव क्षेत्र में स्थित आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो के कार डिपो के निर्माण पर जिस तरह विरोध अभियान सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है, उसने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। एमएमआरसी मेट्रो लाइन-3 के लिए एक मेट्रो कार डिपो का निर्माण कर रही है। यह मेट्रो लाइन कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज के बीच बनाई जाएगी। इस डिपो के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट ने भी हरी झंडी भी दे दी। परंतु पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं से जुड़े एक्टिविस्ट्स ने इस मामले को तिल का ताड़ बना दिया और पूरे मुंबई भर में इसके विरुद्ध अभियान चलाये गए, जिसके कारण इस प्रोजेक्ट पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी गयी है।

मुंबई में जगह की कमी से कोई अनभिज्ञ नहीं है, और इसका पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पहले से ही बहुत दबाव और निकट पतन के बोझ तले दबा हुआ है। ऐसे में शहर के लोगों की परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक बड़े ओवरहाल की आवश्यकता है, परंत मेट्रो कार शेड के निर्माण के विरोध ने कई बॉलीवुड हस्तियों और राजनेताओं के दोहरे मापदण्डों का खुलासा किया है। इस विकास परियोजना के विरोध में चलाये जा रहे अभियान संभवतः एक पेड (Paid) अभियान की ओर संकेत दे रहा है। उदाहरण के लिए दीया मिर्जा और मनोज बाजपेयी ने परियोजना के ट्वीटस देखिये जो एक जैसे हैं:

दोनों ही ट्वीट बड़े ही कम समय के अंतराल, और लगभग समान टेक्स्ट के साथ ही लिखे गए हैं। अगर इतना काफी न हो, तो शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पुत्र एवं शिव सेना के नेता आदित्य ठाकरे के इस विरोध को भी देख लीजिये–

https://twitter.com/abhijeet_dipke/status/1173575292134158336

अब भला कांग्रेस के नेता जैसे पीछे रहते, कांग्रेस नेता ने भी बहती गंगा में हाथ धोने हेतु आरे में वनों की कटाई का विरोध करना शुरू कर दिया। वनों को बचाने के नाम पर वे एक विकास परियोजना को रोकने के हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। परंतु यहां पर इन सितारों के लिए एक ही कथन सबसे फिट बैठता है और वो है, ‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’

ऐसा इसलिए क्योंकि रॉयल पाल्म्स कॉलोनी और आरे कॉलोनी के ही पास में निर्मित फिल्म सिटी को कई पेड़ काटकर ही बनाया गया है, और रोचक बात तो यह है कि इन्हीं इलाकों में रहने वाले या प्रॉपर्टी का स्वामित्व रखने वाले लोग भी आरे के वनों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। इसी हिपोक्रिसी के लिए सोशल मीडिया पर ऐसे अवसरवादी लोगों को जमकर खरी खोटी सुनाई गयी –

https://twitter.com/anirudhganu/status/1174715780342136833

जब अमिताभ बच्चन ने अप्रत्यक्ष रूप से मेट्रो शेड के निर्माण का समर्थन किया, तो उन्हें कथित विरोधियों ने खूब खरी खोटी सुनाई। परंतु यदि ट्वीट को ध्यान से देखें, तो अमिताभ बच्चन ने पर्यावरण का ध्यान रखते हुए एक यथार्थवादी उपाय निकालने की बात कही है –

स्वयं एमएमआरसी के एमडी ने स्पष्ट किया है कि अफवाहों के मुक़ाबले आरे कॉलोनी के कुल 1300 हेक्टेयर में से केवल 25 हेक्टेयर के भूमि की ही आवश्यकता है –

https://twitter.com/dhaval241086/status/1169970180606218242

https://twitter.com/dhaval241086/status/1169972128755539969

इन ट्वीट्स के अनुसार यदि 2700 पेड़ काटे जाएंगे, तो 460 को ट्रांसप्लांट किया जाएगा और 13000 पौधों को वहाँ पर लगाया भी जाएगा –

मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट का लगभग 48 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और मेट्रो कार डिपो के बिना यह प्रोजेक्ट चालू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद भी इन एक्टिविस्ट्स के कारण एक अहम विकास परियोजना पर ताला लग सकता है, जिससे कई मुंबईवासियों को दिल्लीवासियों की तरह आवाजाही में आसानी होगी। सूत्रों के मुताबिक अब तो यह खबरें भी आ रही हैं कि कुछ कैथोलिक विद्यालयों में बच्चों को अपने अभिभावकों के जरिये इस प्रोजेक्ट के विरोध में अभियान चलाने के लिए बरगलाया जा रहा है, जिससे इस विरोध अभियान की पोल परत दर परत खुलती नज़र आ रही है।  जिस तरह से ये सितारे और नेता इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा डाल रहे हैं, वो न सिर्फ इस प्रोजेक्ट के लिए हानिकारक है, अपितु देश के लिए भी हानिकारक है!

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