पिछले महीने पूरी दुनिया में गुंडागर्दी करने के लिए बदनाम चीन ने भारत को धमकी भरे शब्दों में कहा था कि अगर भारत ने चीन की कंपनी हुवावे पर प्रतिबंध लगाने का सोचा भी, तो भारत को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। चीन ने यह तक कहा था कि वह भारत को सबक सिखाने के लिए भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि, ठीक एक महीने बाद अब भारत में चीन के राजदूत ने यह विश्वास जताया कि उन्हें भारत पर पूरा विश्वास है कि हुवावे को लेकर वह सही निर्णय लेगा। इतना ही नहीं, चीन ने चाटुकारिता की सारे हदें पार करते हुए यह तक कहा कि उसे दुनिया के लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है। इसी महीने हुवावे इंडिया के CEO ने भी यह कहा था कि ‘वे देश के सभी नियम-कायदों को लागू करना बरकरार रखेंगे। साथ ही वे साइबर सुरक्षा को लेकर सरकार के साथ सकारात्मक सहयोग करेंगे और नेटवर्क सुरक्षा को बेहतर करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे’।
देखा आपने, कैसे पिछले महीने तक आक्रामक रुख दिखा रहा चीन एक दम भीगी बिल्ली बनकर भारत के सामने गिड़गिड़ाने पर मजबूर हुआ है। यह हवा में नहीं हुआ है, बल्कि यह मोदी सरकार की धांसू कूटनीति का कमाल है। दरअसल, जब चीन ने भारत को धमकी दी थी, तो आपको पता है भारत ने पलटकर क्या जवाब दिया था? भारत ने कहा था कि बहुत बढ़िया चीन, आप अगर ढंग से कूटिनीतिक मूल्यों का लिहाज करते हुए हमारे सामने अपनी बात रखते तो शायद हम थोड़ा बहुत देख भी लेते, लेकिन जो आपने ये गुस्ताखी की है, उसका खामियाजा आपकी हुवावे को ही भुगतना पड़ेगा।
और सिर्फ भारत सरकार ही नहीं, बल्कि भारतीय कंपनियों ने भी हुवावे को ठिकाने में कोई कसर नहीं छोडी है। दरअसल, भारत के दिग्गज टेलिकॉम प्लेयर्स यानि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने अपने 5जी कार्यक्रमों को लॉंच करने के लिए चीन की कंपनी हुवावे का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। 5जी तकनीक पर काम करने के लिए जियो ने जहां एक तरफ सैमसंग से करार किया है, तो वहीं एयरटेल ने इसके लिए नोकिया और एरिक्सन जैसी यूरोप की कंपनियों से समझौता किया है। यानि हुवावे का पत्ता पूरी तरह साफ!
बता दें कि हुवावे 5जी तकनीक का पूरी दुनिया में प्रसार करने पर काम कर रहा है लेकिन अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस कंपनी पर इन देशों की सुरक्षा से समझौता करने और चीनी सेना के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। इन देशों का मानना है कि Huawei कंपनी चीनी सरकार के प्रभाव में काम करती है और सुरक्षा के लिहाज से यह इन देशों के लिए खतरा साबित हो सकती है। इन सब देशों द्वारा Huawei पर कार्रवाई के बाद भारत में भी हुवावे पर प्रतिबंध की मांग उठना शुरू हुई थी। हुवावे पर कई देश गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि जो पश्चिमी देश Huawei को अपने यहां 5जी ट्रायल करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, उनका मानना है कि चीन की यह कंपनी उनकी सुरक्षा में सेंध लगा सकती है। इसके अलावा इन देशों को यह भी शक है कि Huawei इन देशों से संवेदनशील जानकारी चुराकर चीनी सेना के साथ साझा कर सकती है, जो कि इन देशो की सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है। Huawei कंपनी पर अन्य देशों की कंपनियों के इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स का उल्लंघन करने का आरोप भी लगता रहा है। यही कारण है कि हुवावे और चीनी सरकार 5जी तकनीक के क्षेत्र में जी जान से भारत में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रही है, और इसको लेकर अब वह भारत सरकार के सामने गिड़गिड़ाने को भी मजबूर हो गया है। ये वही चीन है, जो कल तक भारत को अपनी लाल आखें दिखा रहा था। लेकिन इस मामले पर अब तक जो भी खबरें आई हैं, उनको देखकर तो यही लगता है कि 5जी तकनीक के क्षेत्र में भारत में हुवावे के अच्छे दिन कभी नहीं आएंगे!