प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया का सपना परवान चढ़ रहा है। डिजिटल तरीके से पैसों के लेनदेन में भारत रोज नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में डिजिटल भुगतान अगले चार वर्षों में 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की संभावना है। केपीएमजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2019 और 2023 के बीच डिजिटल भुगतान लेनदेन मूल्य में 20.2 प्रतिशत की CAGR (compounded annual growth rate) के साथ चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के मुकाबले सबसे तेज वृद्धि देखने को मिल सकती है। अध्ययन से यह भी पता चला कि डिजिटल भुगतानों में दुनिया भर में लेन-देन के मूल्य में भारत की हिस्सेदारी भी अगले चार वर्षों में 1.56% से बढ़कर 2.02% हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल कॉमर्स में बढ़ोतरी, भुगतान प्रौद्यागिकी के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रियल टाइम भुगतान और मोबाइल प्वांइट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरण के आने से डिजिटल लेन-देन के इंफ्रास्ट्रक्चर की लागत में कमी आई है और इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में मदद मिली है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि पिछले कुछ वर्षों में, चीन ने विश्व में डिजिटल भुगतान के मामले में खुद को एक वैश्विक के रूप में खुद को स्थापित किया है। लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब भारत इस क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ कर दुनिया में नंबर 1 देश बन जाएगा।
साल 2018-19 में भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन में पिछले साल की तुलना में 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
देश में इस अवधि में कुल डिजिटल ट्रांजेक्शन 3,133.58 करोड़ को पार कर गया है। भारत में डिजिटल पेमेंट में इस वृद्धि का कारण सिर्फ और सिर्फ नीतिगत ढांचे में बदलाव और मोदी सरकार की नई पहल जैसे कि UPI, आधार-लिंक्ड, डिजिटल पेमेंट जैसी सुधार जैसी पहल है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शन का आंकड़ा अगस्त में पहली बार 90 करोड़ के पार जा चुका है। रविशंकर प्रसाद ने राज्य सभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि अप्रैल 2017 में भीम एप से डिजिटल ट्रांजेक्शन 31.9 लाख पर था जो जून 2019 में बढ़कर 1.549 करोड़ हो गया है। एनपीसीआई के मुताबिक, अगस्त महीने में 1.54 लाख करोड़ रुपये के कुल 91.8 लाख करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए। वहीं, जुलाई महीने में 1.46 लाख करोड़ रुपये के 82.2 करोड़ ट्रांजैक्शंस हुए थे। NPCI के मुताबिक, यूपीआई ट्रांजैक्शन में वृद्धि के कई कारण रहे। कई राज्यों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच बढ़ी है, जिसके कारण ट्रांजैक्शन में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, साक्षरता दर में बढ़ोतरी ने भी इसे बढ़ावा देने में भूमिका निभाई है।
नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में डिजिटल इंडिया की मुहिम लगातार आगे बढ़ रही है। मोदी सरकार की नीतियों की वजह से डिजिटल लेनदेन में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानि यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट ने डेबिट कार्ड से हुए लेनदेन को भी पीछे छोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2019 में देश में 5.35 बिलियन यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए, जबकि डेबिट कार्ड के जरिए सिर्फ 4.41 बिलियन लेनदेन हुए। देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि यूपीआई ट्रांजेशक्शन के आंकडों ने डेबिट कार्ड के जरिए लेनदेन के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है। इससे यह साबित होता है कि देशवासियों में डिजिटल पेमेंट के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैंकिंग सिस्टम में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के तहत भारत में हो रही डिजिटल क्रांति की गूंज पूरे विश्व में सुनाई पड़ रही है। जन धन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति से 90,000 करोड़ रुपयों की बचत हो चुकी है। यानि ये बचत हुई है 440 सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को डिजिटल तरीके से पेमेंट किए जाने से। गुड गवर्नेंस का कॉन्सेप्ट आज तकनीक के सहारे बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देशभर में लेन-देन के लिए ई-पेमेंट के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 के अंत में नोटबंदी का फैसला लेने के बाद डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी देखी गई है। जून, 2016 में एक करोड़ ट्रांजेक्शन का आंकड़ा पार हो गया था। उललेखनिय है कि नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद ही 30 दिसंबर को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपना डिजिटल पेमेंट एप BHIM लांच किया था। उस समय इस प्लेटफॉर्म पर 21 बैंक मौजूद थे, जिनकी संख्या आज 120 तक पहुंच गई है। इनके जरिए कंज्यूमर और मर्चेंट्स दोनों को रियल टाइम बेसिस पर ट्रांजैक्शन फैसिलिटी मिल रही है।
एक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2013 में जहां 7 प्रतिशत लोग मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते थे वहीं, 2017 में यह आंकड़ा बढ़ कर 29 प्रतिशत हो गया। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में मोबाइल वॉलेट भुगतान का कुल मूल्य 1.84 लाख करोड़ रुपये था। इस क्षेत्र में गूगल पे को 60% मार्केट शेयर के साथ भारत में सबसे बड़ा UPI का उपयोग कर भुगतान करने वाला वॉलेट माना जाता है। आंकड़ों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल पेमेंट बढ़ाने की मुहिम तेजी से आगे बढ़ रही है। और आने वाले समय में जिस तरह से इंटरनेट और मोबाइल सुविधा बढ़ रही है और गाँव गाँव तक पहुंच रही है उससे वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेशक्शन करने केे मामले में चीन को पीछे छोड़ कर नंबर 1 बन जाएगा।