न कोई नौकरी न कोई धंधा फिर भी 5 साल में 1 करोड़ से 109 करोड़ रूपए की मालकिन बन गईं ऐश्वर्या

शिवकुमार

PC: One India

मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद सीबीआई और ईडी ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के खिलाफ अपनी कारवाई तेज़ कर दी है। अभी हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई है इसके साथ ही कई नेताओं पर ईडी और सीबीआई की नजर बनी हुई है। जो भी नेता गिरफ्तार हुए हैं उनके द्वारा किए गए घोटालों का पोल खुलता जा रहा है। ऐसे ही कर्नाटक के एक नेता हैं डीके शिवकुमार। शिव कुमार मनी लॉन्ड्रिंग के केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्त में हैं और दिल्ली की एक अदालत ने शिवकुमार को 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज चुकी है।

हालांकि जो बात गौर करने वाली है वह है ईडी द्वारा शिवकुमार की बेटी से पूछताछ करना। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या से मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। इससे पहले ईडी ने मंगलवार को कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डी. के. शिवकुमार से ही जुड़े हुए मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनकी बेटी को नोटिस भेजा था। अधिकारियों का मानना है कि डीके शिवकुमार ने अपनी बेटी ऐश्वर्या के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी हुई है।

वर्ष 2018 के चुनावी शपथपत्र में शिवकुमार ने अपनी बेटी ऐश्वर्या की संपत्ति 108 करोड़ रुपए घोषित की हुई थी। हालांकि 2013 के शपथपत्र में उन्होंने अपनी बेटी के नाम सिर्फ 1.1 करोड़ की संपत्ति दिखाई थी। यानि पांच साल के भीतर ऐश्वर्या की संपत्ति 1.1 करोड़ से बढ़कर 108 करोड़ रुपए हो गई। एजेंसी इसी सवाल का पता लगाने में जुटी है। इस पर सवाल उठने के बाद शिवकुमार ने सफाई दी थी कि, “मेरी बेटी मुझ पर निर्भर नहीं है, मैं बस जनप्रतिनिधि कानून के अतंर्गत उसकी भी संपत्ति सार्वजनिक कर रहा हूं।”

मैनेजमेंट ग्रैजुएट ऐश्वर्या अपने पिता द्वारा स्थापित ग्लोबल अकेडमी ऑफ टेक्नॉलजी में ट्रस्टी हैं। अधकारियों ने बताया कि यह ट्रस्ट कई इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों का संचालन करता है और ऐश्वर्या उसके पीछे प्रमुख व्यक्ति हैं। रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट के पास करोड़ों की संपत्ति और बिजनेस है। वर्ष 2017 में सिंगापुर में हुई कॉफी डे और सोल स्पेस के बीच की डील में भी ऐश्वर्या शामिल थीं। हाल ही में ऐश्वर्या ने बेंगलुरु के बेलंदूर इलाके में स्थित सोल स्पेस स्प्रिट मॉल में 76.1 करोड़ कीमत का बिल्ट-अप एरिया खरीदा था। यानि इससे यह स्पष्ट होता है कि ऐश्वर्या की संपती में अचानक से हुई इतनी बढ़ोतरी के पीछे डीके शिव कुमार का काला धन है जिसे सफ़ेद बनाने के लिए उन्होंने अपने बेटी के नाम पर निवेश किया।

कर्नाटक की राजनीति में रिज़ॉर्ट पॉलिटिक्स की नींव रखने वाले शिव कुमार भारत के सबसे अमीर राजनेताओं में से एक हैं। शिवकुमार 2016 में नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग और ईडी के रडार पर हैं। उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट पर दो अगस्त 2017 को आयकर विभाग की तलाशी के दौरान 8.59 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। आयकर विभाग ने अपनी जांच के दौरान दिल्ली और बेंगलुरु में क्रॉस-बॉर्डर हवाला लेनदेन और बेहिसाब नकदी के इस्तेमाल का पता लगाया। यह भी आरोप लगा है कि डीके शिवकुमार और उनकी बेटी ऐश्वर्या जुलाई 2017 में एक वित्तीय लेनदेन के लिए सिंगापुर गए थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने डीके शिवकुमार के खिलाफ पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। इस मामले में आयकर विभाग ने डीके शिवकुमार और अन्य के खिलाफ 60 ठिकानों पर छापेमारी की थी और इस दौरान करीब 300 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति सामने आई थी। इसके बाद कोर्ट में चार्जशीट फाइल की गई, जिसमे आरोप लगाया गया था कि डीके शिवकुमार ने टैक्स की चोरी की है। डीके शिवकुमार पर यह भी आरोप है कि उन्होंने हवाला के जरिए करोड़ों रुपए का लेन-देन किया है।

बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार की संपत्ति महज पांच साल के भीतर करीब तीन गुना बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक 2013 कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान 251 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्यौरा दिया था। जबकि 2018 में यह बढ़कर 840 करोड़ रुपये हो गई। वहीं 2008 में डीके शिवकुमार सिर्फ 75 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति के मालिक थे। ऐसे में दस सालों के भीतर 11 गुना से अधिक उनकी संपत्ति बढ़ी है।

अकूत संपत्ति के मालिक डीके शिव कुमार अब जांच के घेरे में आ चुके हैं। अभी न जाने कितने राज खुलने वाले हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे शिवकुमार के भ्रष्टाचार की पोल खुलती जाएगी। लोगों को भी उनके भ्रष्टाचार का पता चलेगा कि उनके ही रुपयों को लूट कर शिवकुमार अपने परिवार और अपने बच्चों का बैंक अकाउंट भरते थे। चिदम्बरम के बाद अब शिवकुमार की गिरफ्तारी दिखाती है कि कांग्रेस के नेताओं ने अपने शासन के दौरान कितने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया था और आम जनता की हक को लगातार लूटते रहे। इन दोनों के घोटाले सामने आने और सीबीआई, आयकर विभाग तथा ईडी की लगातार सक्रियता से स्पष्ट है कि बाकी बचे हुए भ्रष्टाचारी नेताओं के दिन भी अब पूरे हो चुके हैं।

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