कहने को तो भारत 80 प्रतिशत हिन्दू जनसंख्या के साथ दुनिया का सबसे बड़ा हिन्दू बहुल देश है, लेकिन यही ऐसा एकलौता देश है जहां पर आए दिन हिंदुओं को बेइज़्ज़त करना अब फैशन बन चुका है। चाहे वह मीडिया हो या बड़े बड़े विदेशी कॉरपोरेट्स, हर जगह हिंदुओं के खिलाफ जमकर एजेंडा चलाया जाता है, और हिंदुओं को धार्मिक भेदभाव करने वाली ओच्छी मानसिकता का शिकार दिखाने की कोशिश की जाती है। देश की मीडिया में तो यह हिन्दू विरोधी एजेंडा शुरू से ही चलाया जाता रहा है, लेकिन देश में करोड़ों का व्यापार करने वाले विदेशी कॉरपोरेट्स भी अब इसी एजेंडे पर चलते नज़र आ रहे हैं। यह देखने को मिला है कि जब भी हिंदुओं का कोई त्योहार आता है, तो कुछ कंपनियाँ अपने प्रचार के माध्यम से हिंदुओं के खिलाफ अपना एजेंडा चलाना शुरू कर देती हैं। और ऐसी ही कंपनियों में सबसे प्रमुख नाम है हिंदुस्तान यूनिलीवर का!
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने गणेश महोत्सव के मौके पर अपने चाय के मशहूर ब्रांड ‘रेड लेबल’ के लिए एक विज्ञापन जारी किया और इस विज्ञापन के जरिये हिंदुस्तान यूनिलीवर ने हिंदुओं को मुस्लिमों के साथ भेदभाव करने वाला बताया। विज्ञापन के अनुसार गणेश महोत्सव के लिए भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने एक शख्स एक दुकान पर जाता है और मूर्ति बनाने वाले शख्स को मुस्लिम देखकर वह असहज महसूस करता है। इसके बाद मुस्लिम मूर्तिकार उसे कहता है कि उसका हैरान होना बनता है लेकिन वह हिंदुओं के भगवानों की मूर्ति बनाकर भी अपनी इबादत ही कर रहा होता है। इतना सुनकर वह शख्स मूर्तिकार से प्रभावित हो जाता है और उससे मूर्ति लेने के लिए तैयार हो जाता है।
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अपने इस विज्ञापन से हिंदुस्तान यूनिलीवर ने यह दर्शाने की कोशिश की है कि हिन्दू धार्मिक कार्यों में भी धार्मिक भेदभाव करते हैं और ‘रेड लेबल’ की चाय पीकर सभी हिंदुओं को ऐसी पिछड़ी मानसिकता को हमेशा के लिए भुला देना चाहिए। जबकि सच्चाई यह है कि भारत में हिन्दू और मुस्लिम दशकों से ही एक दूसरे के साथ शांति से रहते आए हैं और भारतीय समाज में धर्म के आधार पर भेदभाव करने का चलन कभी रहा ही नहीं है। रेड लेबल का यह विज्ञापन इस बात को दर्शाने के लिए काफी है कि हिंदुस्तान यूनिलीवर एक खास एजेंडे के तहत हिंदुओं के त्योहारों पर ऐसे विवादित विज्ञापनों को प्रकाशित करती है।
इससे पहले भी रेड लेबल अपने एक विज्ञापन में ऐसे ही हिन्दू-मुस्लिम का कार्ड खेलने का काम कर चुका है। रेड लेबल के एक अन्य विज्ञापन के अनुसार एक व्यक्ति एक महिला के घर में जाने से सिर्फ इसलिए मना कर देता है क्योंकि वह मुस्लिम होती है। इसके बाद वह शख्स चाय की खुशबू लेकर उस महिला के घर में जाने को मजबूर होता है और इस तरह रेड लेबल की वजह से समाज में धार्मिक सोहार्द को बढ़ावा मिलता है।
इससे पहले हिंदुस्तान यूनिलीवर सर्फ एक्सेल के विज्ञापन के माध्यम से भी अपना हिन्दू-विरोधी एजेंडा चला चुका है और वो भी हिंदुओं के त्योहार होली के मौके पर। उस विज्ञापन में होली के शुभ रंगों को दाग कहकर पुकारा गया था। उस विज्ञापन के जारी होने के बाद भी बड़ा बवाल खड़ा हुआ था और लोगों ने सोशल मीडिया पर कंपनी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था।
इसी तरह कुछ महीनों पहले हिंदुस्तान यूनीलीवर ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें कुंभ मेले का जिक्र था। इस पोस्ट में लिखा था, “कुंभ मेला एक ऐसी जगह है जहां लोग अपने बुजुर्ग अभिभावकों को छोड़ कर आते हैं। क्या ये दुखद नहीं है कि हम अपने बुजुर्गों की परवाह नहीं करते? रेड लेबल हमे ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करता है कि वो ऐसे लोगों का हाथ थामें जिन्होंने हमें बनाया है। देखें ये दिल को छू लेने वाली वीडियो। एक कड़वा और आंखें खोल देने वाली सच्चाई।” इस वीडियो में एक व्यक्ति अपने बूढ़े पिता को भीड़ में छोड़ आता है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि मानो ये भारतीय समाज के लिए आम बात हो! हिंदुस्तान यूनीलीवर के इस ट्वीट पर भी काफी विवाद खड़ा हुआ था।
ऐसा प्रतीत होता है मानो हिंदुस्तान यूनिलीवर हिन्दुफोबिया से पीड़ित है जहां उसे हर बार हिंदुओं के खिलाफ अपना एजेंडा चलाना ही होता है। इस कंपनी का कोई भी विज्ञापन बिना हिंदुओं को बदनाम किए पूरा नहीं होता। बता दें कि यूनिलीवर एक ब्रिटिश-डच कंपनी है जो भारत में हिंदुस्तान यूनीलीवर के नाम से चलती है। यह कंपनी भारत में काफी दिनों से सांप्रदायिक सोहार्द बिगाड़ने के एजेंडे पर काम कर रही है और इसके लिए सभी भारतीयों को इस विदेशी कंपनी का बहिष्कार करने की ज़रूरत है।