अभिनंदन ‘पाकिस्तान के कब्जे वाला पायलट’, जाधव ‘जासूस’, कुछ इस तरह की रिपोर्टिंग करता है NDTV

पाकिस्तानी फाइटर जेट एफ-16 को मार गिराने वाले भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पाकिस्तान से वापस लौटने के 6 महीने बाद कॉकपिट में वापसी कर चुके हैं। सोमवार को अभिनंदन ने वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के साथ मिग -21 के टाइप-69 लड़ाकू विमान के ट्रेनर संस्करण में उड़ान भरी। इसके बाद से वो मीडिया में एक बार फिर से चर्चा का विषय बने हुए हैं लेकिन इस पर भी पाकिस्तान की बोली बोलने वाला एनडीटीवी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। एनडीटीवी ने इस खबर को सोशल मीडिया पर शेयर करते वक्त अभिनंदन को पाकिस्तान द्वारा पकड़ा गया पायलट बताया।

एनडीटीवी ने ट्विटर पर लिखा, “ ‘अभिनंदन वर्थमान, वो पायलट जो फरवरी में पाकिस्तान द्वारा पकड़ा गया था, उन्होंने वायुसेना प्रमुख के साथ मिग -21 में भरी उड़ान”

ऐसा लगता है कि एनडीटीवी के लिए ये कहीं से महत्वपूर्ण नहीं है कि अभिनंदन ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा किये गये हमले की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के एफ16 को मार गिराया। हां, इस मीडिया संस्थान के लिए ये जरुर महवपूर्ण है कि पाकिस्तान ने हमारे देश के विंग कमांडर को कब्जे में लिया था। तभी तो इस तरह से देश के जांबाज सैनिक का अपमान करते हुए एनडीटीवी ने एक बार फिर से अपना पाकिस्तान प्रेम उजागर किया है । एनडीटीवी को उसकी घटिया पत्रकारिता के लिए सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खूब लताड़ लगाई और उसे इस खबर को ठीक करने की सलाह दी।

एक यूजर ने लिखा, “ये पाकिस्तानी लोग इंडियन प्रोडक्ट को बैन कर रहे हैं लेकिन भारत में अभी भी ये पाकिस्तानी चैनल चलना बंद नहीं हुआ।”

https://twitter.com/srikanthbjp_/status/1168438889809235968

एक यूजर ने कहा कि “ये गद्दारी कब बंद करोगे”

इतनी आलोचनाओं के बावजूद एनडीटीवी ने इसपर अभी तक कोई सफाई नहीं दी है और न ही अपनी गलत रिपोर्टिंग के लिए माफ़ी मांगी है।

वैसे ये पहले बार नहीं है जब एनडीटीवी पाकिस्तान का स्टैंड लेता हुआ नजर आया हो। इससे पहले कई बार एनडीटीवी इस तरह की पत्रकारिता कर चुका है। एक ऐसी ही फोटो एनडीटीवी से जुड़ी वायरल हो रही है जिसमें आरोप है कि एनडीटीवी ने अपने चैनल पर चल रहे टिकर में कुलभूषण जाधव को ‘जासूस’ कहा था।

कुलभूषण जाधव मामले में भारत का रुख सख्त रहा है कि कुलभूषण ‘जासूस नहीं’ हैं ये पाकिस्तान है जो हमेशा कुलभूषण जाधव को जासूस कहता रहा है। इसी का हवाला देते हुए पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव पर सैन्य अदालत द्वारा लागू मृत्युदंड को बरकरार रखने की अपील भी की थी। यही नहीं अपने दावों को सिद्ध करने के लिए पाकिस्तान ने भारतीय मीडिया के कुछ पोर्टल का इस्तेमाल सोर्स के रूप में भी किया था।

हद तो तब हो गयी हिजबुल मुजाहिदीन का एक आतंकी कश्मीर के किश्तवाड़ से गिरफ्तार हुआ था तब एनडीटीवी ने उसे हिजबुल मुजाहिदीन का वर्कर बताया था।

तब भी एनडीटीवी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था लेकिन फिर भी ये न्यूज़ पोर्टल अपनी निम्न स्तर की पत्रकारिता से बाज नहीं आया।

अब शर्मनाक तरीके से एनडीटीवी अपनी रिपोर्टिंग से हमारे शत्रु देश के एजेंडे को बढ़ावा देने में सहयोग कर रहा है। एनडीटीवी के अलावा द क्विंट, वायर स्क्रॉल जैसे न्यूज़ पोर्टल्स कई बार देश विरोधी खबरों को प्रकशित कर अपने आकाओं को खुश करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में इस तरह के न्यूज़ पोर्टल्स का बहिष्कार कर देना ही बेहतर है।

 

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