जम्मू-कश्मीर पर भारत के ऐतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तान पूरी तरह एक कन्फ़्यूज्ड स्टेट के तौर पर बर्ताव कर रहा है। पाकिस्तान के सभी मंत्री बौखलाए हुए हैं और आए दिन भारत के खिलाफ एक नई धमकी जारी कर रहे हैं। पाक के कैबिनेट मंत्री फवाद चौधरी जहां पाकिस्तान को चौथी जंग के लिए तैयार रहने की बात कह रहे हैं, तो वहीं पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद भारत को परमाणु हमले की धमकी दे रहे हैं।
बीते शुक्रवार को पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को हवा देने के लिए दोपहर 12 बजे से लेकर साढ़े 12 बजे तक ‘कश्मीर आवर’ का भी आयोजन किया था, जिसमें पाकिस्तान सरकार ने दुनियाभर के पाकिस्तानियों से सड़कों पर आकर कश्मीरियों के प्रति संवेदना जताने का आह्वान किया था। हालांकि, पाक का यह ड्रामा भी पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ और ‘कश्मीर आवर’ के दौरान पाकिस्तान में जगह-जगह ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इससे पहले पाक को कश्मीर मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी कोई साथ नहीं मिला। अब इस सबसे हताश होकर पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत से बातचीत करने का प्रस्ताव सामने रखा है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यह कहा कि वे भारत से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। कुरैशी ने कहा ‘हम वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा भारत भी यह चाहता है या नहीं।’ हालांकि, भारत से बातचीत करने को लेकर पाकिस्तान खुद असमंजस की स्थिति में है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक दिन पहले ही पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक अमेरिकी अखबार में यह लिखा था कि भारत से बातचीत सिर्फ एक ही शर्त पर हो सकती है, और वह शर्त होगी कि भारत को कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने वाला फैसला वापस लेना होगा। इससे पहले इमरान खान यह भी कह चुके हैं कि मौजूदा हालातों में भारत से बातचीत करने का कोई फायदा नहीं है। ऐसे में पड़ोसी देश पाक के विदेश मंत्री का यह बयान पाक की हताशा को दिखाता है।
कश्मीर मुद्दे पर पूरी दुनिया ने भारत का ही साथ दिया है और पाक को हर जगह से मुंह की खानी पड़ी है। फिर चाहे वह ओआईसी हो या यूएनएससी, हर अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने पाकिस्तान को उसकी जगह दिखाने का काम किया है। अगर चीन को छोड़ दिया जाए, तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का किसी भी देश ने साथ नहीं दिया है, और यही कारण है कि अब पाकिस्तान को थक-हारकर भारत के सामने बातचीत करने की गुहार लगाने पर मजबूर होना पड़ा है।
वहीं भारत की बात करें, तो भारत का यह साफ़तौर पर कहना है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। अगर पाकिस्तान को भारत के साथ बातचीत करनी है, तो पहले उसे बॉर्डर पर सभी आतंकी गतिविधियों को रोकना ही होगा। हालांकि, आतंकी गतिविधि रोकना तो दूर, पाकिस्तान के मंत्री तो भारत में जिहाद करने की बात कर रहे हैं, तो ऐसे में अभी पाकिस्तान को यह बिलकुल नहीं कहना चाहिए कि वह भारत के साथ बातचीत करने को तैयार है, क्योंकि इससे पहले उसे अपने पालतू आतंकियों को ठिकाने लगाना होगा।