पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत के आगे घुटना टेक दिया है। आज पाकिस्तान द्वारा राजनयिक पहुंच की अनुमति दिए जाने के बाद इस्लामाबाद में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। इस दौरान वे करीब ढ़ाई घंटे उनसे बातचीत किए। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव को सोमवार को स्वीकार कर लिया था। इसी क्रम में पाकिस्तान में भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया और कुलभूषण जाधव के बीच मुलाकात हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान सरकार की ओर से यह मुलाकात किसी अज्ञात जगह पर कराई गई है और इस दौरान पाकिस्तानी अधिकारी भी मौजूद थे। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि 49 वर्षीय जाधव को वियना संधि, अंतराष्ट्रीय अदालत के फैसले और पाक कानून के तहत सोमवार को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जाएगी।
कुलभूषण जाधव को एक जासूस बता कर फांसी पर लटकाने की बात कहने वाले पाकिस्तान का रवैया अब पूरी तरह से अब बदल चुका है। इससे पहले तक अपने एजेंडे के तहत पाकिस्तान जान-बूझकर कुलभूषण को फांसी देना चाहता था। बता दें कि मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में हुई पूर्व नेवी अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को जाधव से नहीं मिलने दिया था। इसके बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने “जासूसी और आतंकवाद” के आरोप में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी जिसके बाद पाकिस्तान उन्हें फांसी देने की हर-संभव कोशिश किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली। यही नहीं पाकिस्तान कूलभूषण जाधव की माँ और उनकी पत्नी के साथ भी बदसूलूकी किया था। दरअसल, पिछले साल 25 दिसंबर को कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी ने इस्लामाबाद में जाधव से मुलाकात की थी लेकिन पाकिस्तान ने कुलभूषण की मां और पत्नी के साथ बुरा व्यवहार किया था। मीटिंग से पहले उनके कपड़े बदलवाए गए तथा मंगलसूत्र, चूड़ियां और जूते भी जब्त करवा लिए थे।
लेकिन आज उसे भारत के सामने घुटने टेककर कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इसके चार प्रमुख कारण हैं। पहला कारण यह कि काउंसलर एक्सेस के 16 बार निवेदन ठुकराए जाने के बाद 8 मई 2017 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र में याचिका दाख़िल की तथा इसे वियना संधि का उल्लंघन बताया था। इसके बाद 9 मई 2017 को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस (आईसीजे) ने जाधव की मौत की सज़ा पर सुनवाई पूरी होने तक रोक लगा दी। आईसीजे के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की पूरे विश्व में फजीहत हुई तथा वह पूरी तरह से एक्सपोज हो गया कि वह कुलभूषण को फांसी देने की साजिश कर रहा था।
दूसरा कारण पाकिस्तान की आईसीजे यानि अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में शर्मनाक हार था। 17 जुलाई को कुलभूषण जाधव केस में ‘द हेग’ स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था। अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक को बरकरार रखा और पाकिस्तान को आदेश दिया कि कुलभूषण जाधव को काउन्सलर एक्सेस दिया जाए। आईसीजे के भारत के पक्ष में फैसला देने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से दबाव में आ चुका था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह एक्सपोज होने की बाद पाकिस्तान अपनी जनता को खुश करने के लिए अपनी जीत ही बताने लगा लेकिन पाकिस्तान सरकार भी जानती थी कि अगर वह आईसीजे के फैसलों को नहीं मानता है और कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस नहीं देता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता।
तीसरा कारण यह है कि भारत का पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक नीति रही। वर्ष 2014 में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाई है तथा भारतीय सेना को सीमा पार से हो रहे आतंकवाद के खिलाफ खुली छूट दे रही है। इस वजह से पाकिस्तानी सेना के हौसलें पस्त हो चुके हैं। पाकिस्तानी सेना शुरू से ही भारत के खिलाफ युद्ध की समर्थक रही है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई कई आतंकी अभियान को अंजाम दे चुके हैं। जब से मोदी सरकार आई है तब से ही भारतीय सेना ने आतंकवादियों को और सीमा पर सीज फ़ायर के उल्लंघन का माकूल जवाब दिया है। वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और इसी वर्ष पाकिस्तान स्थित बालाकोट पर वायु सेना के एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी जिससे पाकिस्तान अब नरम पड़ता जा रहा है।
चौथा और आखिरी कारण अनुच्छेद 370 का निरस्त होना और जम्मू-कश्मीर का भारत में पूर्ण रूप से मिलना है। भारत के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से टूट चुका हालांकि पाकिस्तान ने इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। इसके उलट पाकिस्तान पर ही ज्यादा दबाव बढ़ा। पाकिस्तान की भारत को बदनाम करने की सभी कोशिश नाकाम रही चाहे वो फेक न्यूज़ फैलाने का हो या इमरान के ओआईसी और संयुक्त राष्ट्र के सामने रोने का। दुनिया के कई देशों ने भारत के पक्ष का समर्थन किया।
इन सभी वजहों से पाकिस्तान को आज पूरी दुनिया के सामने शर्मसार हो कर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने पर मजबूर होना पड़ा। पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि अब उसे भारत विरोधी सभी अभियानों को छोड़कर अपने देश के विकास पर ध्यान देना होगा। कर्ज में डूबे पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार करनी चाहिए ताकि वे भूखमरी से निजात पा सकें। अगर पाकिस्तान एक अच्छे पड़ोसी की तरह पेश आता है और अपने देश से पनपने वाले आतंकवाद को खत्म कर देता है तो भारत भी एक अच्छे पड़ोसी की तरह बर्ताव करेगा।