ATM से पैसे निकालने के लिए कार्ड की झंझट होगी खत्म, यूपीआई से निकाल सकेंगे पैसे

PC: livemint

वर्ष 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से ही केंद्र सरकार का फोकस देश में डिजिटल इकॉनोमी को बढ़ावा देने पर रहा है। इसी दिशा में वर्ष 2015 में पीएम मोदी ने डिजिटल अभियान की शुरुआत की थी और तब से ही भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भी बहुत प्रगति की है। डिजिटल इकोनॉमी को प्राप्त करने की दिशा में भारत ने जो भी सफलता हासिल की है, उसमें यूपीआई यानि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यूपीआई यानी यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) पैसे भेजने का एक सिस्टम है। अभी तक NEFT, RTGS और IMPS सिस्टम के जरिए पैसा भेजा जाता रहा है। यूपीआई इनसे ज्यादा एडवांस्ड तरीका है। इस पेमेंट सिस्टम को इस तरह से बनाया गया है कि आम लोग भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें। यही कारण है कि अब एटीएम से भी यूपीआई के जरिये ही पैसे निकालने की तकनीक पर काम करने की बात की जा रही है। अगर इस तकनीक को लागू कर दिया जाता है तो आप बिना एटीएम कार्ड के ही एटीएम से पैसा निकालने में सक्षम होंगे।

यूपीआई से पैसा निकालने की प्रक्रिया एक तरफ जहां बेहद आसान है, तो वहीं यह काफी सुरक्षित भी है। लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तकनीक को लागू करने के लिए ज़्यादा निवेश करने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि पहले से ही मौजूद एटीएम मशीनों में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करके भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। बस आपको अपने फोन में अपने बैंक की यूपीआई एप्लिकेशन डाउनलोड करनी होगी, और एटीएम से कनैक्ट होने के लिए एटीएम स्क्रीन पर मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। पैसा निकालने की पूरी प्रक्रिया के लिए आपको 2 पिन भरने होंगे। एक पिन जो आपको यूपीआई इस्तेमाल करने से पहले भरनी होगी, और एक वो जो आप किसी की पैसे भेजने से पहले करते हो। एटीएम के केस में आपको एटीएम से पैसा निकालने से पहले पिन भरनी होगी और एटीएम से झट से पैसा निकल आएगा। इस पूरी प्रक्रिया में कही भी आपको ओटीपी, कार्ड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

बता दें कि इससे पहले एसबीआई भी अपने योनो एप के जरिये कार्डलेस एटीएम विड्रॉल तकनीक ला चुका है। इसमें आपको यूपीआई की नहीं, बल्कि आपको पिन और ओटीपी यानि वन टाइम पासवर्ड की आवश्यकता होती है। प्लास्टिक कार्ड के इस्तेमाल से जहां एक तरफ आपराधिक घटनाओं के घटित होने की आशंका होती है, तो वहीं कार्ड को कैरी करने में भी कुछ लोगों को असुविधा होती है। इतना ही नहीं, कार्ड के खोने के बाद भी लोगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अगर कार्डलेस एटीएम विड्रॉल तकनीक को बढ़ावा दिया जाता है, तो उससे इन सभी मुश्किलों से निपटने में आसानी मिलेगी। हालांकि, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि चूंकि गांवों और दूर-दराज़ों के इलाकों में इंटरनेट की पहुंच नहीं है, इसलिए गांवों में इस तकनीक को सफलता मिलने में कठिनाई आ सकती है। लेकिन अगर एक बार यह सुविधा लोगों को मिलेगी, तो लोगों को पेश आने वाली मुश्किलों को भी अच्छे से समझा जा सकेगा और उनके निवारण की दिशा में जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे। लेकिन इतना ज़रूर है कि यह तकनीक क्रांतिकारी साबित होगी और लोगों का इसका भरपूर फायदा मिलेगा।

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