‘पहले तो मैं एक भारतीय हूं।‘ ये पंक्तियां के सिवन की हैं जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह एक पत्रकार के क्षेत्रवादी सवाल पर यह जवाब देते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया पर उनके चाहने वालों का तांता लग गया और यह खूब शेयर हो रहा है।
दरअसल, हाल ही में इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रमा पर चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर को उतारने का प्रयास किया था। हालांकि, लैंडिंग के कुछ ही मिनट पहले वैज्ञानिकों का विक्रम से संपर्क टूट गया था लेकिन जल्द ही इसरो ने विक्रम की लोकेशन का पता भी लगा लिया। इसरो के इस प्रयास के लिए विश्व भारत का लोहा मान रहा है क्योंकि चंद्रमा के जिस क्षेत्र में विक्रम को उतारा गया था वहां आज तक दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच सका है। इसरो का चंद्रयान 2 मिशन 95 प्रतिशत तक सफल रहा है। इसरो सफलतापूर्वक अपना ऑर्बिटर चांद की कक्षा में स्थापित करने में सफल रहा लेकिन चांद की सतह पर उतरने से ठीक पहले इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया। हालांकि, अब विक्रम का पता लगाया जा चुका है और ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज भी भेजी है। चांद पर विक्रम के सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान संपर्क टूटने से सभी भावुक हो गए थे। ये सभी भारतीयों के लिए भावुक पल था और उन पलों ने इसरो के अध्यक्ष सिवन को भी भावुक कर दिया था। इसरो हेड्क्वार्टर में मौजूद सभी वैज्ञानिक इसके बाद मायूस हो गए लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उनका हौसला बढ़ाने में देर नहीं लगाई। अब, डॉ. सिवन की एक पुरानी वीडियो क्लिप इंटरनेट पर वायरल हो गई है और जिसके बाद से वो एक बार फिर से सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।
https://twitter.com/Ethirajans/status/1171227749760954368
इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि जब के सिवन का इंटरव्यू लेते हुए सन टीवी ने उनसे पूछा कि ‘एक तमिल के रूप में इतने बड़े पद पर रहते हुए आप तमिल नाडु के लोगों के क्या कहना चाहेंगे’ तो उनका जवाब शानदार था। सिवन ने कहा कि ‘सबसे पहले तो मैं एक भारतीय हूं। मैंने एक भारतीय के रूप में इसरो को ज्वाइन किया था। इसरो वह जगह है जहां हर क्षेत्र और भाषा के लोग एक साथ मिलकर काम करते हैं। लेकिन मेरे लिए खुशी मना रहे अपने भाइयों का मैं दिल से शुक्रगुजार हूं। सिवन के इस जवाब से प्रभावित हो कर देशभर के लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं।‘
बता दें कि जनवरी 2018 में सन न्यूज़ द्वारा यह साक्षात्कार लिया गया था। उल्लेखनीय है कि ‘सन टीवी’ डीएमके के नियंत्रण में है। वो पार्टी जिसकी राजनीति ही अलगाववादी द्रविड़ राजनीति पर आधारित है। हालांकि, हाल के शोध में अब यह सिद्ध भी हो चुका है कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोग एक ही रेस या प्रजाति के है।
जिस तरह से इसरो प्रमुख ने अपनी राष्ट्रीय पहचान की पुष्टि की और यह भी दृढ़ता से कहा कि उनकी राष्ट्रीय पहचान उनकी क्षेत्रीय पहचान से अधिक महत्वपूर्ण है। इसी वजह से उन्हें देशवासियों के बीच और भी अधिक सम्मान मिला रहा है। अपनी क्षेत्रीय पहचान से ज्यादा अपने राष्ट्रीय पहचान को प्रधानता देने पर कई लोगों ने ट्विटर पर उनकी प्रशंसा की। इस पुराने वीडियो से इस तथ्य की पुष्टि होती है कि डॉ. सिवन कितने ईमानदार और चरित्रवान व्यक्ति हैं। उनके पास केवल उत्कृष्ट नेतृत्व और शैक्षणिक कौशल ही नहीं, बल्कि उनके पास विनम्रता और राष्ट्र के प्रति समर्पण भी है जिसने उन्हें देश की मिट्टी से जोड़े रखा है।
गौरतलब है कि कन्याकुमारी जिले के एक गांव से एक किसान के परिवार से आने वाले सिवन ने 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की थी और 1982 में पीएसएलवी प्रोजेक्ट में इसरो के साथ काम शरू किया।