UN में PAK के नये डिप्लोमैट बने मुनीर अकरम का स्कैंडल और विवादों से है गहरा नाता

मुनीर अकरम पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र का 74वां स्तर पाकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। इमरान खान के फीके स्वागत से लेकर उनके भाषण पर नकारात्मक प्रतिक्रिया तक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह दौरा पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ था। इसी कारण से सदमे में पहुंच चुके इमरान खान ने अब एक्शन लिया है और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी को UNGA खत्म होते ही उनके पद से हटा दिया गया है।

मलीहा लोधी पाकिस्तान के लिए किसी ट्रेजडी से कम नहीं थीं और अपने पद पर रहने के दौरान उन्हें एक के बाद एक कई विवादों को जन्म दिया। हालांकि, पाकिस्तान की मानसिकता इस हद तक स्तरहीन हो चुकी है कि अपने स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर अब जिस मुनीर अकरम को पाकिस्तान ने चुना है, वह पूरी तरह आपराधिक मानसिकता का व्यक्ति है और वर्ष 2002 में उस पर अमेरिका में अपनी प्रेमिका के साथ हाथापाई करने के आरोप लग चुके हैं।

बात मलीहा लोधी की करें तो उनको उनके पद से हटाये जाने पर कई लोगों ने अपनी खुशी जताई है। उदाहरण के तौर पर भारतीय अंतर्राष्ट्रीय चैनल ‘वीओन’ में काम करने वाले पाकिस्तानी पत्रकार अनस मलिक ने ट्विटर पर खुशी जताते हुए लिखा कि मलीहा लोधी एक बदतमीज़ राजनयिक थीं और उनको हटाया जाना एक खुशखबरी है।

 

बता दें कि मलीहा लोधी पाकिस्तान की वही राजनयिक हैं जिन्होंने कश्मीर पर भारत को बदनाम करने के चक्कर में फिलिस्तीन की एक फोटो को यूएन में दिखाया था और कुछ दिनों पहले अपने एक ट्वीट में यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को यूके का विदेश मंत्री बता डाला था। हालांकि, अब पाकिस्तान ने उनकी जगह मुनीर अकरम नाम के एक शख्स को यूएन में अपने स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया है। यह शख्स इससे पहले 6 साल ताक यूएन में पाकिस्तान का स्थायी प्रतिनिधि रह चुका है। वर्ष 1995 में मुनीर अकरम को यूएन में पाकिस्तान का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था। इराक पर अमेरिकी हमले के कारण वह दौर कूटनीति के लिहाज से बहुत संवेदनशील था। हालांकि, इस दौरान क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के बीच अकरम पर एक महिला ने मारपीट करने और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था एक राजनयिक होने के नाते तब पुलिस ने उनके गिरफ्तार नहीं किया था। हालांकि, विश्‍व स्‍तर पर हो रही किरकिरी को देखते हुए पाकिस्‍तान ने 2003 में अकरम को वापस बुला लिया था।

इसके अलावा मुनीर अकरम का पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के साथ भी बड़ा विवाद हो गया था। अकरम पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो की हत्या का मामला संयुक्त राष्ट्र में जांच के लिए ले जाना चाहते थे, लेकिन जरदारी को यह मंजूर नहीं था। इसी मुद्दे पर हुए विवाद के बाद जरदारी ने मुनीर अकरम की छुट्टी कर दी थी। हालांकि, अब दोबारा पाकिस्तान ने इन्हें अपना स्थायी प्रतिनिधि चुनकर अपनी मानसिकता का प्रदर्शन किया है। इस तरह आपराधिक मानसिकता वाले लोगों को यूएन में बिठाकर पाकिस्तान कूटनीति नहीं बल्कि यूएन में गुंडागर्दी करना चाहता है। इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से परमाणु बम की धमकी देकर पाकिस्तान का एजेंडा पहले ही सिद्ध कर दिया है। अब यूएन को चाहिए कि यूएन में पाकिस्तान के मिशन को वह पूरी तरह बंद कर दे।

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