शांतिदूत समुदाय ने किया बिहार के जहानाबाद में दुर्गा प्रतिमा पर पथराव, फिर करारा जवाब मिला

बिहार

PC: republichindi

सुशासन बाबू कहे जाने वाले नीतीश कुमार के बिहार में इन दिनों बहार पूरी तरह से गायब है। राज्य में अगर किसी चीज का बहार है तो वह है प्रशासन की लचर व्यवस्था, बाढ़ की पानी से सड़ांध मारती सड़कें और अराजकता। दरअसल, बिहार के जहानाबाद जिले में मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच एक विवाद एक हिंसक झड़प के रूप में बदल गया। जिसके बाद पूरे जहानाबाद में बुधवार रात से ही तनाव का माहौल हो गया।

स्थिति गंभीर होते देख जिले को सील कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार बुधवार की रात प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक समुदाय के लोगों ने प्रतिमा पर पथराव कर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया इस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने उनके धार्मिक स्थलों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक करीब 10 से ज्यादा दुकानों में आग लगा दी गई है। इस झड़प में करीब दो दर्जन से अधिक लोग दोनों तरफ से घायल हुए हैं।

क्या है मामला-

बुधवार देर रात को लोग दुर्गा मां की मूर्ति विसर्जन के लिए निकले थे। लोगों ने रात भर डीजे पर डांस किया और सुबह होते ही मूर्ति विसर्जन के लिए ठाकुरबाड़ी के लिए निकले। इसी दौरान पंच मोहल्ला स्थित कच्ची मस्जिद के पास कुछ अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिससे मूर्तियां टूट गईं और कई लोगों को इस दौरान चोटें भी आईं। जिसके बाद एक समुदाय के लोगों ने पुलिस को सूचित किया, लेकिन पुलिस ने भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने पत्थरबाजी कर रहे अराजक तत्वों पर पलटवार कर दी और इस दौरान खूब हिंसक झड़प हुई। दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई।

हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। स्थिति को बेकाबू होते देख धारा 144 लागू कर दिया गया है। RAF और पुलिस भारी संख्या में तैनात हैं। फिलहाल इलाके में शांति का माहौल है। प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया है। पुलिस का कहना है कि पूरे शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे से फुटेज निकालकर आरोपियों की पहचान की जाएगी। इसी के आधार पर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

लेकिन सवाल यह है कि जब मूर्ति विसर्जन के लिए एक समुदाय किसी संवेदनशील इलाके से गुजर रही थी तब प्रशासन कहां थी। इतिहास गवाह है कि वह इलाका संवेदनशील रहा है और ऐसे धार्मिक कार्यक्रम के दौरान पुलिस व्यवस्था का मौजूद न होना नीतीश कुमार की नाकामी है। सवाल यह भी है कि जब अराजक तत्वों ने मां दूर्गा की प्रतिमा पर पत्थरबाजी की खबर पुलिस को दी तब पुलिस क्यों नहीं सुनी? कुल मिलाकर नीतीश कुमार की सरकार हर मोर्चे पर फेल है।

नोट- सोशल मीडिया पर सेक्युलर मज़बूरी के कारण ‘विशेष समुदाय’ को विशेष समुदाय कहना पड़ रहा है, बाकि आप समझदार हैं  कि यहां हम किस ‘शांतिदूत समुदाय’ की बात कर रहे हैं।

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