उत्तर प्रदेश, ऐसा राज्य है जहां पिछले 2 सालों से भाजपा की सरकार है, जहां कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी अपनी पीठ थपथपाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। अब इसी राज्य में एक के बाद एक नेता को मौत के घाट उतारा जा रहा है, और राज्य सरकार और पुलिस, दोनों चैन की नींद सोने में व्यस्त हैं। इसी कड़ी में कल यानि शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की भी दिन-दहाड़े गला रेतकर हत्या कर दी गई लेकिन पुलिस को इतना कहने में ज़रा भी देर नहीं लगी कि मामले में कोई कम्यूनल एंगल नहीं है। कमलेश तिवारी की मौत पर जहां समुदाय विशेष के कुछ तत्व जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं, तो वहीं भाजपा के कई बड़े नेता इसपर चुप्पी सधे नजर आये। इसी बीच इस मामले में नया मोड़ तब देखने को मिला जब एक आतंकी संगठन अल-हिन्द ब्रिगेड ने इस हत्या की ज़िम्मेदारी ली और कहा है कि तिवारी के मुस्लिम विरोधी बयानों की वजह से उन्हें मारा गया है।
हालांकि, जैसा हर केस में होता है, इसी तरह इस हाई-प्रोफ़ाइल मर्डर के बाद पुलिस हरकत में जरूर आई और उत्तर प्रदेश के बिजनौर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वाले दोनों व्यक्तियों में से एक मौलवी है तो एक मुफ़्ती है। इनमें से एक का नाम मौलाना अनवारुल हक है, जिसने ने 4 दिसंबर 2015 को बिजनौर में एसपी ऑफिस के सामने एक प्रदर्शन के दौरान कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था। वहीं दूसरे व्यक्ति मुफ्ती नईम कासमी ने भी कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को करोड़ों रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। ये दोनों ही अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। हालांकि, इसके लिए भी हमें यूपी पुलिस को शाबाशी ही देनी पड़ेगी कि इन धमकियों के बाद भी ये दोनों अपराधी खुली हवा में सांस ले पा रहे थे।
इन दो लोगों की गिरफ्तारी के अलावा गुजरात के सूरत से भी छह संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक 13 अक्टूबर को गुजरात एटीएस ने दो संदिग्ध ISIS के आतंकियों को पकड़ा था। इस खबर को तब कमलेश तिवारी ने ट्वीट करते हुए अपनी जान को खतरा बताया था, और उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर उनको सुरक्षा ना देने का आरोप भी लगाया था। हालांकि, अब जब उनकी जान जा चुकी है, तब पुलिस एक्शन में आई है। यूपी पुलिस इस मामले पर अब तक 2 प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुकी है। 18 अक्टूबर को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूपी पुलिस ने यह साफ तौर पर कहा कि इस मामले में कोई कम्यूनल एंगल नहीं है, और इस मामले का आईएसआईएस से भी कोई लेना देना नहीं है। हालांकि, 19 अक्टूबर की सुबह जब यूपी पुलिस ने दोबारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई तो इस हत्या को पुलिस ने ‘कट्टर हत्या’ का नाम दिया।
यूपी पुलिस के मुताबिक रशीद पठान के नाम वाले व्यक्ति ने यह सारा प्लान बनाया था, जो कि पेशे से टेलर है और उसे कंप्यूटर की भी जानकारी है। इस टेलर को मौलाना मोहसिन शेख सलीम ने भड़काया और उसे वर्ष 2015 में मृतक कमलेश तिवारी के दिये हुए कुछ बयान सुनाये थे। इसके अलावा पुलिस ने फैजान नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया है जो इस पूरे मामले में कथित हत्यारों की सहायता कर रहा था। पुलिस के मुताबिक इस पूरे मामले में पांच लोगों के शामिल होने की आशंका है, जिनमें से एक मौलाना मोहसिन शेख है और उसने ही बाकी चार लोगों को इस अपराध के लिए भड़काया था।
हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को बढ़ता देख आवश्यक जांच के आदेश दिए हैं। परन्तु मृतक कमलेश तिवारी के परिजन योगी के शासन में सुस्त कानून व्यवस्था से काफी नाराज हैं। कमलेश तिवारी की मां ने तो सीएम योगी पर यह तक आरोप लगाया है कि उन्होंने ही कमलेश तिवारी को मरवाया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी लोग कमलेश तिवारी को समय पर सुरक्षा ना देने की बात कहकर राज्य सरकार पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। और यह गुस्सा पूरी तरह जायज भी है। बता दें कि कमलेश तिवारी ऐसे इकलौते नेता नहीं है जिनकी पिछले कुछ दिनों में यूपी में हत्या की गयी हो।
कमलेश तिवारी से पहले 8 अक्टूबर को देवबंद में भाजपा नेता यशपाल सिंह की हत्या कर दी गयी थी। इसी तरह 10 अक्टूबर को भाजपा नेता कबीर सिंह की भी बस्ती में जान से मार दिया गया और साथ ही यूपी के सहारनपुर में 13 अक्टूबर को एक अन्य भाजपा नेता दारा सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया था। इन सभी मामलों पर भी सीएम योगी ने पहले चुप्पी साधे रखी और जब हर तरफ से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जाने लगा तब जाकर योगी आदित्यनाथ का इसपर बयान आया है।
#WATCH UP Chief Minister Yogi Adityanath on Kamlesh Tiwari murder case: He was the President of Hindu Samaj Party. The assailants came to his house in Lucknow yesterday, sat&had tea with him, and later killed him after sending all security guards out to buy something from market. pic.twitter.com/kkbFnms17T
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 19, 2019
फिर भी यह सवाल तो उठता ही है कि जब राज्य में सत्ताधारी पार्टी के नेता ही सुरक्षित नहीं हैं, तो राज्य मुख्यमंत्री किस मुंह से राज्य में कानून-व्यवस्था के बेहतर होने की बात कहते हैं।
UP DGP on #KamleshTiwariMurder: In the FIR, two people were named as conspirators – Maulana Anwarul Haq & Mufti Naeem Qazmi. These 2 have also been detained & they're being questioned. We'll monitor Gujarat, Bijnor, Lucknow & other places which will come up during investigation. pic.twitter.com/E1ueyv4NRw
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 19, 2019
हालाँकि, चारों तरफ से घिरने के बाद हरकत में आई यूपी पुलिस ने इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसको लेकर यूपी डीजीपी ओपी सिंह का बयान भी आ गया है। परन्तु आरोपियों के पकड़े जाने से यूपी सरकार और कानून काम समाप्त नहीं हो जाता। इन घटनाओं को देखते हुए यूपी में प्रभावी नताओं की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए जाएँ, क्योंकि अगर यूँ ही सत्ताधारी पार्टी के नेता और महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर हमले होते रहे तो इसका खामियाजा भविष्य में भाजपा को भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में योगी सरकार को इन मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटना फिर से न हो इसके लिए कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने पर काम करना चाहिए।