दाऊद के सहयोगी से संदिग्ध व्यापारिक संबंध और प्रफुल्ल पटेल की भ्रष्ट राजनीति

प्रफुल्ल पटेल

PC: livemint

इकबाल मिर्ची के परिवार के साथ व्यवसायिक संबंधों को लेकर पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तलब किया है। ईडी ने प्रफुल्ल पटेल को 18 अक्टूबर  को दफ्तर में पेश होने के लिए समन भेजा है। उनसे मुंबई के सीजे हाऊस की संपत्ति को लेकर पूछताछ की जाएगी। ईडी का दावा है कि यह संपत्ति दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची की है। प्रफुल्ल पटेल के पास सीजे हाउस में दो फ्लैट हैं और 2007 में संपत्ति विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

 

वहीं, इस डील पर समन मिलने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि सब कुछ मुंबई हाईकोर्ट के रिसीवर के साथ है और हम अब सीधे संपत्ति की देखरेख नहीं कर रहे हैं और न ही हम सीधे तौर पर इसके प्रभारी हैं।

प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ हुए सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी के पास ऐसी जानकारी है जिसमें साल 2007 में इकबाल मिर्ची और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल के बीच एक सीजे हाउस प्रॉपर्टी के संबंध में कॉन्ट्रैक्ट की बात सामने आई है।

ईडी का आरोप है कि इस डील के तहत मिलेनियम डिवेलपर्स को मिर्ची का वर्ली स्थित एक प्‍लॉट दिया गया था जिसपर मिलेनियम डिवेलपर्स ने 15 मंजिला कमर्शल और रेजिडेंशल इमारत का निर्माण किया है। इसका नाम सीजे हाउस रखा गया। इसके बाद 2007 में कंपनी ने कथित तौर पर सीजे हाउस में 14 हजार वर्ग फीट के दो फ्लोर मिर्ची की बीवी हाजरा को एक रजिस्‍टर्ड अग्रीमेंट के तहत दे दिए गए।

टाइम्स नाव की रिपोर्ट के अनुसार दस्तावेज़ में प्रफुल्ल पटेल के सह-मालिक के तौर पर हस्ताक्षर हैं।

ईडी ने आरोप लगाया है कि मिलेनियम डेवलपर्स को उस जमीन की बिक्री (जिस पर सीजे हाउस का निर्माण किया गया था) “संदिग्ध साधनों के माध्यम से” किया गया था। इस बिक्री से मिलने वाले काले धन को मिर्ची ने वैध बनाया था। बता दें कि प्रफुल्ल पटेल और उनकी पत्नी वर्षा पटेल मिलेनियम डेवलपर्स के शेयरधारक हैं।

वहीं एनसीपी यह कह रही है कि पटेल परिवार ने 1963 में सीजे हाउस संपत्ति ग्वालियर के महाराजा से खरीदी जिस पर सीजे हाउस बना हुआ है।

बता दें कि इकबाल मिर्ची ने अधिकांश प्रॉपर्टी अपनी बीवी और अपने बेटों के नाम खरीदी थी। वर्ली की प्राइम लोकेशन पर उसके कई प्‍लॉट हैं। वर्ली में जिस प्‍लॉट पर 1980 के दशक में मिर्ची का डिस्‍कोथेक ‘फिशरमैंस वार्फ’ बना था वह भी हाजरा के ही नाम था। ईडी को 1999 से 2007 के बीच जमीन के मालिकाना हक वाले कागज भी मिल गए हैं। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ईडी को एक दस्‍तावेज में हाजरा और मिलेनियम डिवेलपर्स के बीच इस प्‍लॉट को फिर से डिवेलप करने की हुई डील के सबूत भी मिले हैं।

बता दें कि 12 अक्टूबर को ED ने अवैध तरीके से संपत्ति सौदों करने के लिए इकबाल मिर्ची के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। मुंबई में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हारून अलीम यूसुफ और रंजीत सिंह बिंद्रा के रूप में हुई है, जो सिंडिकेट चला रहे थे। बिंद्रा ने सौदों में एक दलाल के रूप में काम किया जबकि यूसुफ ने एक ट्रस्ट को पैसा हस्तांतरित किया और एक सूत्रधार के रूप में काम किया।

इकबाल मिर्ची मेमन, उर्फ इकबाल मोहम्मद पर हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक धमकी, जबरन वसूली, और मादक पदार्थों की तस्करी के दर्जनों मामले दर्ज थे और इन्हीं मामलों के तहत पुलिस को उसकी तलाश भी थी। 1993 के मुंबई विस्फोटों के बाद, वह दुबई भाग गया। वर्ष 1994 में उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।

अप्रैल 1995 में, स्कॉटलैंड यार्ड ने यूके में मिर्ची के घर पर छापा मारा और उसे मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 1999 में जांच में आपराधिक गतिविधि के कोई सुबूत नहीं मिलने के कारण उसे वर्ष 2001 में ब्रिटेन में रहने की अनिश्चितकालीन छूट दे दी गई। मिर्ची को अपने भतीजे कादिर नदीम को मारने की धमकी देने के आरोप में 2012 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, अपर्याप्त सबूत के कारण उसे छोड़ दिया गया। और फिर से भारत उसके खिलाफ प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू नहीं कर सका था। इससे पहले, ED ने यूके, साइप्रस, स्पेन, UAE, मोरक्को और तुर्की सहित भारत और विदेशों में मिर्ची के सौदों की जांच शुरू की थी। पिछले 10 दिनों में, ED ने मुंबई और अन्य स्थानों में कई स्थानों की खोज की है।

इससे स्पष्ट होता है कि प्रफुल्ल पटेल का लिंक कितना गहरा है। यह सोचने वाली बात है कि जिस व्यक्ति के उपर इंटरपोल की रेड कोर्नर नोटिस है फिर भी भारत के नेता दाऊद इब्राहीम के सहयोगी माने जाने वाले की पत्नी से सम्पति की लेन-देन करते हैं। ED ने अभी बस कुछ परतों को ही कुरेदा है और ऐसा लग रहा है कि अभी और कई बड़े नाम आने बाकी है।

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