जबरदस्त एंटरटेनर, भौकाली प्रचारक- राहुल गांधी इस बार BJP से 70 सालों का जवाब मांग रहे हैं

राहुल गांधी

PC: Twitter

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल अपने बैंकॉक और कम्बोडिया के शाही दौरे से वापस आ चुके हैं, और राजनीतिक मंच पर एक बार फिर उन्होंने शानदार वापसी दर्ज़ की है। जब-जब लोगों को लगता है कि भाजपा बैकफुट पर जा सकती है, तो उन्हे गलत सिद्ध करने के लिए राहुल बाबा स्वयं भाजपा के ट्रम्प कार्ड के तौर पर अपनी कृपा बरसाने के लिए प्रकट हो जाते हैं।

इस बार भी महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों के उपलक्ष्य में भाजपा के संकटमोचक बनकर राहुल महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करने के लिए मैदान में उतर आए हैं। इस रविवार को राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में तीन स्थानों पर जनता को संबोधित किया। हर बार की तरह इस बार भी राहुल गांधी ने पुरानी शैली में अपने रटे-रटाए फॉर्मूले का प्रयोग किया। मोदी सरकार पर धावा बोलते हुए उन्होंने राफेल डील, गब्बर सिंह टैक्स और नोट बंदी पर अपना ब्रह्मज्ञान महाराष्ट्र की जनता के साथ साझा किया।

राफेल डील पर एक बार फिर अपना पुराना राग अलापते हुये राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं इस डील में हस्तक्षेप किया है, जिसके कारण यह डील नहीं, बल्कि एक घोटाला है। चांदीवली में अपनी रैली के दौरान उन्होंने राफेल डील को ‘देश का सबसे बड़ा घोटाला घोषित करते हुये कहा, “पूरे देश को पता है कि राफेल डील में चोरी हुई है। रक्षा मंत्रालय से वहाँ लोग उपस्थित थे, इसलिए ये बात सिद्ध हो जाती है। राफेल नाम से इन्हे तकलीफ होती है, तभी राजनाथ सिंह जी राफेल को लेने के लिए फ्रांस गए हैं।”

इन बयानों से लगता है कि राहुल गांधी का पुराना ‘चौकीदार चोर है’ मोड अभी भी एक्टिव है। इसी स्वभाव ने उनकी पार्टी काँग्रेस को लोकसभा चुनाव में धूल चटाई थी। पर लगता है राहुल का मन अभी भरा नहीं है। जब तक काँग्रेस को वे इतिहास नहीं बना देते, तब तक शायद वे राफेल का एलपी रिकॉर्ड चलाते रहेंगे। राहुल के इस बचकानी हरकत पर तो यही कहा जा सकता है- ‘प्राण जाये, पर राफेल न जाये।’

अपने भाषण के दौरान राहुल यहीं पर नहीं रुके। इस बार वो नए मुद्दे पर अपने ज्ञान को अपडेट करके आये थे, ये नया मुद्दा चंद्रयान से जुड़ा है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि पीएम मोदी मिशन चंद्रयान 2, अनुच्छेद-370 जैसे निर्णयों का उपयोग देश की जनता को असल मुद्दों से भटकाने के लिए कर रहे हैं। उनके अनुसार, “चांद पर रॉकेट भेजने से महाराष्ट्र और देश के युवा के पेट मे खाना नहीं जाएगा। हम यहां आएं हैं, तो चांद के बारे में वादा नहीं करेंगे। हम वही वादा करेंगे, जो हम पूरा कर सकते हैं। राहुल ने तो मेक इन इंडिया को भी निशाने पर लेते हुये कहा- ‘मेक इन इंडिया का क्या हुआ? यह तो मेक इन चाइना हो रहा है। मीडिया यह क्यों नहीं दिखाती कि कुछ भी देखो मेड इन चाइना है। चाइना के युवाओं को रोजगार मिल रहा है”।

वैसे राहुल एक कुशल मनोरंजक के साथ-साथ एक ईमानदार नेता भी हैं, क्योंकि वो कांग्रेस के पहले ऐसा नेता होंगे जिन्होंने खुद ही स्वीकार किया कि पिछले 70 वर्षों में उनकी पार्टी काँग्रेस ने देश के लिए कुछ नहीं किया। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा– ‘ट्राई कर लिया, देख लिया 70 सालों में कुछ नहीं हुआ, 70 सालों के अंदर पूरा का पूरा सिस्टम भ्रष्ट कर दिया।’

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सच पूछें तो राहुल गांधी जैसा भाजपा का निःस्वार्थ प्रचारक शायद ही कभी पैदा हुआ होगा, जो विपक्षी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए जी तोड़ मेहनत करता है।

शायद यही कारण है कि राहुल गांधी जब महाराष्ट्र में रैली करने पहुंचे तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी अपनी ख़ुशी जाहिर करने से खुद रोक नहीं पाए,  उन्होंने राहुल गांधी का आभार प्रकट करते हुये अपने ट्विटर टाइमलाइन पर उनके भाषण को शेयर करते हुए क्या कहा उसे सुनें।

इस बार राहुल गांधी ने सही समय पर भारतीय राजनीति में शानदार वापसी दर्ज़ की है। मुद्दा कोई भी हो, राहुल गांधी जैसा मनोरंजन कोई और भारतीय राजनेता शायद ही कर सकता है। राहुल बाबा की वापसी इसलिए भी और मज़ेदार हैं क्योंकि इस बार वो राफेल और गब्बर सिंह टैक्स के बाद चंद्रयान-2 और अन्य मुद्दों की माला जप रहे हैं। वे खुद भले ही किसी अहम पद को न संभाल पायें, पर जनता का मनोरंजन करने और भाजपा के लिए वोट जुटाने में राहुल गांधी का कोई सानी नहीं है। ऐसी निःस्वार्थ सेवा और कहाँ देखने को मिलेगी भाई? धन्य हो राहुल गांधी, धन्य हो कांग्रेस!

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