TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

शेहला रशीद के राजनीतिक सपने का दुखद अंत: आर्टिकल 370 हटने से करियर शुरू होने से पहले ही खत्म

TFI Desk द्वारा TFI Desk
10 October 2019
in मत
शेहला रशीद के राजनीतिक सपने का दुखद अंत: आर्टिकल 370 हटने से करियर शुरू होने से पहले ही खत्म
Share on FacebookShare on X

हमने 18 अगस्त को शेहला रशीद के राजनीतिक करियर को लेकर एक भविष्यवाणी की थी। हमने तब कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह के कारण लेफ्ट लिबरल गैंग कि चहेती शहला का राजनीतिक कैरियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया है और ये अब हो चुका है। शेहला को अब मुख्यधारा की राजनीति छोड़नी पड़ी है। दरअसल, दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) की पूर्व छात्रा और टुकड़े टुकड़े गैंग की नेता शेहला रशीद ने जम्मू कश्मीर में होने वाले BDC चुनाव से पहले ही शेहला ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है।

ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव के ऐलान को जिम्मेदार ठहराते हुए शेहला ने कहा कि वह कश्मीरियों का कथित उत्पीड़न और बर्दाश्त नहीं कर सकती हैं। शेहला ने ये भी कहा है कि “मोदी सरकार दुनिया को यह बताना और दिखाना चाहती है कि अभी भी यहां लोकतंत्र है। यहां लोकतंत्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है।” जिस लोकतंत्र की शेहला बात कर रही हैं उसी लोकतंत्र की प्रणाली को मानने से मना कर रही हैं और चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। अब राजनीति छोड़ी है तो सवाल उठेंगे ही इसलिए उन्होंने इसके लिए भी तैयारी कर ली थी जो उनके बयानों से साफ़ झलक भी रहा है।

संबंधितपोस्ट

दिल्ली धमाका: जम्मू कश्मीर में जमात ए इस्लामी से जुड़े 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, वाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हो सकते हैं तार

भारत से नक्सलवाद का अंत: पीएम मोदी के विज़न और अमित शाह के संकल्प की ऐतिहासिक जीत

तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

और लोड करें

https://services.tfipost.com/

हालांकि, जो कारण उन्होंने बताया है वो कहीं से भी तार्किक नहीं लगता है। जिन कश्मीरियों के भले की वो बात करती हैं उनपर उन्हें इतना भी भरोसा नहीं है कि वो उन्हें अपना नेता चुनेंगे। वो जनता की सेवक बनकर उनके साथ खड़ी हो सकती थीं, परन्तु ऐसा तभी संभव होगा जब जनता उनका साथ देगी लेकिन कश्मीर उन्हें नहीं स्वीकारेगी इस बात का भी आभास उन्हें है।

बता दें कि जम्मू कश्मीर में ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDC) चुनाव होने हैं। राज्य के 316 में से 310 ब्लॉक्स के लिए मतदान 24 अक्टूबर को होगा। शेहला रशीद, नौकरशाही से राजनीति में आये शाह फैसल की पार्टी JKPM यानी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट का प्रमुख चेहरा रही हैं। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद शेहला रशीद ने सेना के खिलाफ फेक न्यूज़ भी फैलाया था जिसके बाद उनके ऊपर देश द्रोह का मामला भी दर्ज किया गया था।

I'd like to make clear my dissociation with the electoral mainstream in Kashmir. Participation in the electoral process in a situation where even the election rhetoric is to be dictated by the centre will only amount to legitimising the actions of the Indian govt in #Kashmir pic.twitter.com/7PMi2aIZdw

— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) October 9, 2019

अब हमने जो भविष्यवाणी की थी उसे भी जान लेते हैं कि कैसे अमित शाह ने शेहला रशीद का राजनीतिक कैरियर शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया।

मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार छीनने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के फैसले ने पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के अंदर मौजूद कुछ लोगों के सपनों को भी पूरी तरह तोड़ दिया था। ये लोग अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को हटाने के पक्ष में इसलिए नहीं थे, क्योंकि इनकी वोट बैंक पॉलिटिक्स के केंद्र में अनुच्छेद 370 और 35ए ही था। हालांकि, मोदी सरकार ने मिशन कश्मीर के माध्यम से कुछ मौका-परस्त कश्मीरी नेताओं के मंसूबों पर हमेशा के लिए पानी फेर दिया, और ऐसे ही लोगों में नाम था कश्मीर की एक मुखर लेफ्ट लिबरल राजनेता शेहला रशीद का।

शेहला रशीद आज भारत की राजनीति में कोई अनसुना नाम नहीं हैं, बल्कि कुछ महीनों पहले तक तो उन्हें जम्मू-कश्मीर के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जा रहा था। ये वही शेहला रशीद हैं जो वर्ष 2017 में जेएनयू के टुकड़े-टुकड़े गैंग के प्रमुख सदस्य कन्हैया कुमार और उमर खालिद की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करने की वजह से सुर्खियों में आईं थीं। उस वक्त इस टुकड़े-टुकड़े गैंग पर जेएनयू कैम्पस में आतंकी अफजल गुरु के पक्ष में नारे लगाने और देश-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद पुलिस ने इन लोगों पर देशद्रोह के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। शेहला रशीद उस वक्त जेएनयू छात्र परिषद की उपाध्यक्ष थीं और इसके साथ ही वे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन यानि AISA की भी सदस्य थीं।

इस पूरे जेएनयू प्रकरण के बाद शेहला रशीद देश की मीडिया के एक वर्ग का मनपसंद चेहरा बन चुकी थीं और लेफ्ट लिबरल लोगों के बीच तो वे काफी लोकप्रिय हो चुकी थीं। अपनी इसी लोकप्रियता के दम पर उन्होंने अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने की योजना बनाई थी, हालांकि इसमें भी उनके पास दो विकल्प थे। शेहला रशीद के पास पहला विकल्प तो यह था कि वे दिल्ली में रहकर सीपीआई(एम) जैसी लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़तीं और धीरे-धीरे राजनीति में अपने कद को बढ़ाती, या फिर उनके पास दूसरा विकल्प यह था कि वे कश्मीर में जाकर अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करती और एक नौजवान कश्मीरी नेता के तौर पर सबके सामने उभरकर आतीं, हालांकि रशीद ने दूसरे विकल्प को चुना और इसके पीछे उनका एक बड़ा मास्टरप्लान था।

वर्ष 2014 में आयोजित हुए कश्मीर के विधानसभा चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था और सरकार बनाने के लिए भाजपा और पीडीपी ने हाथ मिला लिया। पीडीपी जैसी अलगाववादी पार्टी का भाजपा के साथ आने से जहां हर कोई हैरान था, तो वहीं महबूबा मुफ़्ती के इस कदम से घाटी में मौजूद उनके वोटबैंक को करारा झटका पहुंचा। भाजपा विरोधी कश्मीरी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे थे और पीडीपी का जनाधार कश्मीर में पूरी तरह कमजोर पड़ चुका था। कश्मीर में अब तक दो पार्टियों का ही बोलबाला रहा है, और वो है पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस। अब चूंकि, भाजपा के साथ जाने के बाद मुफ़्ती और पीडीपी का वर्चस्व खतरे में आ गया था, तो कश्मीर में अब्दुल्ला परिवार के अलावा कोई दूसरा विपक्षी राजनीतिक चेहरा बचा ही नहीं था। राजनीतिक दृष्टि से घाटी में एकाधिकार की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी, और शेहला रशीद ने इसी अवसर को भुनाने की कोशिश की, जिसमें उनको साथ मिला पूर्व आईएएस अफसर शाह फैसल का।

शाह फैसल ने इस वर्ष के लोकसभा चुनावों से पहले जनवरी में कश्मीरियों पर हो रहे कथित ज़ुल्म का हवाला देकर नौकरशाही से इस्तीफा दे दिया और अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को बल देने की दिशा में काम करना शुरू किया। चुनावों से ठीक पहले यानि मार्च 2019 में शाह फैसल ने अपने गृहक्षेत्र कुपवाड़ा से अपनी नई राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट को लॉंच किया। रोचक बात तो यह थी कि शेहला रशीद भी उनकी इस पार्टी का हिस्सा थीं। पार्टी में शामिल होने के पहले तक, शेहला रशीद ने खुद को एक लिबरल के रूप में पेश किया, जिसने धार्मिक हठधर्मिता के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। हालाँकि, पार्टी के लॉन्च समारोह के दौरान, हमें एक अलग शेहला रशीद देखने को मिली थी, जो केवल रूढ़िवादी ही नहीं थी, बल्कि अपने धर्म का पूर्ण अनुसरण करने वाली महिला थी, जिन्होंने अपने चेहरे पर हिजाब डाला हुआ था।

प्लान साफ था कि महबूबा मुफ़्ती के राजनीतिक दिवालियेपन के बाद ये दोनों कश्मीर में एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाना चाहते थे, और प्लान के मुताबिक शाह फैसल और शेहला रशीद भविष्य में कश्मीर की राजनीति के बड़े चेहरा बनना चाहते थे, लेकिन ये भाजपा की कश्मीर नीति को समझने में पूरी तरह विफल साबित हुए और इनका कश्मीर मिशन पूरी तरफ फ्लॉप साबित हो गया। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद शेहला तो इतनी बौखला गई कि उन्होंने कोर्ट में इसे चुनौती देने की बात कही।

Home Minister @AmitShah moves resolution on Article 370 in Rajya Sabha pic.twitter.com/GLddSlL9i0

— All India Radio News (@airnewsalerts) August 5, 2019

लेकिन सच्चाई यह है कि गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक झटके में इनके फ्युचर प्लान को बर्बाद कर दिया और अब इनके पास कोई चारा नहीं बचा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के दो हिस्से हो चुके हैं, जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्रशासित प्रदेश बन चुका है और सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान भी हट चुके हैं, जो कि कश्मीर के अलगाववादी राजनेताओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। अब ऐसे नेताओं का घाटी की राजनीति में कोई वर्चस्व नहीं रहा। लेकिन अच्छी बात यह है कि कश्मीर को भविष्य में अब शेहला रशीद जैसे मौका-परस्त नेताओं से दो हाथ नहीं होना पड़ा है। ये कश्मीर की जनता के लिए भी एक अच्छी खबर है।

Tags: अमित शाहकश्मीरशेहला राशिद
शेयर119ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मोदी सरकार बनाएगी पोरबंदर से पानीपत तक 1400 किमी लंबी ‘ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया’

अगली पोस्ट

अरबी इस्लाम के मोह ने कैसे किया भारतीय मुस्लिमों को भारत से अलग

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited