डियर आरे एक्टिविस्ट! सुप्रीम कोर्ट ने आरे कॉलोनी में मेट्रो प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है

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सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की आरे वन क्षेत्र में मेट्रो कारशेड के निर्माण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। आज यानि सोमवार को जस्टिस अरूण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ ने बीएमसी से आरे वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई, वृक्षारोपण की तस्वीरों के साथ एक रिपोर्ट मांगी थी। बीएमसी की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि आरे क्षेत्र में कोई भी नया पेंड़ नहीं काटा गया है और कोर्ट के आदेशानुसार ही आगे का काम किया जाएगा। हालांकि कोर्ट ने अभी भी पेड़ों के काटने पर रोक लगा रखी है। कोर्ट का कहना है कि सुनवाई पूरी हो जाने तक एक भी पेड़ नहीं कटने चाहिए। मामले की अगली सुनवाई नवंबर माह में होगी।

मालूम हो कि मुंबई की आरे वन क्षेत्र में मेट्रो कारशेड बनाने को लेकर शुरू से ही विवाद हो रहे हैं। कारशेड बनाने के लिए बांबे हाई कोर्ट ने पेड़ों की कटाई को उचित ठहराया था। जिसके बाद पेड़ों की कटाई शुरू भी हो गई थी। मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कुल 2141 पेड़ काटे थे। जिसके बाद पर्यावरणविदों और बॉलीवुड के हस्तियों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा की सहयोगी दल शिवसेना ने भी इसका जमकर विरोध किया। जिसके बाद मामला सु्प्रीम कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट ने आरे कॉलोनी के पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी। तब से कोई नया पेड़ नहीं काटा गया है। फिलहाल मामले की सुनवाई चल रही है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुंबई मेट्रो की तरफ से पैरवी करते हुए मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि आदेश के बाद एक भी पेड़ नहीं काटा गया है और कोई भी बिल्डिंग प्रोजेक्ट नहीं चल रहा है। इसके साथ ही रोहतगी ने कोर्ट में जानकारी दी कि दिल्ली में मेट्रो के चलते काफी फायदा हुआ है और वहां पर 7 लाख गाड़ियों की सड़कों पर कमी हो गई है। इससे वायु प्रदूषण में काफी कमी आई है। इस दौरान मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि आरे वन क्षेत्र में फिलहाल 500 नए पेंड़ लगाए गए हैं और सभी स्वस्थ हैं।

बता दें कि मेट्रो लाइन 3 प्रोजेक्ट का लगभग 48 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और मेट्रो कार डिपो के बिना यह प्रोजेक्ट चालू नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद मुंबईवासियों को दिल्लीवासियों की तरह मेट्रो का सुख मिलेगा। हालांकि अभी आगे की सुनवाई बाकि है।

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