मलेशिया को उसकी औकात दिखाने के बाद भारत ने तुर्की को लिया आड़े हाथों, पहला वार Tourism & Imports पर

अर्थव्यवस्था भारतीय पर्यटकों

मलेशिया की अर्थव्यवस्था को हिलाने के बाद अब भारत तुर्की की अर्थव्यवस्था को झटका देने की तैयारी कर रहा है, और भारत सरकार ने सबसे पहले टूरिज़्म को अपना हथियार बनाया है। दरअसल, तुर्की की राजधानी अंकारा में मौजूद भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को तुर्की की यात्रा ना करने की चेतावनी जारी की है। भारतीय दूतावास ने तुर्की के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर इस चेतावनी को जारी किया है। बता दें कि हर साल बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटक तुर्की घूमने जाते हैं, ऐसे में इस चेतावनी के जारी होने के बाद इस संख्या में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है, जिसका सबसे बड़ा नुकसान तुर्की की अर्थव्यवस्था को ही होगा। इसके अलावा द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार तुर्की से आयात होने वाले सामान पर नॉन-टैरिफ प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रही है।

भारत ने तुर्की के आस-पास के हालात को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि ‘वैसे तो तुर्की में किसी भारतीय को अभी तक कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, लेकिन वहां की यात्रा पर जाने वालों को बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है’। बता दें कि तुर्की ने उत्तर-पूर्व सीरिया में दो हफ्तों से हमला बोला हुआ है जिसके कारण पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैली हुई है। भारत इन हमलों की निंदा भी कर चुका है। हालांकि, अब उसने तुर्की को आर्थिक झटका देने का मन बनाया है। भारत से तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में भारत के इस कदम से तुर्की की टूरिज़्म इंडस्ट्री को झटका पहुंचना तय है।

बता दें कि तुर्की की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बहुत बड़ा हाथ है और वहां जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जनवरी से जुलाई, 2019 के दौरान 1.30 लाख भारतीयों ने तुर्की की यात्रा की थी, जो पिछले वर्ष के पहले सात महीनों के मुकाबले 56 फीसद ज्यादा था। वर्ष 2017 के मुकाबले तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या छह गुणा बढ़ चुकी है। भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए तुर्की सरकार खास कार्यक्रम भी चलाती है। हालांकि, पिछले महीने जिस तरह तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने यूएन में खड़े होकर भारत-विरोधी बयान दिया था, उसके बाद से ही नई दिल्ली तुर्की से नाराज़ चल रही है, और अब एड्वाइज़री जारी कर भारत ने बड़ा कूटनीतिक संकेत दिया है।

गौरतलब है कि जहां एक तरफ तुर्की लगातार भारत-विरोधी रुख अपना रहा है, तो वहीं पाक के साथ उसकी नज़दीकियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। तुर्की पाक के साथ हुई 2.5 बिलियन डॉलर की दो डील्स में पाक नेवी के लिए 4 मीडियम साइज़ वॉरशिप्स और 30 अटैक हेलिकॉप्टर्स बना कर दे रहा है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हमारे दुश्मनों को हथियार सप्लाई करने वाले देशों पर आर्थिक हमला बोला जाए और भारत ने इसकी शुरुआत कर दी है।

इससे पहले भारत मलेशिया को भी दिन में तारे दिखा चुका है। दरअसल, कुछ दिनों पहले रोयटर्स ने भारतीय सरकारी सूत्रों के हवाले से इस खबर को प्रकाशित किया था कि भारत मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगा सकता है। इसके बाद भारतीय ऑयल रिफाइनर्स ने मलेशिया से पाम ऑयल इम्पोर्ट करना बंद कर दिया था और मलेशिया की अर्थव्यवस्था को इससे बड़ा नुकसान पहुंचा है।

भारत ने मलेशिया और तुर्की पर आर्थिक तौर पर कार्रवाई करने के ऐलान के साथ ही यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई भी देश भारत के हितों के खिलाफ काम करेगा तो भारत अपनी अर्थव्यवस्था को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा। भारत ने अपनी कूटनीति में यह सकारात्मक बदलाव किया है और यह विश्व में बढ़ती भारत की कूटनीतिक और आर्थिक शक्ति को भी प्रमाणित करता है।

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