‘मुझे भारत मत भेजो वरना मैं जान दे दूंगा’ प्रत्यर्पण का रास्ता साफ होते देख नीरव मोदी की नौटंकी चालू

नीरव मोदी

PC: DNA

पीएनबी घोटाले में आरोपी व्यापारी नीरव मोदी एक बार फिर फेल हो गए हैं। अरे नहीं, वे एग्जाम में नहीं, बल्कि जमानत पाने में पाँचवीं बार फेल हो गए हैं। हाल ही में वेस्टमिंसर मजिस्ट्रेट कोर्ट में उन्होंने अपने वकील के जरिये पाँचवीं बार जमानत के लिए आवेदन किया था, जहां उन्हें निराशा हाथ लगी।

इसपर नीरव मोदी कुछ ज़्यादा ही इमोशनल हो गए और उन्होंने धमकी दी कि यदि उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया, तो वे अपनी जान दे देंगे, क्योंकि उनके अनुसार भारत में उन पर निष्पक्ष मुकदमा चल रहा है। नीरव मोदी ने बताया कि जब से उन्हें गिरफ्तार किया गया है, तब से उन्हें अप्रैल में दो बार और अभी कुछ दिनों पहले जेल में पीटा गया है।

परंतु जब उन्हें अदालत में पेश किया गया, तब इसी कोर्ट में पिछली पेशी की तुलना में नीरव इस बार ज्यादा तंदुरूस्त लग रहे थे। तो मतलब यहाँ चित भी मेरी और पट भी मेरी

नीरव के इस अंदाज़ की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई। यूजर्ज ने नीरव मोदी की चुटकी लेते हुए खूब पोस्ट किए। एक यूजर ने लिखा, “जितनी जल्दी नीरव मोदी भारत आएगा, उतनी जल्दी कांग्रेस के कई नेता दुम दबाकर भाग निकलेंगे”।, तो एक यूजर ने नीरव मोदी की चुटकी लेते हुए कहा, “अब एक डकैत अदालत को बताएगा कि कैसे निर्णय सुनाना है।

सच बताएं तो नीरव मोदी ने कोई छोटी-मोटी धोखाधड़ी नहीं की है, बल्कि कुल मिलाकर देश का लगभग 13 हज़ार करोड़ रुपये लेकर फरार हुए हैं। नीरव को इसी वर्ष 2019 में यूके की पुलिस ने हिरासत में लिया था और फिलहाल वे अभी पुलिस कस्टडी में हैं।

नीरव के वकीलों ने भारतीय जांच एजेंसियों पर जानकारी लीक करने का आरोप लगाया था। इस पर भारतीय पक्ष के वकील जेम्स लेविस ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट का लीक होना अफसोसजनक है, लेकिन यह भारतीय पक्ष की ओर से नहीं हुआ। लेविस ने नीरव की जमानत याचिका को चुनौती देते हुए दलील रखी कि पिछली बार की अर्जियों के वक्त जो हालात थे, उनमें अब भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। जमानत मिलने पर नीरव के यूके से भागने की आशंका बनी हुई है, जिसका अनुमोदन अपने निर्णय में जज ने भी किया था।

कोर्ट में नीरव की एक न सुनी गयी, और उनकी जमानत याचिका रद्द करते हुए जज एम्मा अबर्थनॉट ने कहा कि पिछली बातें भविष्य में संभावित घटनाओं का संकेत देती हैं। यह नहीं मान सकते कि नीरव गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा और अगले साल मई में होने वाली ट्रायल के वक्त पेश हो जाएगा। उसका डिप्रेशन में होना जमानत खारिज करने के पिछले आदेशों को प्रभावित नहीं कर सकता।

बता दें कि नीरव मोदी 7 महीने से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद हैं, भारत में 2018 की शुरुआत में हुए पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में अपनी पत्नी अमी, भाई निशाल और रिश्तेदार मेहुल चोकसी समेत मुख्य अभियुक्त हैं। नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से क़रीब 13 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज़ लेकर न चुकाने के आरोप हैं। इसे भारत का सबसे बड़ा बैंक घोटाला भी माना जाता है। नीरव मोदी 2018 से ब्रिटेन में हैं।

कभी भारत में अपने हीरों की डिज़ाइन के लिए चर्चा में रहने वाले नीरव मोदी आज भारत प्रत्यर्पित होने के ही ख्याल पर बिलबिला रहे हैं। शायद इन्हें छोटा राजन के केस का बिलकुल भी ज्ञान नहीं है। दाऊद के डी कंपनी के सदस्य रह चुके इस पूर्व गैंगस्टर को जब इंडोनेशिया में पकड़ा गया था, तब उसने दावा किया था कि वह भारतीय जेलों में ज़्यादा सुरक्षित महसूस करता है। नीरव मोदी भारत आयें तो सही, उनकी अच्छे से जेल में खातिरदारी की जाएगी।

परंतु इनकी आत्महत्या करने की धमकी देना न केवल बचकाना, बल्कि प्रत्यर्पण से बचने के लिए एक बेहद ही बेतुका प्रयास है। पहले तो देश की जनता के पैसे लूटो और विदेश भागो बाद में पुलिस की गिरफ्त में आने और भारत में प्रत्यर्पण लगभग तय होने पर तो आत्म हत्या जैसी बेतुकी बातें करो। आजकल तो बच्चे भी इस तरह का ज़िद नहीं करते, जिस तरह नीरव मोदी कोर्ट में घिघिया रहे थे।

शायद विजय माल्या की भांति नीरव को भारत वापसी का डर सताने लगा है, क्योंकि उन्हें पता है कि भारत में उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। या तो नीरव मोदी जनता के आक्रोश से भयभीत हैं या अपने आकाओं के षड्यंत्र का शिकार होने का डर है जिनके अनेकों राज़ उन्हें पता है। अब क्या करोगे, नीरव बाबू?

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