भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद से ही वे भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को वापस उनके देश भेजने की बात पर अड़े हैं। इस दिशा में अमित शाह देशभर में NRC लागू करने की बात कर रहे हैं। अभी देश में घुसपैठीयों की संख्या करोड़ों में है और ये देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बनकर देश के विकास की गति में कमी का कारण बनते हैं। इसके अलावा इन घुसपैठियों से देश के सामने सुरक्षा का खतरा भी पैदा होता है क्योंकि ऐसे लोग हमेशा आतंकवादी संगठनों के निशाने पर होते हैं ताकि इन्हें पैसे का लालच दिखाकर इनसे मन-मुताबिक काम करवाया जा सके। केंद्र सरकार ने पिछले कुछ समय में बांग्लादेशियों को देश से बाहर करने में आक्रामकता दिखाई है, जिसका नतीजा यह निकला है कि अब बंगलादेशी घुसपैठिए खुद देश छोड़कर भाग रहे हैं, और उन्होंने अब भारत में असुरक्षित महसूस करना शुरू कर दिया है।
खबरों की माने तो पिछले कुछ हफ्तों में भारत से लगभग 200 से ज़्यादा घुसपैठिए बॉर्डर पार कर बांग्लादेश चले गए हैं जिन्हें अब बांग्लादेश की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा है। इन लोगों को कहना है कि उन्हें भारत में प्रताड़ित किए जाने का खतरा सता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश छोड़कर भागने वाले लोगों में से अधिकतर बंगलुरु के रहने वाले हैं। दरअसल, पिछले कुछ समय से बंगलुरु पुलिस ने वहां रह रहे अवैध प्रवासियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अभी पिछले दिनों बंगलुरु पुलिस द्वारा लगभग 55 बंगलादेशी नागरिकों को कोलकाता रेलवे स्टेशन पर लाया गया था, उन्हें कुछ घंटों तक रेलवे स्टेशन पर रखा गया और बाद में उन्हें वहां से बस में बिठाकर किसी अन्य जगह ले जाया गया।
पुलिस के मुताबिक केंद्र सरकार ने यह पाया है कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं और इसीलिए उन्हें बांग्लादेश में डिपोर्ट किया जाएगा। इसके अलावा बंगलुरु पुलिस ने कई पुलिस रेड्स में 60 से ज़्यादा मुस्लिम बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था और पुलिस कमिशनर ने बंगलुरु के वासियों को इन घुसपैठियों को रोजगार और रहने की जगह ना देने की चेतावनी भी जारी की थी। इसी सब के बाद बांग्लादेशियों ने शहर को छोड़ना शुरू किया था और अब वे वापस अपने देश बांग्लादेश लौट रहे हैं। बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तो वापस लौटने वाले लोगों की संख्या 350 के पार भी हो सकती है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुरू से ही घुसपैठियों के खिलाफ बोलते रहे हैं और इस वर्ष हरियाणा चुनावों से पहले उन्होंने गुरुग्राम की एक रैली में कहा था कि उनकी सरकार वर्ष 2024 तक चुन-चुन कर देश से सभी घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी। इसके अलावा हाल ही में वे देशभर में NRC लागू करने की बात भी कह चुके हैं, जिसका एकमात्र मकसद देशभर में रह रहे सभी अवैध प्रवासियों की पहचान करना है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों का ही असर है कि अब भारत में रह रहे अवैध प्रवासी खुद देश छोड़कर जाने पर मजबूर हो रहे हैं। यह बेशक देश के कुछ लिबरलों को बुरा लग सकता है, लेकिन देश की सुरक्षा के लिए यह बेहद सुखद खबर है। हमें उम्मीद है कि भारत सरकार जल्द से जल्द देश में अवैध रूप से रह रहे इन घुसपैठियों की पहचान कर इन्हें वापस अपने देश भेजने का काम करेगी और इसी में देश की भलाई है।