सुब्रमण्यम स्वामी की वजह से खुली गांधी परिवार के बड़े झूठ की पोल, फिर खुलेगा 100 करोड़ टैक्‍स का मामला

सोनिया गांधी

PC: Jagran

कहते है न जब दिन खराब होता है तो किसी न किसी प्रकार से मार पड़ती है। यही हाल अभी गांधी परिवार के साथ हो रहा है। पहले नेशनल हेराल्ड केस फिर सेनापति चिदम्बरम का अंदर जाना और फिर अब एक नए मामले यंग इंडिया को चैरिटेबल ट्रस्ट बताने के गांधी परिवार के दावे को खारिज कर दिया जाना। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये का आयकर का मामला फिर खुल सकता है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इस कथित चैरिटेबल ट्रस्ट के खुलासे में महत्वपूर्ण योगदान भाजपा नेता और राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यंग इंडिया लिमिटेड से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी की इनकम का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट दोबारा असेसमेंट कर सकता है। बता दें कि ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि कांग्रेस पार्टी ने यंग इंडियन को लोन दिया था, जिससे उसने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के साथ मिलकर बिजनेस किया था। रिपोर्ट के मुताबिक अब कांग्रेस को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट खत्म हो सकती है क्योंकि उसने इन कंपनियों की मदद करके नियमों का उल्लंघन किया है।

PGURUs की रिपोर्ट के अनुसार अपीलीय न्यायाधिकरण के 175-पृष्ठ के आदेश में दिल्ली, पंचकुला, मुंबई, पटना, लखनऊ और अन्य मेट्रो शहरों में नेशनल हेराल्ड प्रकाशन कंपनी की हजारों करोड़ों की संपत्ति को संदिग्ध रूप से हासिल करने के लिए किए गए धोखाधड़ी को दोहराया है।

ट्रिब्यूनल ऑर्डर ने इस तथ्य का भी खुलासा किया है कि पत्रकारिता की आड़ में, सोनिया और राहुल द्वारा भूमि अधिग्रहण के बाद नेशनल हेराल्ड का गुप्त अभियान केवल संपत्ति का अधिग्रहण करना था।

कांग्रेस ने 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी देकर बताया था कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चैरिटेबल कंपनी है। इस साल जनवरी में आयकर विभाग ने सोनिया और राहुल को नोटिस जारी कर 100 करोड़ रुपये कर चुकाने को कहा था। आयकर के आंकलन के अनुसार, गांधी परिवार ने जो रिटर्न दाखिल किया था, उसमें 300 करोड़ रुपये के आयकर की जानकारी ही नहीं थी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के डायरेक्टर हैं। दोनों के पास कंपनी की 36-36 फीसद हिस्सेदारी है। इसके अलावा मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास 600 शेयर हैं। सैम पित्रोदा के पास भी 550 शेयर थे, जिसे उन्होंने ऑस्कर फर्नांडिस को ट्रांसफर कर दिया था। कांग्रेस ने 2017 में दिल्ली हाई कोर्ट में बताया था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड गैर-लाभकारी कंपनी है। इसी साल अगस्त महीने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एजेएल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में आरोपपत्र दायर किया था। पीएमएलए के तहत जांच में पता चला कि हरियाणा के पंचकूला में एक प्लॉट एजेएल को साल 1982 में आवंटित किया गया लेकिन इसे एस्टेट अधिकारी एचयूडीए ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया, क्योंकि एजेएल ने आवंटनपत्र की शर्तों का पालन नहीं किया। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर 2016 में पीएमएलए शिकायत दर्ज की थी।

नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने निचली अदालत में राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया था। इसके बाद ही गांधी परिवार के खिलाफ आयकर की जांच शुरू हुई थी। इस मामले में राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नांडिस जमानत पर हैं। निचली अदालत ने 2015 में इस मामले सोनिया गांधी को भी जमानत दे दी थी।

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