NDTV चैनल के ऑडिटर ने घोषणा कर दी है, ये चैनल अब अपने घुटनों पर है

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PC: Indiatoday

न्यू दिल्ली टेलिविजन लिमिटेड यानि NDTV बंद होने की कगार पर है। जी हां, आपने सही सुना!!! जाति आधारित पत्रकारिता के लिए फेमस और लिबरलों का चहेता न्यूज़ चैनल NDTV अब दिवालिया होने की कगार पर है। ऐसा हम नहीं कह रहे है बल्कि इस चैनल के ऑडिटर कह रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस चैनल के ऑडिटरों ने चैनल को रिपोर्ट सौंपते हुए सावधान किया है कि कंपनी की क्षमता एक चिंता का विषय है। यह रिपोर्ट NDTV के बोर्ड ऑफ डायरेक्टरस को 12 नवम्बर को BSR and Associates द्वारा सौंपी गयी है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यह कंपनी जो टेलिविजन का बिजनेस चलाती है उसकी वर्तमान ऋण उसकी वर्तमान संपत्ति से 88.92 करोड़ रुपये से अधिक है। इन परिस्थियों के साथ तथा अन्य शर्तों के कारण इस कंपनी की क्षमता पर एक संदेह है, जोकि एक चिंता का विषय है। इस कंपनी को पिछली तिमाही में 10.16 करोड़ का नुकसान हुआ है।‘

बता दें कि NDTV ने घोषणा की थी कि लगातार 5 तिमाही के मुनाफे के बाद, NDTV समूह को 10.27 करोड़ रुपये की हानि हुई है। इसमें से 10.16 करोड़ रुपये का नुकसान मुख्य रूप से टीवी बिजनेस में विज्ञापन से होने वाली आय में गिरावट के कारण हुआ है।

PGURUS की रिपोर्ट के अनुसार ऑडिटर की इस रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि NDTV की कई सहायक कंपनियां और जॉईंट वेंचर खाते उनके लिए पूरी तरह से उपलब्ध नहीं थे।

बता दें कि यह वही NDTV है जिसके प्रमोटर प्रणय रॉय हैं जो टैक्स उल्लंघन, मनी लॉन्ड्रिंग, बैंक धोखाधड़ी के मामलों का सामना कर रहे हैं।

NDTV के प्रमोटर प्रणॉय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक ऋण धोखाधड़ी के लिए जून 2017 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले में आरोपी हैं। एजेंसियों ने पाया है कि दक्षिण अफ्रीका में घर खरीदने के लिए इन दोनों ने बैंक ऋण का इस्तेमाल किया है और हाल ही में दोनों को मुंबई एयरपोर्ट पर भारत से बाहर जाने से भी रोका गया था।

इसके अलावा एजेंसियों ने पाया है कि जेल में बंद वित्त मंत्री पी चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान एफडीआई का उल्लंघन हुआ था। ऑडिटर की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में आरोपी मलेशियाई टेलीकॉम फर्म मैक्सिस के टीवी चैनल एस्ट्रो अवनि नेटवर्क मलेशिया में एनडीटीवी का सहयोगी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले ही रिपोर्ट दी थी कि एयरसेल-मैक्सिस घोटाले के सिलसिले में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई गई थी।

वहीं एक मामले में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने वर्ष 2018 में प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय पर शेयर बाजार में शेयरों की प्रत्यक्ष या परोक्ष खरीद–बिक्री या किसी भी तरह के लेन–देन और चैनल में डायरेक्टर या कोई भी मैनेजमेंट पद संभालने पर दो साल के लिये प्रतिबंध लगा दिया था। इसी तरह वर्ष 2015 में सेबी ने एनडीटीवी को आयकर विभाग द्वारा की गई 450 करोड़ रुपये का ‘टैक्स’ देने और कंपनी के शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों द्वारा की गई शेयरों की बिक्री संबंधी सूचनाएं शेयर बाजारों को देने में देरी करने का दोषी पाया था, और कंपनी पर 2 करोड़ का जुर्माना लगाया था।

एनडीटीवी कई वर्षों से दर्शकों की संख्या और मुनाफे में कमी दोनों से जूझ रही है। इस वर्ष एनडीटीवी ने अपनी सहायक कंपनी रेड पिक्सेल्स (Red Pixels) में 7.38% की हिस्सेदारी दिल्ली दफ्तर परिसर के भूस्वामी एआर चढ्ढा ऐंड कंपनी को बेच दी थी। वर्ष 2017 में दर्शकों की संख्या में गिरावट की वजह से कंपनी ने लागत-कटौती और टर्नअराउंड योजना का सहारा लिया था। एनडीटीवी ने मुख्य क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी पुनर्गठन रणनीति के तहत 25 प्रतिशत स्टाफ में कटौती की घोषणा भी की थी।

हालांकि, NDTV, प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के वित्तीय फ़्रौड्स की लिस्ट तो काफी लंबी है। लेकिन यह कंपनी सिर्फ इसी कारण से आज बंद होने के कगार पर नहीं है। इसके कई और भी कारण हैं और सबसे बड़ा कारण है इस चैनल की क्रांतिकारी पत्रकारिता जिसे कोई नहीं सुनना चाहता। और जब कोई सुनना ही नहीं चाहता तो अन्य कंपनियां इस चैनल को एड यानि विज्ञापन क्यों देगीं?

यह चैनल सिर्फ झूठी खबरे ही नहीं दिखाता बल्कि आतंकवादियों के लिए सॉफ्ट कॉर्नर भी रखता है। साथ ही देश को बदनाम करने से भी नहीं चुकता। हद तो तब हो गयी हिजबुल मुजाहिदीन का एक आतंकी कश्मीर के किश्तवाड़ से गिरफ्तार हुआ था तब एनडीटीवी ने उसे हिजबुल मुजाहिदीन का वर्कर बताया था।

यहीं नहीं जातिमैन रवीश कुमार की जाति वाली पत्रकारिता विश्व प्रसिद्ध है जो किसी भी मुद्दे में बस जाति और धर्म को ही ढूंढते है। उनकी नकारात्मक पत्रकारिता को दर्शकों ने पूरी तरह से नकार दिया है।

साथ ही अनुछेद 370  के बाद पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़) ने NDTV के भारत विरोधी खबर को ट्वीट किया था। पाकिस्तान द्वारा एनडीटीवी के वीडियो का प्रयोग करना न केवल हमारे देश के लिए शर्मनाक है, अपितु एनडीटीवी की पत्रकारिता पर गंभीर प्रश्न भी खड़े करता है। मोदी विरोध में भारत के शत्रुओं को देश के खिलाफ दुनिया में झूठ फैलाने का अवसर देना कहां तक उचित है? शत्रु देश को भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा फैलाने का मौका देकर इस तरह के मीडिया संस्थान देश हित को ताक पर रखते हैं इसी कारण अब इस चैनल को कोई नहीं देखता चाहता है। यह वजह है कि आज यह चैनल बंद होने के मुहाने पर खड़ा है और अब इस कंपनी के ऑडिटर्स ने भी यह बात मान ली है।

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