‘5 एकड़ जमीन पर एक बड़ा सा Charitable Hospital बनवा दो’ प्रोग्रेसिव जावेद अख्तर ने मुस्लिमों को दिया सुझाव

जावेद

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 9 नवंबर को अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अयोध्या की विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को मिलेगा, वहीं मस्जिद के लिए अयोध्या में ही किसी दूसरी जगह पर 5 एकड़ जमीन मुस्लिमों को दी जाएगी।

हिन्दू और मुस्लिम संगठनों ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के बहुप्रतीक्षित फैसले को बेहद संयमित बताया है। दोनों समुदायों ने इस फैसले को लेकर आम सहमति जताई है और सभी ने इसे धर्मनिरपेक्षता की जीत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के जजों की सराहना की है। इसी बीच कुछ सेलिब्रिटिज ने धर्मनिरपेक्षता की एक नयी मिसाल पेश करते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रदान किए गए भूमि के लिए अपने सुझाव दिये हैं। जहां बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर लेखक सलीम खान ने 5 एकड़ की भूमि पर कॉलेज बनाने का प्रस्ताव दिया, तो जावेद अख्तर ने वहां अस्पताल बनाने की सलाह दी है।

जावेद अख्तर अपने ट्वीट में कहते हैं, ये बहुत अच्छा होगा अगर 5 एकड़ मिली जगह पर चेरिटेबल हॉस्पिटल बना दिया जाएगा और इसे सभी समुदाय के लोगों का समर्थन भी मिलेगा।”

इस कथन का अनुमोदन करते हुए अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा ने कहा, बहुत अच्छा आइडिया है सर! यह भी अच्छा होगा कि हम इस समस्त धन का प्रयोग उन्ही वस्तुओं पर करें जो हमारे लिए वाकई में मायने रखते हों, जो हमारे प्रकृतिक संसाधनों की रक्षा करने में सहायता कर सके”।

इसी कड़ी में बॉलीवुड अभिनेत्री गौहर खान ने भी जावेद के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा- हां! दुनिया के लिए एक मिसाल पेश कर दो।”

सच बताएं तो इस ट्वीट से जावेद अख्तर ने सिद्ध कर दिया है कि वे कितने प्रगतिशील मुसलमान हैं। केंद्र सरकार की प्रशासन के कारण आज देश का हर मुसलमान निस्संकोच अपनी बात सबके सामने रख सकता है और अपनी धर्मनिरपेक्षता से समाज के लिए एक नया आदर्श स्थापित कर सकता है। इसी कड़ी में जावेद अख्तर ने एक नई मिसाल पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रदान की गयी 5 एकड़ ज़मीन पर चैरिटेबल अस्पताल बनाने का सुझाव दिया। शायद उन्होंने हाल ही में डॉ॰ सुब्रह्मण्यम स्वामी से इस संबंध में अच्छी दीक्षा ली है।

जावेद अख्तर ने अपने साथी मुस्लिमों को एक नई राह देने के साथ ही साथ राष्ट्रवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी एक बार फिर सिद्ध किया। कुछ वर्ष पहले जब टुकड़े-टुकड़े गैंग ने जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाते हुए देश में एक नया विवाद खड़ा किया था, तब असदुद्दीन ओवैसी ने यह घोषणा की थी कि वे किसी भी स्थिति में भारत माता की जय या वंदे मातरम के नारे नहीं लगाएंगे।

इस पर जावेद मियां ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए राज्य सभा में भारत माता की जय के नारे लगाए। इसके अलावा उन्होंने ये भी हुंकार लगाई,  “मैं ओवैसी से किसी भी उस क्षेत्र में लड़ने को तैयार हूँ, जहां आधे वोटर मुसलमान और आधे हिन्दू हों। इन कट्टरपंथियों के साथ समस्या ये हैं कि वे आपकी पहचान को कुचलकर आपको एक ही साँचे में ढालना चाहते हैं

इसके आगे ओवैसी के बयान का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने कहा था- ‘बात यह नहीं है कि भारत माता की जय बोलना मेरा कर्तव्य है या नहीं, बात यह है कि भारत माता की जय बोलना मेरा अधिकार है।’ अख्तर ने कहा, ‘मैं कहता हूं- भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।’ इस पर उच्च सदन सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

मानना पड़ेगा जावेद मियां, बड़ी उत्तम सोच है आपकी। उक्त जगह पर अस्पताल जरूर बननी चाहिए।

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