TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    पाकिस्तान को क्लीन चिट, 'पुलवामा व सिंदूर नाटक' और 'चुनाव आयोग को धमकी': राहुल के बयानों से गरमाई सियासत

    राहुल गांधी का ट्रिपल वार: पाकिस्तान को क्लीन चिट, पुलवामा-सिंदूर को बताया नाटक, EC को दी चेतावनी

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    असम में छात्राओं को मिलेगी स्कॉलरशिप, बाल विवाह पर भी सीएम ने किया ये ऐलान

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    टैरिफ विवाद पर मनीष तिवारी देश के साथ, राहुल गांधी के बयानों को किया खारिज

    पाकिस्तान को क्लीन चिट, 'पुलवामा व सिंदूर नाटक' और 'चुनाव आयोग को धमकी': राहुल के बयानों से गरमाई सियासत

    राहुल गांधी का ट्रिपल वार: पाकिस्तान को क्लीन चिट, पुलवामा-सिंदूर को बताया नाटक, EC को दी चेतावनी

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में राहुल गांधी मुस्कुराते हुए देखे गए, पहले भी सामने आए है ऐसे मामले

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    The Impact of Global Inflation on Everyday Life in India

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    ट्रंप के टैरिफ वार पर आरबीआई की पैनी नजर, जानें क्या होंगे इसके प्रभाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    ट्रंप की नाराजगी से नहीं डरेगा भारत, रूस पहुंचे अजित डोभाल, पुतिन से हो सकती है बड़ी डील

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    भारत पर सख्ती, चीन पर नरमी? ट्रंप की नीति पर निक्की हेली का तगड़ा वार

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: '1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ

    टैरिफ की धमकी पर सेना का जवाब: ‘1971 याद है हमें, जब अमेरिका ने पाकिस्तान का दिया था साथ’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जेएनयू के फीस में वृद्धि पर रविश कुमार के विचार उनके स्वभाव की तरह हास्यास्पद हैं!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
13 November 2019
in मत
जेएनयू के फीस में वृद्धि पर रविश कुमार के विचार उनके स्वभाव की तरह हास्यास्पद हैं!

PC: NDTV

Share on FacebookShare on X

अपनी विचारधारा के लिए अक्सर विवादों के केंद्र में रहने वाला जेएनयू एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। हाल ही में प्रशासन द्वारा हॉस्टल फीस एवं विश्वविद्यालय की अन्य सुविधाओं के मूल्य में बढ़ोत्तरी के विरोध में जेएनयू के वामपंथी छात्रों ने एक बार फिर कैम्पस में हुड़दंग मचाया हुआ है। इन छात्रों के उग्र प्रदर्शन के कारण हाल ही में सम्पन्न विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में काफी अड़चनें आई। छात्रों के प्रदर्शन के बाद कॉलेज प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस ले लिया है। हालांकि, इस विषय पर रेमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार रवीश कुमार ने अपने विचार सबके सामने रखे।

प्राइम टाइम पर इनका मुंह खुला नहीं कि इन्होंने इस स्थिति के लिए भी मोदी सरकार को दोषी ठहरा दिया और अपनी बात को सिद्ध करने के लिए एकदम ऊटपटाँग तर्क सामने रखे। सबसे पहले तो रवीश कुमार ने फीस की बढ़ोत्तरी के लिए देश की आर्थिक स्थिति को प्रमुख कारण बताते हुए कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ही नहीं, आईआईटी के एमटेक और पीएचडी के छात्र भी फीस वृद्धि को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उत्तराखंड के 16 आयुर्वेदिक कालेजों के छात्र भी फीस वृद्धि के खिलाफ 43 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। यह बताता है कि खराब आर्थिक स्थिति का असर आम परिवारों पर पड़ा है।  जहां नौकरियां जा रही हों, सैलरी न बढ़ रही हो, मजदूरी घट रही हो, वहां फीस बढ़े यह अजीब है। अगर सरकारी संस्थान महंगे होंगे तो सबको शिक्षा नहीं मिलेगी”।

संबंधितपोस्ट

बंगाल का JNU कहे जाने वाले जादवपुर यूनिवर्सिटी में की गई आजाद कश्मीर और फ्री फिलिस्तीन की पेंटिंग; वामपंथी छात्र संगठन PDSF के खिलाफ दर्ज हुई FIR

JNU में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए केंद्रों की होगी स्थापना।

UN population report: जनसंख्या का डाटा रिलीज़ हुआ लेफ़्टिस्टों ने हिन्दुओं की गलती घोषित किया!

और लोड करें

इसके तुरंत 360 डिग्री का यू टर्न लेते हुए रवीश कुमार की लड़ाई फीस वृद्धि से हटकर जेएनयू के पुस्तकालय को 24 घंटे खुला रखने पर चली गयी। स्वयं रवीश महोदय के शब्दों में, ‘जेएनयू की लाइब्रेरी की तस्वीर यहां से पास होने वाले छात्रों के दिलों में हमेशा के लिए रह जाती है। रात अंधेरे किसी रास्ते से किताब लिए आता कोई छात्र पढ़ाकू दिखने के लिए नहीं बल्कि किताबों के बीच जीने मरने के लिए लाइब्रेरी में वक्त बिताता है। इस लाइब्रेरी ने न जाने कितने छात्रों की ज़िंदगी बदल दी। पहले लाइब्रेरी के कई रीडिंग रूम पूरी रात खुले रहते थे, अब छात्रों का कहना है कि एक भी रीडिंग रूम रात भर खुला नहीं रहेगा”। मूल मुद्दे से ऐसे भटकना तो कोई रवीश कुमार से ही सीखे।

ठहरिए, बात यहीं पर खत्म नहीं होती। रवीश बाबू ने तो यहाँ तक कह दिया कि जेएनयू में जो अपनी फीस नहीं देते हैं, उन डिफॉल्टरों की स्थिति के लिए भी सरकार और उनकी आर्थिक नीतियाँ दोषी है। रवीश कुमार के अनुसार, ‘यह इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि डिफॉल्टर बढ़ गए हैं, ये यूनिवर्सिटी का कहना है। तो डिफॉल्टर क्यों बढ़े? क्योंकि भारत की आर्थिक स्थिति खराब है? दस साल बाद फीस बढ़ाई जा रही है। अभी आपने सुना कि जो छात्र 800 रुपया नहीं दे सकता उससे अगर 12000 रुपये लिए जाएंगे तो वह कहां से देगा? परिमल ने ऐसे कुछ छात्रों से बात की है. जो ऐसे परिवारों से आते हैं जिनके लिए 1000 रुपये की बढ़ोत्तरी भी लाख के समान है”।

अब ऐसा है रवीश कुमार जी, पहले तो ज़रा फैक्ट चेकिंग पर ध्यान दें हॉस्टल फीस 300 रुपए हुआ है, 3 लाख नहीं जो आप इतना घबराए गये। यह भी आजकल के प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों के हॉस्टल फीस के मुकाबले काफी सस्ता है। यदि ना समझे हो, तो बी एच यू को ही देख लीजिए। वहां का फीस स्ट्रक्चर भी गरीब छात्रों के लिए अनुकूल है। यदि यहां पर बढ़ोत्तरी हुई भी है, तो भी यहां के छात्रों ने इतना हंगामा नहीं मचाया जितना जेएनयू के वामपंथी गुटों ने फीस की बढ़ोत्तरी पर मचाया है। अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना गलत नहीं है, पर जो आप करते हैं ना रवीश कुमार, उसे अन्याय के विरुद्ध विरोध नहीं, ज़बरदस्ती अपना एजेंडा चलाना कहते हैं।

खैर, यदि आप रवीश कुमार की छवि को हटा दे, तो आपको ऐसा लगेगा जैसे कोई निष्पक्ष पत्रकार नहीं, बल्कि जेएनयू के उसी उग्रवादी छात्र समूह का कोई सदस्य ऐसी बातें कर रहा है। लगता है लोकसभा 2019 के चुनावी परिणाम, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने और अब अयोध्या मामले में मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने का काफी घातक असर रवीश बाबू के मन मस्तिष्क पर पड़ा है। इसके अलावा और कोई कारण नहीं हो सकता कि जेएनयू में फीस वृद्धि के मुद्दे पर रवीश कुमार लाइव टेलिविजन पर ऐसे बेतुके और ऊटपटाँग बयान देते फिरे। अब जब कॉलेज प्रशासन ने फीस वृद्धि का फैसला वापस लेने की बात कही है तो ये मुद्दा अभी के लिए तो शांत हो जायेगा।

परंतु यह पहला ऐसा मामला नहीं है। इससे पहले भी रवीश कुमार अपने ऊटपटाँग तर्कों के लिए सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बने हैं। इसी वर्ष की शुरुआत में उन्होंने रक्षा बजट के बारे में ये फेक न्यूज़ फैलानी शुरू कर दी की तथाकथित रक्षा बजट 1962 के स्तर से भी कम हो चुका है। विश्वास नहीं होता तो इसे ही देख लीजिये –

रवीश कुमार कितने निष्पक्ष हैं, इसका अंदाज़ा इसी से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान वे महागठबंधन की एक रैली में किस प्रकार से अखिलेश यादव और मायावती की चाटुकारिता करते हुए दिखाई दिए थे। इसके बाद भी उनकी हिम्मत तो देखिये कि वे अपने समकालीन पत्रकारों को बिना किसी ठोस आधार के मोदी सरकार का चाटुकार घोषित कर देते हैं।

उदाहरण के लिए रवीश कुमार ने कुछ एंकर्स और न्यूज़ चैनल के मालिकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने भाजपा के लिए इतनी शिद्दत से मेहनत की है कि उन्हें मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल कर लेना चाहिए। रवीश कुमार ने अपनी इस टिप्पणी के माध्यम से मेनस्ट्रीम मीडिया पर तंज कसने की कोशिश की थी, लेकिन उनका यह तंज़ उनपर तब भारी पड़ गया जब रोहित सरदाना ने उनको उन्हीं की भाषा में करारा जवाब दिया –

रोहित सरदाना ने रवीश को धो दिया 🤣 pic.twitter.com/pFofPLyPDf

— BALA (@erbmjha) May 21, 2019

ऐसा लगता है कि रवीश कुमार अब अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। तर्कसंगत बने रहने के लिए अब वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, चाहे इसके लिए कॉमन सेंस की ही बलि क्यों न चढ़ानी पड़े। पर जेएनयू के मामले में जिस तरह से रवीश कुमार ने अपने तर्क पेश किए हैं, उसे देखकर हमारे मुंह से बरबस यही निकल पड़ता है, ‘बेटा, तुमसे न हो पाएगा। हमें तुम्हारे लक्षण बिलकुल ठीक नहीं लग रहे तुमसे न हो पाएगा’।

Tags: जेएनयूरवीश कुमार
शेयर53ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘थैंक्यू इंडिया!’ भारत के समर्थन से खुश होकर इजराइल ने जताया भारतीयों का आभार

अगली पोस्ट

अंग्रेज़ी काल के इमारतों से आगे बढ़िए, क्योंकि अब दिल्ली आपके सामने बदलने वाली है

संबंधित पोस्ट

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के जागरण की कहानी
भारत

यात्राएं जो बनीं बदलाव का रास्ता: बीजेपी के उदय और राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण की कहानी

5 August 2025

स्वतंत्रता के बाद से देश में कई आंदोलन हुए। इसी कड़ी में तीन ऐसी यात्राएं हैं, जिन्होंने देश की तस्वीर तो बदली ही, ऐसी सरकार...

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास
चर्चित

युवाओं के परिप्रेक्ष्य में ‘अनुच्छेद 370’ का निरस्तीकरण: तर्क, आवश्यकता और इतिहास

5 August 2025

आज 5 अगस्त है और 5 अगस्त भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाने वाली तिथि है। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 अगस्त, 2019...

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”
चर्चित

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

2 August 2025

17 वर्ष की प्रतीक्षा, 6200 से अधिक दिन और 1 अनकहा नैरेटिव—जिसे सत्ता, मीडिया और राजनीति ने मिलकर गढ़ा था। मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

00:20:21

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

00:07:49

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

00:06:28
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited