आशुतोष गोवारिकर की बहुप्रतिक्षित फिल्म ‘पानीपत – दी ग्रेट बिट्रेयल’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में संजय दत्त, मोहनीश बहल, अर्जुन कपूर, कृति सैनन इत्यादि प्रमुख भूमिकाओं में होंगे। ये फिल्म पानीपत के तीसरे युद्ध को सिल्वर स्क्रीन पर दिखाएगी और इसे 6 दिसंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित किया जाएगा।
ज्ञात हो कि पानीपत का तीसरा युद्ध मराठा सेना और अफगानों, रोहिल्लों एवं अवध के संयुक्त सेना के बीच लड़ा गया था। अफगान बादशाह अहमद शाह दुर्रानी या अब्दाली को जहां रोहिल्लों के सरदार नवाब सादुल्लाह खान एवं उनके विश्वासपात्र नजीबुद्दौला और अवध के नवाब शुजा उद दौला का समर्थन प्राप्त था, तो वहीं मराठाओं के समर्थन में कोई आगे नहीं आया।
अहमद शाह अब्दाली के आक्रमण के चलते मराठा साम्राज्य ने उसे ध्वस्त करने के लिए सदाशिवराव भाऊ के नेतृत्व में एक विशाल सेना भेजी। परंतु सदाशिवराव भाऊ को उत्तर भारत के भौगोलिक अथवा राजनीतिक परिस्थितियों का कोई ज्ञान न था। इसके अलावा उन्होंने जाट समुदाय के राजा सूरजमल की चेतावनी को भी दरकिनार किया। इसी कारण युद्ध में लगभग विजय के द्वार पर पहुँचने के बाद भी मराठा सेना को पराजय का मुंह देखना पड़ा, और उनके साथ पानीपत आए लगभग 1 लाख व्यक्तियों में असंख्य लोगों का विजयी सेना ने नरसंहार किया।
अब आते हैं ट्रेलर पर, जिसे सोशल मीडिया पर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। चूंकि ‘मोहेंजों दारो’ जैसे सुपर फ्लॉप फिल्म के बाद यह आशुतोष गोवारिकर की पहली फिल्म है, इसलिए लोगों को उनसे काफी आशाएँ हैं। सच कहें, तो आशुतोष ने उस समय की घटनाओं और वातावरण को पर्दे पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म के सेटों का वैभव हो, शानदार परिधान हो, यह सभी एक ऐसे फिल्म का संकेत दे रहा है, जिससे लोगों को काफी आशाएँ हैं।
परंतु पानीपत की कास्टिंग पर सोशल मीडिया में काफी मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली है। जहां आशुतोष ने अहमद शाह अब्दाली जैसे अत्याचारी आक्रांता के लिए संजय दत्त को चुना, तो वहीं सदाशिवराव भाऊ के रोल के लिए अर्जुन कपूर का चुनाव न केवल अटपटा है, बल्कि अनुचित भी। अर्जुन कपूर के फिल्म में होने एवं सदाशिवराव भाऊ के तौर पर छाप न छोड़ने से निराश प्रशंसकों ने अपनी भड़ास सोशल मीडिया पर कुछ इस प्रकार निकाली –
https://twitter.com/____muskan____/status/1191987051442212865
#BOLLYWOOD: Arjun Kapoor trolled for Panipat and the memes are LIT! Netizens can’t help but point out that Panipat is strangely reminiscent of Ranveer Singh-starrer Bajirao Mastani & Arjun Kapoor is being served! .
See more on our website!#BOLLYWOOD: Arjun Kapoor trolled for… pic.twitter.com/duqDjE8rGz— Indian Spice (@spiceofi) November 6, 2019
https://twitter.com/KalakaarBakchod/status/1191993227043196928
संजय दत्त एक उत्कृष्ट अभिनेता हैं, जिनकी छवि पर्दे पर निखर कर आती है, जबकि अर्जुन कपूर अभिनय और स्क्रीन प्रजेन्स दोनों में ही मात खाते हैं। यहाँ अभिनेता को खलनायक के विरुद्ध न केवल प्रभावी होना चाहिए, अपितु उसके रौद्र रूप से स्वयं खलनायक भी भयभीत महसूस करे। परंतु भावहीनता के कारण अर्जुन कपूर ट्रेलर में ही सदाशिवराव भाऊ के व्यक्तित्व को न्याय देने में असमर्थ रहे हैं। अर्जुन कपूर के कारण ‘इंडियाज़ मोस्ट वांटेड’ फ्लॉप सिद्ध हुई, जहां अर्जुन यासीन भटकल को पकड़ने वाले ग्रुप के एक इंटेलिजेंस अफसर बने थे। शायद यही कारण है कि कई लोगों ने उन्हें आभार प्रकट किया जब अर्जुन ने बताया कि बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर ‘कबीर सिंह’ पहले उन्हें ऑफर किया गया था, जिसे किन्ही कारणों से उन्होंने मना कर दिया था।
भले ही सदाशिवराव भाऊ परिपक्व नहीं थे, परंतु वे एक वीर पराक्रमी योद्धा थे। ऐसे में एक ऐसे अभिनेता की आवश्यकता थी, जो न केवल भूमिका के साथ न्याय कर सके, अपितु खलनायक को हर क्षेत्र में टक्कर दे सके। अजय देवगन पराक्रमी मराठा योद्धा ताणाजी मालुसरे के जीवन पर आधारित ओम राऊत की प्रथम हिन्दी फिल्म ‘ताणाजी – द अनसंग वॉरियर’ फिल्म के फर्स्ट लुक में दिखाई दिये। यदि सदाशिवराव भाऊ के तौर पर उन्हें फिल्म में लिया जाता, तो संजय दत्त को हर क्षेत्र में वे टक्कर देते दिखाई देते।
सदाशिवराव भाऊ के लिए एक और रोचक चॉइस शाहिद कपूर होते, जिन्होंने ‘पद्मावत’ में रणवीर सिंह से लोहा लिया था। स्क्रिप्ट भले ही रणवीर को ज़्यादा तवज्जो दी गयी थी, परंतु शाहिद भी पीछे नहीं रहे थे। सदाशिवराव के चरित्र के लिए जो शौर्य, जो अधीरता की आवश्यकता है, उसे शाहिद बखूबी निभाते, यदि उन्हें सदाशिवराव का रोल निभाने को दिया जाता।
इसी कड़ी में साउथ के सुपर स्टार प्रभास भी हैं जो सदाशिवराव की भूमिका में काफी जंचते, याद रहे कि बाहुबली सीरीज़ में अपने अभिनय से उन्होंने जान डाल दी थी। यदि वे सदाशिवराव के रोल में होते, तो वे न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर आग लगा देते, अपितु संजय दत्त के भी पसीने छुड़ा देते।
किसी भी फिल्म के लिए कास्टिंग काफी अहम होती है। ये फिल्म को बाहुबली की तरह अमर बना सकती है, परंतु आशुतोष गोवारिकर की पानीपत वाली कास्टिंग को देखते हुए लगता है कि वे मोहेंजों दारो की भांति एक और फ्लॉप फिल्म की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि अर्जुन कपूर और संजय दत्त में अभिनय के संबंध में कोई मेल ही नहीं है।