हिंदुओं को ठगने के बाद शिवसेना को अब हुई ‘वंदे-मातरम’ से परेशानी, सदन में नहीं लगाया नारा

महाराष्ट्र, देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की खिचड़ी सरकार बन गई है। उद्धव ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। गठबंधन के लिए 145 विधायक चाहिए था लेकिन कुल मिलाकर 169 विधायकों का समर्थन मिला। इससे पहले भाजपा ने सदन में बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया पर सवाल उठाया था। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पहले स्पीकर का चुनाव होना चाहिए था फिर बहुमत का परीक्षण होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन की शुरूआत वंदे मातरम के नारों से होनी चाहिए थी जोकि वर्षों से यहां की परंपरा रही है। लेकिन नई सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि इस विधानसभा में नियमों को और संविधान को तोड़ा गया है. जो सभा संविधान के हिसाब से नहीं चलता उसमें हम शामिल नहीं हो सकते. इतना कहकर फडणवीस सहित तमाम 105 बीजेपी विधायक सदन छोड़कर बाहर चले गए और जमकर नारेबाजी की। हालांकि देवेंद्र फडणवीस की इन आपत्तियों को प्रोटेम स्पीकर ने खारीज कर दिया। बता दें कि यही शिवसेना कुत्तों तक को वंदे मातरम कहने की बात कर रही थी लेकिन आज सत्ता की लालच में अपनी विचारों को ही भूल गई है। आज शिवसेना को वंदे मातरम बोलने में भी शर्म आ रही है।

राज्य में सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाएंगे

इसके साथ ही भाजपा के एक विधायक राम कदम ने कहा कि हमनें कभी नहीं कहा कि हमारे साथ संख्या है यहां मुद्दा ये है कि नियमों को ताक पर रखकर काम न हो। राम कदम ने शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा- ”सुप्रीम कोर्ट ने कब कहा कि प्रोटेम स्पीकर बदलो, पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है फिर उसके बाद सदन में बहुमत परीक्षण होता है। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर सारा काम हुआ है। राम कदम ने आगे कहा कि भाजपा राज्य में एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाएगी। हम विरोध के लिए विरोध नहीं करेंगे लेकिन सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध करेंगे।

प्रोटेम स्पीकर और डिप्टी सीएम पद को लेकर मतभेद जारी

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और एनसीपी में डिप्टी सीएम और स्पीकर दोनों पदों को लेकर मतभेद जारी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस दोनों ही पद अपनी पार्टी के पाले में लाना चाहती है। कांग्रेस स्पीकर पद छोड़ने की बात तो कर रही है लेकिन उसके बदले दो डिप्टी सीएम पद की मांग कर रही है। वहीं एनसीपी इस प्रपोजल पर राजी नहीं है।

सरकार तो बन गई लेकिन मंत्रिमंडल को लेकर रस्साकस्सी जारी

बता दें कि पूर्व सीएम फडणवीस को समर्थन देने वाले एनसीपी के नेता अजीत पवार के हाथ खिंच लेने के बाद सरकार गिर गई थी। 80 घंटे की फडणवीस सरकार गिरने के बाद आनन-फानन में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की गठबंधन ने सरकार बना लिया है। अब तीनों दलों ने सरकार तो बना ली है लेकिन अभी भी मंत्रिमंडल व अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रस्साकस्सी जारी है।

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