सबरीमाला मंदिर में Activism दिखाने जा रहीं तृप्ती देसाई की साथियों पेपर स्प्रे से हुआ स्वागत!

तृप्ति देसाई

PC: ANI

सबरीमाला मंदिर मामले की सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई मंगलवार सुबह मंदिर जाने के लिए कोच्ची एयरपोर्ट पर पहुंचीं। सामाजिक कार्यकर्ता देसाई के साथ कई महिला साथी भी थीं। उनके साथ इसी साल मंदिर में प्रवेश करने वाली बिंदु अम्मिनी भी थीं। मीडिया सूत्रों के अनुसार पता चला है कि पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर किसी ने उनकी आखों में मिर्ची स्प्रे से हमला कर दिया।

इस पर केरल में एक बार फिर से राजनीतिक बहस होने लगी है। केरल सरकार के मंत्री सुरेद्रंन के मुताबिक-, सबरीमाला में शांति भंग करने के लिए मुझे तृप्ति देसाई की अगुआई में साजिश का शक है। उनका यहां आना और बिंदु पर हमला इसी का हिस्सा है। सरकार ऐसी घटनाएं नहीं होने देगी।‘’

गौरतलब है कि 16 नवंबर को मंदिर के कपाट मंडल पूजा उत्सव के लिए फिर से खोले गए थे। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने का निर्णय सुनाया था। हालांकि अब इस फैसले पर पुनर्विचार याचिका डाली गई है। अब इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ सुनवाई करेगी।

बता दें कि तृप्ति देसाई का भक्ति और भावना से कोई संबंध ही नहीं हैं बस वो चर्चा में बने रहने के लिए भक्तों की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का प्रयास करती रही हैं। शनिधाम शिंगणापुर मंदिर, हाजी अली दरगाह, महालक्ष्मी मंदिर और त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर सहित कई धार्मिक जगहों पर महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिलाने के अभियान की अगुवाई कर चुकी हैं।

सच्ची भक्त तो वो महिलाएं हैं जो खुद ही अपने धर्म और उससे जुडी आस्था और विश्वास को बनाये रखने के लिए #ReadyToWait नामक अभियान चला रही हैं। मंदिर में दर्शन के लिए वही भक्त जातें हैं जिन्हें भगवान पर आस्था और विश्वास हो। इसके साथ ही मंदिर में अनुष्ठान और कुछ रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है जो मंदिर की पवित्रता को बनाये रखता है।

हालांकि, ये आत्मघोषित फेमिनिस्ट और कार्यकर्ता मंदिर में प्रवेश कर मंदिर की पवित्रता को खंडित करने का उद्देश्य रखती हैं जिससे वो चर्चा में आ सकें और अपने अहंकार की तृप्ति के लिए वो ऐसा करते हैं। हाल ही में तथाकथित कार्यकर्ता जिस मुद्दे पर अभियान चला रही हैं।

हालांकि,  हाजी अली में तृप्ति का दोहरा रुख सामने आ गया था। तृप्ति देसाई हाजी अली दरगाह में महिलाओं के जियारत की वकालत की थी और और सुप्रीम कोर्ट ने दरगाह में प्रवेश करने की अनुमति भी दे दी थी। यहां तृप्ति नेप्रवेश किया जहां तक महिलाओं के प्रवेश की अनुमति है और सभी नियमों का पालन और पवित्र दरगाह की सीमा को नहीं पार किया।

तृप्ति देसाई ने शनि सिगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर सफल आंदोलन का नेतृत्व कर चर्चा में आई थीं और अब सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद वह मंदिर जाने का प्रयास करके हिंसा फैलाना चाहती हैं।

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