TMC का ये नेता शाह को बंगाल में घुसने से रोकना चाहता था, बांग्लादेश ने उसका वीज़ा ही रद्द कर दिया

ज़्यादा तो नहीं जली ना!

(PC: Zee News)

CAA का विरोध जताने के नाम पर गृह मंत्री अमित शाह को धमकी जारी करने वाले पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री को अब बांग्लादेश ने झटका दिया है। सिद्दीकुल्ला चौधरी को झटका देते हुए बांग्लादेश सरकार ने वीजा देने से मना कर दिया है। सिद्दीकुल्ला को कट्टरपंथी नेता मानते हुए बांग्लादेश ने ऐसा किया है। दरअसल, उन्होंने कुछ दिनों पहले ही अमित शाह को लेकर कहा था कि “अगर गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून को लागू करते हैं, तो उन्हें बंगाल में घुसने नहीं दिया जाएगा, और उन्हें एयरपोर्ट से बाहर कदम रखने की इजाजत नहीं दी जाएगी”। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमित शाह को लेकर दिये गए बयान के बाद ही बांग्लादेश ने यह कदम उठाया है।

चौधरी ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें पड़ोसी देश बांग्लादेश की यात्रा पर जाने लिए वीजा चाहिए था, लेकिन कोलकाता में स्थित बांग्लादेशी उप-उच्चायोग ने अभी तक वीजा स्वीकृत नहीं किया है। चौधरी 26-31 दिसंबर तक बांग्लादेश की यात्रा पर जाने वाले थे। चौधरी ने इस मामले पर खेद प्रकट हुए कहा, ‘मैंने 12-13 दिसंबर को 5 दिन की यात्रा के लिए वीजा आवेदन दिया था। मुझे वहां एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए बुलाया गया था और निजी कार्यक्रम भी थे, लेकिन मुझे अभी तक वीजा नहीं मिला है। अभी न तो उन्होंने मुझे यह बताया कि मेरा वीजा आवेदन स्वीकार हुआ है और न ही आधिकारिक तौर पर इनकार किया है। मेरे पास सभी जरूरी दस्तावेज राज्य और केंद्र सरकार की जरूरी अनुमति हैं।’

बता दें कि सिद्दिकुल्लाह ममता सरकार में मंत्री होने के साथ-साथ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। CAA के विरोध में जमीयत-ए-हिंद की रैली में सिद्दिकुल्ला चौधरी ने कहा था कि “अगर जरूरत पड़ी तो हमलोग अमित शाह को शहर के हवाईअड्डे के बाहर कदम नहीं रखने देंगे। उन्हें रोकने के लिए हमलोग एक लाख लोग को वहां जमा कर सकते हैं”।

गृह मंत्री को सीधे तौर पर दी गयी धमकी के बाद बांग्लादेश ने उनको कट्टरपंथी नेता माना और उन्हें वीज़ा देने से ही मना कर दिया।

CAA को लेकर पहले बांग्लादेश ने जरूर कुछ चिंताजनक संकेत दिये थे, लेकिन अब बांग्लादेश के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन ने 16 दिंसबर को कहा था किउनके देश ने भारत से अनुरोध किया कि अगर उसके पास वहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की सूची है, तो उसे मुहैया कराए और वह उन्हें लौटने की मंजूरी देगा“।

एनआरसी पर एक सवाल के जवाब में मोमेन ने कहा था कि बांग्लादेश-भारत के संबंध सामान्य और ‘काफी अच्छे’ हैं तथा इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अब CAA के विरोध में बोल रहे मंत्री को वीज़ा न देकर बांग्लादेश ने एक और बड़ा संकेत दिया है, जो आने वाले दिनों में भारत-बांग्लादेश रिश्तों के लिए अच्छा साबित होगा।

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