”हमारी मदद करें, हम हताश हैं”- कांग्रेस की ‘भारत बचाओ रैली’ कैसे कांग्रेस बचाओ रैली में बदल गई!

कांग्रेस, नेहरू, गांधी

हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली की रामलीला मैदान में भारत बचाओ रैली का आयोजन किया था, जिसमें कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं और नेहरू गांधी परिवार के सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराई थी। दिल्ली के रामलीला मैदान में कराई गयी इस रैली में मुख्य उद्देश्य था केंद्र सरकार का नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करना, जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों, जिनका संबंध हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन या पारसी जैसे समुदायों से संबंध हों। इस रैली में किसानों की समस्या और बेरोजगारी को भी मुद्दे के रूप में रखा जाना था।

परंतु जैसा कि हर कांग्रेस रैली के साथ होता है, ये रैली भी गांधी परिवार के लिए एक पीआर एक्सरसाइज़ मात्र रह गई। राहुल गांधी ने इस रैली का उपयोग सरकार को घेरने के नाम पर पीएम मोदी के विरुद्ध अपनी भड़ास निकालने के लिए किया था। उन्होने कहा, “संसद में भाजपा नेताओं ने कहा कि मुझे माफी मांगनी चाहिए। उन्हें मालूम होना चाहिए कि मेरा नाम राहुल गांधी है, राहुल सावरकर नहीं। मैं कभी नहीं माफी मांगूंगा। कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता माफी नहीं मांगेगा”।

इसके अलावा रैली में केवल सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बड़े बड़े पोस्टर ग्राउंड पर विद्यमान थे। एक भी कांग्रेस पार्टी का अन्य नेता उनके अलावा उन पोस्टरों में शामिल नहीं हो पाया। वहीं प्रियंका गांधी नेहरू गांधी परिवार के ‘बलिदानों’ का राग अलापने लगी, और वे कहने लगी कि वे भाजपा को एक सांप्रदायिक देश नहीं बनाने देंगी, और देश को ‘कांग्रेस के खून’ के लिए एक होना होगा।

इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने एक-एक करके कई ट्वीट पोस्ट किए, जिसमें सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के भाषणों के कई अंश दिखाए गए। एक जगह सोनिया गांधी कहती हैं, “हम भारत की जनता को आश्वासन देते हैं कि कांग्रेस संविधान के लिए प्रतिबद्ध है और वे अंत तक भारतीय लोकतन्त्र के लिए लड़ेंगी। जो भारतीय अपने देश से प्रेम करता है उसे एक होकर भारत के आइडिया को बचाना ही होगा। कांग्रेस पार्टी लोगों के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने को तैयार है”।

Help us, we’re desperate – how Congress’ Bharat Bachao rally turned into Congress Bachao rally

नेहरू-गांधी परिवार पर केंद्रित भारत बचाओ रैली से यह बात स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस में अभी भी पार्टी की कमान नेहरू-गांधी परिवार के हाथों में रहेगी। अफवाहें चल रही हैं कि राहुल गांधी एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे। उनके नेतृत्व में 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को करारी हार मिली थी।

जिस तरह से पार्टी के समीकरण अभी हैं, उससे सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया [शिंदे] जैसे लोग, जिन्होंने कांग्रेस को क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत रखने में अपना योगदान दिया था, अनदेखे ही किए जाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधानों को निरस्त करने का समर्थन भी किया था। ऐसे में वे पार्टी अध्यक्ष के तौर पर एक उचित विकल्प हो सकते थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी का भारत बचाओ रैली में केवल गांधी परिवार और उनके चाटुकारों पर ध्यान देना उनके पार्टी के भविष्य को और भी काला बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

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