नागरिकता संशोधन विधेयक यानि सीएबी को सोमवार देर रात तक केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा में आसानी से पास करवा लिया है। सदन में उपस्थित 391 सदस्यों में से 311 सदस्यों ने इसके पक्ष में अपना मत दिया, जबकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और एआईएमआईएम के सदस्यों समेत 80 लोकसभा के सदस्यों ने इसके विरोध में अपना मत दिया।
बता दें की यह विधेयक पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक नागरिकों, विशेषकर हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी, जैन जैसे समुदायों को नागरिकता प्रदान करेगी। इसके लिए ऐसे समुदायों के शरणार्थियों को लगभग छह वर्ष के लिए भारत में रहना आवश्यक होगा। चूंकि इस विधेयक में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है, इसलिए हमारी लेफ्ट लिबरल बिरादरी को मानो इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने से कुछ ज़्यादा ही दुख पहुंचा है। कुछ को मानो इस निर्णय से विशेष हृदयाघात पहुंचा है। तभी वे इस विधेयक के विरुद्ध विष उगलते दिखाई दे रहे हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में सबसे मुखर विरोधी बनकर सामने आई राणा अय्यूब, जिन्होंने इस विधेयक के पारित होने को भारत के लिए एक विनाशकारी कदम बताया। उनके ट्वीट के अनुसार, “नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान की मृत्यु का संकेत है। देखिये इसे आज संसद में पारित होते हुए। आपके मौन ने आपको इस अपराध में सहभागी बनाया है, आपने इसे वोट दिया है, और आप इसे लागू कर रहे हैं”।
The Citizenship Amendment bill will be the death knell of the Indian constitution. Witness it play out in the Indian Parliament today , your silence has been your complicity, you voted for this, you enabled this.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) December 9, 2019
परंतु वे वहीं नहीं रुकी, और उन्होंने पीएम मोदी की तुलना मुहम्मद अली जिन्ना से कर दी। उन्होंने आगे ट्वीट किया, “क्या हम जिन्ना से आगे बढ़ सकते हैं? हमें अब एक मोदी को भी झेलना है!” –
Guys, can we get over Jinnah. We have a Modi to deal with.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) December 9, 2019
राणा अय्यूब का समर्थन करते हुए द वायर की घोर वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट किया, “बहुत कम इतिहास में ऐसा समय आता है जब चुप रहना स्वीकार्य नहीं। यह सीएबी मेरे भारत के आइडिया के विरुद्ध है। अब भी नहीं इसके विरुद्ध बोलेंगे तो यह इस सरकार के कुटिल नीतियों के समर्थन समान होगा”।
Keep asking questions of the government. Don’t let the IT cell, threats, slander or dishonest TV anchors stop you from holding politicians accountable. This would be the most patriotic thing you do as a citizen.
— Rohini Singh (@rohini_sgh) February 15, 2019
जब रोहिणी ने अपने विचार प्रस्तुत किए हों, तो द वायर की आइकोनिक पत्रकार कैसे पीछे रहती? आरफा खानुम शेरवानी को मानो इस बिल के पारित होने से ज़्यादा अमित शाह के दर्पण रूपी बयान चुभे थे। लिहाजा उन्होंने बौखलाहट में ट्वीट किया, “इस मुगालते में न रहिए कि भारत इसलिए हिन्दू राष्ट्र बना क्योंकि पाकिस्तान इस्लामी राष्ट्र बना। भारत का आधार हमेशा से धर्मनिरपेक्ष था, और ये सबसे बड़ा झूठ है कि कांग्रेस के कारण देश का विभाजन हुआ”।
No matter how cleverly worded this statement is but don’t be fooled that India becomes a Hindu country just because Pakistan decided to be an Islamic nation.
India’s foundation was always secular.
And the bigger lie is that the Congress was responsible for the partition of India. https://t.co/hKN46nCNfJ— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) December 9, 2019
अभिनेत्री आलिया भट्ट की मां और अभिनेत्री सोनी राज़दान ने इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने को भारत का अंत बताते हुए कहा, “जिस इंडिया को हम जानते और प्यार करते हैं, ये उसका अंत है। कम से कम उन लोगों के लिए तो है ही जो हम जानते हैं”। –
This is the end of the India we all know and love. Or at least for many of us who do. 💔 https://t.co/qgMalHOZ1U
— Soni Razdan (@Soni_Razdan) December 9, 2019
अब ऐसे में प्रचंड नारीवादी अभिनेत्री स्वरा भास्कर कैसे पीछे रहती? ‘वीरे दी वेडिंग’ में अपने ‘अभूतपूर्व’ अभिनय के लिए चर्चित स्वरा भास्कर ने इस विधेयक का समर्थन करने वाले लोगों के लिए ट्वीट किया, “लानत है” –
SHAME! https://t.co/5DZkmpINsB
— Swara Bhasker (@ReallySwara) December 9, 2019
कई महीनों से शांत बैठी अलगाववादी शेहला राशिद शोरा एक बार फिर उबल पड़ी, और उन्होंने इस विधेयक को पारित करने के लिए भारत को ही निशाने पर ले लिया। एक के बाद एक ट्वीट करने से पहले उन्होंने कहा, “भारत अब सच में कुत्तों के हवाले कर दिया गया है!”
https://twitter.com/Shehla_Rashid/status/1204003798701625344
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वो इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं। उनके ट्वीट के अनुसार, “इतने सारे लोग मेरी टाइमलाइन पर वही बात बोल रहे हैं। मैं सो नहीं पा रही हूं, और न ही वे भारतीय संसद में इस घटना के बाद सो पा रहे हैं”। #CABAgainstConstitution –
So many people on my timeline echoing the same damn thing: they can't sleep because of what transpired in the Indian Parliament today. I can't either. #CABAgainstConstitution
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 9, 2019
उन्नाव केस में ब्राह्मण कार्ड खेलने वाले लिबरल पत्रकार अजित अंजुम भी अपने आप को रोक नहीं सके, उन्होंने भी ट्वीट करते हुए अपना दुखड़ा सुनाया। उनके अनुसार-
‘’तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा।‘’
(आज से 60 साल पहले साहिर ऐसे गाने लिखकर चले गए, आज लिखते तो इतनी गाली सुनते कि लिखना भूल जाते)
तू हिन्दू बनेगा न
मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है
इंसान बनेगा
तू हिन्दू बनेगा न
मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है
इंसान बनेगा
(आज से 60 साल पहले साहिर ऐसे गाने लिखकर चले गए , आज लिखते तो इतनी गाली सुनते कि लिखना भूल जाते )— Ajit Anjum (@ajitanjum) December 9, 2019
परंतु वे यहीं नहीं रुके। अजित अंजुम ने आगे यह भी लिखा, “जिन्हें लगता है कि ये #CitizenshipAmendmentBill2019 आईडिया ऑफ इंडिया के खिलाफ नहीं है, वो अगर ‘कट्टर हिंदुत्ववादी’ नहीं हैं तो पढ़ें और समझें। अगर कट्टर हैं तो आपसे क्या कहना। आप तो हिन्दूराष्ट्र चाहते ही हैं”।
जिन्हें लगता है कि ये #CitizenshipAmendmentBill2019 आईडिया ऑफ इंडिया के खिलाफ नहीं है ,वो अगर 'कट्टर हिंदुत्ववादी' नहीं हैं तो पढ़ें और समझें .
अगर कट्टर हैं तो आपसे क्या कहना. आप तो हिन्दुराष्ट्र चाहते ही हैं .#CitizenshipDebate pic.twitter.com/L9hdfbPvCb— Ajit Anjum (@ajitanjum) December 10, 2019
कांग्रेस और नेहरू गांधी परिवार की चाटुकारिता के लिए चर्चित पत्रकार सागरिका घोष ने भी इस विधेयक पर अपने दो टूक विचार प्रस्तुत किए। उनके अनुसार, “#सीएबी और #एनआरसी किसी भी सरकार के लिए अपने नागरिकों को आतंकित करने के लिए पर्फेक्ट सामग्री है। नौकरशाहों की सेना अब आपकी निगरानी करेगी, नागरिकों को कागजों के लिए दौड़ाएगी, और उन्हें सताएगी। बिग स्टेट जीत गया, और नागरिक शक्तिहीन हो गए”।
इसी बीच आर्टिक्ल 15 जैसे विवादित फिल्मों की पटकथा लिखने वाले गौरव सोलंकी ने इस विषय पर ट्वीट किया, “देश एक वेब सीरीज़ की तरह हो गया है। जब भी लगता है कि अब तो हिन्दू मुस्लिम कहानी के सारे एंगल निचोड़ लिए, क़िस्सा ख़त्म – तभी नया सीज़न अनाउंस कर देते हैं” –
देश एक वेब सीरीज़ की तरह हो गया है। जब भी लगता है कि अब तो हिन्दू मुस्लिम कहानी के सारे एंगल निचोड़ लिए, क़िस्सा ख़तम – तभी नया सीज़न अनाउंस कर देते हैं।
— Gaurav Solanki (@_gauravsolanki) December 9, 2019
सच कहें तो हमारे लेफ्ट लिबरल्स अब पहले की भांति सरकार को अपनी उँगलियों पर नहीं नाचा पा रहे हैं। उनके लिए घुसपैठियों पर कार्रवाई करना लोकतन्त्र की हत्या हो जाती है, चाहे उनके प्रिय पार्टी अपने शासन में बार बार लोकतन्त्र की हत्या करते फिरे। अब नागरिकता संशोधन विधेयक से जब ये सुनिश्चित हो चुका है कि उनके छद्म धर्मनिरपेक्षता के ताबूत में कीलें ठोंक दी गयी है, तो उनका विलाप तो स्वाभाविक है, पर अब पछताने से क्या फ़ायदा, हुआ तो हुआ!