इंस्टाग्राम यूनिवर्सिटी: जहां 16 साल के फैशन-स्टार संविधान को पढ़ाते हैं, और लोगों का ब्रेनवॉश करते हैं

Whatsapp University के बारे में तो अपने सुना ही होगा जहां लोगों को बिना ज्ञान के ही ज्ञान मिलता है। इसी ज्ञान के आधार पर अपना ओपिनियन देते हैं। परंतु अब सोशल मीडिया पर ही एक नयी यूनिवर्सिटी देखने को मिल रही है जहां 16 वर्ष के नए-नवेले फैशन-स्टार संविधान पर ज्ञान देते दिखाई दे रहे हैं। और इस यूनिवर्सिटी का नाम है Instagram। यहां किसी भी तरह का प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए सबसे आसान प्लेटफार्म बन चुका है। कई सारे चैनल हैं जो सिर्फ अपने प्रोपेगेंडा को ही फैलाने के लिए आज के युवाओं के दिमाग में अफवाह और कचरा भर रहे हैं।

 

बता दें कि Instagram  पर लगभग 1 बिलियन यूजर है और भारत में इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 77 मिलियन यूजर हैं।

इस सोशल मीडिया पर सबसे अधिक युवा अपनी उपस्थिती दर्ज कराते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार 18 से 34 वर्ष तक के युवा कुल संख्या के लगभग 65 हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्लेटफार्म की कितनी व्यापकता है।

वहीं भारत में 18 से 34 वर्ष के युवा में यह प्रतिशत 70.9 हैं। किसी भी देश का युवा अगर इस तरह से एक सोशल मीडिया पर उपस्थिती दर्ज कराता है तो अवश्य ही उसका कुछ परिणाम होता होगा और उसके दिमाग पर भी इसका प्रभाव पड़ता होगा।

भारत में कुछ भी राजनीति से अछूता नहीं है और इन्स्टाग्राम के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। पहले तो यह एक फोटो एंव वीडियो शेयरिंग एप की तरह आया था लेकिन धीरे धीरे राजनीति ने भी यहां पैर पसार लिए और फिर शुरू हो गया अधपके ज्ञान, अफवाह और प्रोपोगेंडा का तांडव। देखते ही देखते इस अधपके ज्ञान और झूठ का यह भंडार एक यूनिवर्सिटी में तब्दील हो गया और यह यूनिवर्सिटी व्हाट्सप्प युनिवर्सिटी से भी बड़ी बन गयी।

आइये देखते हैं आखिर कैसा और किस प्रकार का रायता इन्स्टाग्राम पर फैलाया जाता है। वर्षों से विकृत इतिहास और मीडिया में फैलाये जा रहे दुष्प्रचार के कारण आज के भारतीय युवाओं में हीन भावना समाहित हो चुकी है और वे किसी भी भारतीय चीज़ की तुलना सबसे पहले पश्चिमी देश से करते है। ऐसे ही इन्स्टाग्राम पर प्रधानमंत्री को नाजी कहना एक प्रचलन बन गया है और इस सोशल मीडिया पर सभी अधपके और स्वघोषित राजनीतिक एक्सपर्ट्स का यही कहना है। एक बात सच कहुं तो इन सभी को यह नहीं पता होगा की नाजी होता क्या है। यह खुशकिस्मत हैं कि वे आज के दौर में जन्मे है नहीं तो उस समय हिटलर ने कितनी अमानवता की थी उन्हें शब्दों में बयान करना मुश्किल है। यही नहीं भारत को फासिस्ट देश कहना तो फैशन का एक अहम हिस्सा बन गया है। उन्हें यह भी नहीं पता कि अगर भारत फासिस्ट देश होता और मोदी मुसोलिनी के जैसे होते तो ये फैशन दिखाने वाले तिहाड़ जेल में होते और उनके साथ क्या सुलूक होता यह वे सोच भी नहीं सकते।  बेशक ये सभी या तो रोमिला थापर की पुस्तक पढ़ कर आये हैं या इरफान हबीब की जिन्होंने इतिहास के नाम पर कपोलकल्पना लिख कर पूरे भारत को केवल बेवकूफ बनाया।

कई फैशन स्टार या यूं कहे Influencers अरुंधति रॉय के कथन को शेयर करते दिखते है। उन्हें यह भी नहीं पता कि ये हार्डकोर अर्बन नक्सली कितने भारत विरोधी अभियान कर चुकी है।

कई तो भाजपा को रोज़ मुस्लिम विरोधी पार्टी घोषित करती हैं, और यह उनके राजनीतिक ज्ञान की कमी को ही दर्शाता है। नए-नए लोगों को बिना समझे यह दावा करना आसान है कि यह नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम विरोधी है। इन्स्टाग्राम पर ये जितने भी कानून के नए-नए विद्यार्थी ज्ञान देते फिर रहे हैं उन्होंने अच्छे से एक बार नागरिकता संशोधन कानून को पढ़ा भी नहीं होगा।

NRC के बारे में यह फैलाया जा रहा है कि यह मुस्लिम विरोधी हैं जबकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से संप्रदाय रहित है। कुछ लोग यह भी फैला रहे हैं कि गरीब तबका कैसे अपनी नागरिकता साबित करेगा। यह उनकी अज्ञानता को ही दर्शाता है। बता दें कि NRC की जब प्रक्रिया होगी तो वह असम में हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में हुए NRC से बिलकुल भिन्न है। There is no biryani without Muslims’ or ‘Modi eat shit’ जैसे slogan का इस प्लेटफार्म पर फैलना इन सभी नवजात एक्स्पर्ट्स के संकीर्ण मानसिकता को ही दर्शाता है। ऐसे ही कई स्लोगन इन्स्टाग्राम पर फेमस हो रहे हैं.

इन्स्टाग्राम पर cool बनने के चक्कर में यह आम बात हो चुकी है कि वे मोदी का विरोध करे, चाहे कुछ भी हो। उनका यही कहना है कि इस कॉमेडियन ने विरोध किया है तो जरूर सही ही होगा। इन Influencers के लिए अब कॉमेडियन ही बेंचमार्क रह गए है जो संविधान का ‘स’ भी नहीं जानते है। इन युवाओं को यह भी नहीं पता होता कि वे कॉमेडियन उनका इस्तेमाल कर बस पैसे कमाते है।

इस इन्स्टाग्राम यूनिवर्सिटी पर रायता फैलाने वाले यह तर्क दे रहे हैं कि इस कानून ने अनुच्छेद 14 की अवहेलना की है और यह कानून असंवैधानिक है। इनको तो यह भी नहीं पता होगा कि अनुच्छेद 11 क्या होता है या अनुच्छेद 15 (A) क्या होता है।

ऐसे ही जब अनुच्छेद 370 हटाया गया था तब जम्मू-कश्मीर के बारे में भी रोज़ झूठ फैलाया जा रहा था। इन दोनों ही मौकों पर इन्स्टाग्राम यूनिवर्सिटी व्हाट्सप्प यूनिवर्सिटी से भी बड़ी युनिवर्सिटी साबित हुई जहां युवा बिना जाने ही Influencers की बातों में आ जाते है। ये सिर्फ एक दो मौके नहीं है बल्कि रोज ही सोशल मीडिया को ही सच मानने वाले अपने आप को गर्त में धकेल रहे हैं।

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