किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या उप-मुख्यमंत्री का क्या काम होता है? राज्य की और राज्य के लोगों की चिंता करना और शासन व्यवस्था बनाए रखना? परंतु दिल्ली की हालत आज कुछ और ही हो चुकी है। राज्य के ही de-facto CM या उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली की कोई चिंता नहीं है और इसका उदाहरण उन्होंने तब दिया जब उन्होंने नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस पर ही बस जलाने का आरोप लगा दिया।
बता दें कि जब 15 दिसंबर को जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में हिंसक प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थरबाजी करते समय और भी ज्यादा हिंसक हो गए और सार्वजनिक वस्तुओं को क्षति पहुंचाने लगे तोड़-फोड़ करने लगे, तो इसी दौरान इन उपद्रवियों ने दिल्ली बस सेवा की एक बस में आग भी लगा दी। इस तरह से बस को जलाने के बाद एजेंडा चलाने वालों ने तुरंत सोशल मीडिया पर भीड़ को काबू में करने का प्रयास कर रही दिल्ली पुलिस पर ही आरोप लगा दिया कि जान बूझ कर दिल्ली पुलिस ने ही बस में आग लगाई है।
इसी पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह कहा कि बसों को पुलिस की निगरानी में जलाया गया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘ये फ़ोटो देखिए.. देखिए कौन लगा रहा है बसों और कारों में आग.. यह फ़ोटो सबसे बड़ा सबूत है बीजेपी की घटिया राजनीति का… इसका कुछ जवाब देंगे बीजेपी के नेता ..’ मनीष सीसोदिया’
ये फ़ोटो देखिए.. देखिए कौन लगा रहा है बसों और कारों में आग.. यह फ़ोटो सबसे बड़ा सबूत है बीजेपी की घटिया राजनीति का… इसका कुछ जवाब देंगे बीजेपी के नेता .. pic.twitter.com/8HvHC8epwn
— Manish Sisodia (@msisodia) December 15, 2019
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘इस बात की तुरंत निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए कि बसों में आग लगने से पहले ये वर्दी वाले लोग बसों में पीले और सफ़ेद रंग वाली केन से क्या डाल रहे है.. ? और ये किसके इशारे पर किया गया? फ़ोटो में साफ़ दिख रहा है कि बीजेपी ने घटिया राजनीति करते हुए पुलिस से ये आग लगवाई है’।
इस बात की तुरंत निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए कि बसों में आग लगने से पहले ये वर्दी वाले लोग बसों में पीले और सफ़ेद रंग वाली केन से क्या डाल रहे है.. ?
और ये किसके इशारे पर किया गया?फ़ोटो में साफ़ दिख रहा है कि बीजेपी ने घटिया राजनीति करते हुए पुलिस से ये आग लगवाई है. https://t.co/8eaKitnhei
— Manish Sisodia (@msisodia) December 15, 2019
ठीक इसी तरह आम आदमी पार्टी की ही आतिशी मार्लेना ने भी दिल्ली पुलिस पर ही आरोप लगा दिया।
लेकिन कुछ ही देर बाद ही एक वीडियो सामने आया जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता था कि दिल्ली पुलिस आग बुझा रही थी न कि आग लगा रही थी।
I have got official version from Delhi Police on this viral #Jamia video.
Top Police Sources- “Policemen were DOUSING and not fuelling fire. There was water in the can. One can even head someone in the video saying “bujh gayi” “
STOP spreading unverified stuff. #JamiaProtests pic.twitter.com/zbTg2DD6Kl
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) December 15, 2019
ट्विटर पर इसके बाद मनीष की खूब थू-थू हुई। टिवीटर यूजर्स ने जम कर लताड़ लगाई।
@msisodia शायद तुममें शर्म नाम की चीज़ है ही नही। पुलिस आग बुझा रही थी।
ये देख https://t.co/uMLRXEWtIB— Yogendra – ExSecular 🗨️ (@yogendrapbh) December 15, 2019
आखिर एक केंद्र शासित प्रदेश का उपमुख्यमंत्री अगर इस तरह से पुलिस पर ही सवाल उठा देता है तो सोचिए आम जनता पर किस प्रकार का असर इस ट्वीट से हुआ होगा। सिर्फ तुच्छ राजनीति के लिए पुलिस जैसी एक संस्था पर सवाल खड़े करना, वह भी एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा, यह उस पार्टी और उस व्यक्ति की दूषित मानसिकता को ही दिखाता है। बता दें कि दिल्ली पुलिस सीधे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है न कि मुख्यमंत्री को। इस कारण अक्सर ही दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस में तनातनी देखने को मिलती है। इस बार तो हद ही गई और आम आदमी पार्टी अपनी मर्यादा लांघते हुए तनाव के दौर में भी इस तरह की झूठी खबर फैला रही थी। मनीष सिसोदिया यह जानते हैं कि दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति का एक नमूना देते हुए इस तरह से दिल्ली पुलिस को संदेह के घेरे में डालने का प्रयास किया। एक के बाद एक कई वीडियो सामने आए जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह से उपद्रवियों ने आतंक मचाया है और सार्वजनिक वस्तुओं में तोड़-फोड़ की है। मनीष सिसोदिया ने एक बार भी यह नहीं सोचा कि उनके द्वारा किए गए ट्वीट से क्या परिणाम हो सकते है। लोग जिस पुलिस पर भरोसा करते है, उस भरोसे को गहरा धक्का भी लग सकता था और उसके बाद कोई भी पुलिस पर भरोसा नहीं करता। लेकिन यह तो अच्छा हुआ कि अन्य वीडियो के जरिये सच सामने आया और इंडिया टुडे को भी आस पास वाले चश्मदीदों ने यह बयान दिया कि पुलिस केन से पानी डाल कर आग बुझा रही थी। मनीष सीसोदिया ने न सिर्फ अपने पद का दुरुपयोग किया है बल्कि पुलिस पर एक संगीन आरोप लगा कर अपराध भी किया है। चुनाव नजदीक हैं और जनता यह सब झूठ देख रही है। जनता को सब पता है कि कौन कितना सच बोल रहा है और कौन देश हित में काम कर रहा है। चुनाव में आम आदमी पार्टी और मनीष सीसोदिया को यह झूठ भरी पड़ सकता है।