हिंसा की जननी, बंटवारे की जननी CAA पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन्हीं शब्दों का प्रयोग कर भाजपा सरकार पर हमला बोला था। हालांकि, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकतान्त्रिक मूल्यों को लेकर कांग्रेस के दोहरे मापदंडों की बख़ियाँ उधेड़ने में समय नहीं लगाया। सोनिया गांधी की एक टिप्पणी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राजनीतिक लाभ के लिए ‘मगरमच्छ के आंसू’ बहा रही हैं। इसी के साथ निर्मला सीतारमण ने इतिहास याद दिलाते हुए सोनिया गांधी को कहा कि इन्दिरा गांधी सरकार के समय ऐसे ही छात्रों को तिहाड़ में भेज दिया गया था, उसपर सोनिया गांधी क्या कहना चाहेंगी?
वित्त मंत्री ने छात्रों के बारे में कांग्रेस के इतिहास पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या ऐसा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में नहीं था कि दिल्ली के एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों को तिहाड़ जेल भेजा गया था। भाजपा नेता ने कहा कि पुलिस ने तब विश्वविद्यालय में प्रवेश किया था और पूरे शैक्षणिक वर्ष को शून्य घोषित करना पड़ा था। सीतारमण ने आगे सोनिया गांधी के पाखंड को एक्सपोज करते हुए कहा कि सरकार पर सोनिया गांधी की टिप्पणी गैर-जिम्मेदाराना और राजनीति से प्रेरित है। वित्त मंत्री ने सोनिया से यह भी सवाल किया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान भीड़ हिंसा के अपराधियों को दंडित करने के लिए कांग्रेस ने क्या किया?
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था, ‘‘बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए सांप्रदायिक कलह को बढ़ावा दे रही है। युवाओं व छात्रों की आवाज को दबाने के प्रयास से साबित हो रहा है कि मोदी सरकार के अंत की शुरुआत हो चुकी है।’’ नागरिकता कानून पर हो रहे विरोध को लेकर सोनिया गांधी ने कहा था कि सरकार अपने ही लोगों से जंग लड़ रही है।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने CAA के विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था जिसके बाद यह प्रदर्शन उग्र हो गया था और छात्रों ने पुलिस पर पत्थरों से हमला बोला था। इसके बाद पुलिस ने मामला शांत करने के लिए उग्र छात्रों पर यूनिवर्सिटी में घुसकर काबू पाया था, जिसे कांग्रेस ने छात्रों की स्वतन्त्रता पर हमला बताया। कांग्रेस और सोनिया गांधी के इसी पाखंड को सोमवार को निर्मला सीतारमण ने एक्सपोज किया। इसके साथ ही उन्होंने सोनिया से एक जिम्मेदार विपक्ष की तरह बर्ताव करने की नसीहत भी दी।