अमित शाह का CAB पर विपक्ष के हर झूठ और सवाल को तगड़ा जवाब

अमित शाह

PC: AajTak

सोमवार को लोकसभा में CAB पास कराने के बाद आज गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में भी इस बिल को पेश कर दिया। जब से CAB लोकसभा से पास हुआ है, तभी से इस बिल को लेकर फेक न्यूज़ फैलाने वाले लोगों की सोशल मीडिया पर भरमार आई हुई है। विपक्षी पार्टियों के समेत कई लिबरल बुद्धिजीवियों ने इस बिल को लेकर सरकार पर हमला बोला है। हालांकि, आज राज्यसभा में इस बिल को पेश करते हुए अमित शाह ने चुन-चुनकर उन सभी सवालों का जवाब दिया, जिसे लेकर पिछले कुछ घंटों से एक विशेष श्रेणी के लोगों ने भारत सरकार के खिलाफ एजेंडा चलाने का ठेका लिया हुआ है।

सबसे पहले अमित शाह ने उन लोगों को जवाब दिया जो सरकार पर आरोप लगा रहे थे कि भाजपा जान-बूझकर वोटर्स को लुभाने के लिए इस बिल को लेकर आ रही है। शाह ने इसपर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि CAB लेकर आना भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा था जिसके आधार पर वोटर्स ने भाजपा को भारी बहुमत से विजयी बनाया।

कुछ लोग इस बिल का विरोध इसलिए भी कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह भारतीय मुसलमानों के साथ भेदभाव करेगा। इसपर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा ‘देश में भ्रांति फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिमों के खिलाफ है। हमारे देश के मुस्लिम इस देश के नागरिक हैं, थे और रहेंगे। देश के किसी भी मुसलमान को चिंता करने की जरूरत नहीं है।’ इसके बाद अमित शाह ने विपक्ष से पूछा ‘आप चाहते क्या हैं, पूरी दुनिया से मुसलमान यहां आएं और उन्हें हम नागरिक बना दें, देश कैसे चलेगा? क्या हम किसी भी देश से आने वाले मुस्लिमों को अपने देश की नागरिकता दे दें?”

इसके बाद अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेषाधिकारों की बात कही, जिसके तहत उन्होंने बताया कि पूर्वोतर राज्यों की संस्कृति के संरक्षण के लिए इस बिल में विशेष प्रावधान जोड़े गए हैं। अमित शाह ने कहा ‘उत्तर पूर्व के सभी राज्यों में शेड्यूल 6 में असम, मेघालय, मिज़ोरम, त्रिपुरा और अब मणिपुर नोटिफाइड हो चुका है, जनजाति इलाकों पर यह बिल नहीं लागू होगा। इसी तरह इनर लाइन परमिट के इलाके यानि मणिपुर, अरुणाचल, अधिकांश नागालैंड, मिज़ोरम में भी CAB लागू नहीं होगा।

इसके बाद अमित शाह ने असम को लेकर काफी लंबा बयान दिया । उन्होंने कहा “असम का जहां तक सवाल है, आज यहां मैं एक कटु वास्तविकता रखना चाहता हूँ। असम के अंदर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम अकोर्ड किया। असम के अंदर असम के लोगों की सांस्कृतिक पहचान, भाषीय पहचान और चुने हुए फोरम में उनके प्रतिनिधित्व को बचाने के लिए क्लौज 6 बनाया गया, क्लौज 6 के माध्यम से भारत सरकार को एक कमिटी गठित करना था। उस कमिटी को असम के लोगों के भले के लिए विचार करने के लिए बनाया गया था। इसके बाद असम के लोग खुश हुए, और उन्होने आंदोलन को समाप्त कर दिया। परंतु, 1985 से लेकर वर्ष 2014 से लेकर क्लौज 6 की कमिटी ही नहीं बनी। 35 सालों तक किसी को असम की चिंता नहीं हुई। कमिटी तब बनाई गयी, जब इस देश में पीएम मोदी की सरकार बनाई गयी। अमित शाह ने आखिर में कहा कि उनकी सरकार इसी क्लौज़ के तहत कमिटी बनाकर सभी समस्या को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है”।

अमित शाह का यह बयान उन सभी को जवाब माना जा रहा है जिन्होंने CAB को लेकर देशभर में गलत तथ्य प्रस्तुत करने की कोशिश की थी। उदाहरण के तौर पर राहुल गांधी ने इस बिल को लेकर ट्वीट करते हुए कहा था ‘नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) मोदी-शाह सरकार की पूर्वोत्तर को नस्ली तौर पर साफ कर देने की कोशिश है… यह पूर्वोत्तर, उसकी जीवनशैली तथा भारत के विचार पर आपराधिक हमला है… मैं पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं, और उनकी सेवा में तत्पर हूं। इसके अलावा बरखा दत्त समेत कई लोग सोशल मीडिया पर भी भारत सरकार के खिलाफ अपना एजेंडा चलाने की कोशिश कर रहे थे।

हालांकि, अब अमित शाह ने राज्यसभा में उन सभी को करारा जवाब दिया है। अमित शाह ने तथ्यों के समेत विपक्ष को इस बिल के बारे में बताया , इसके अलावा वे आखिर में भी बिल पर चर्चा के दौरान सभी सांसदो द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देंगे। उम्मीद है कि वे आज इस बिल को राज्यसभा से भी पास कराने में सफल होंगे जिसके बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान से भारत में आए धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को उनका न्याय मिल सकेगा।

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